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October 18, 2025

रक्षक या भक्षक? MP पुलिस के 1 हफ्ते में 4 काले कारनामे, जनता में बढ़ा गुस्सा

The CSR Journal Magazine
मध्य प्रदेश पुलिस की छवि इस हफ्ते गंभीर रूप से धूमिल हुई है। सिर्फ सात दिनों में चार अलग-अलग मामले सामने आए हैं, जिन्होंने जनता और प्रशासन दोनों के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इनमें भोपाल में छात्र की पिटाई से मौत, सिवनी में डकैती, बालाघाट में मालखाने से ₹55 लाख की चोरी और प्रदेश पुलिस मुख्यालय में फर्जी बिल घपले जैसी घटनाएं शामिल हैं।इन घटनाओं ने यह दिखाया कि पुलिस विभाग को न केवल बाहरी अपराधियों के खिलाफ, बल्कि अपनी आंतरिक निगरानी और अनुशासन के मामले में भी सतर्क रहने की जरूरत है।

भोपाल में छात्र की मौत: पुलिस की बेरहम पिटाई

भोपाल में एक सीसीटीवी फुटेज ने देश को झकझोर दिया। वीडियो में दिखा कि पुलिसकर्मी एक इंजीनियरिंग छात्र को बेरहमी से मार रहे हैं। छात्र का गुनाह सिर्फ इतना था कि वह अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर रहा था।पिटाई के नतीजे में छात्र को 26 घातक चोटें आईं और उसकी मौत हो गई। घटना का वीडियो वायरल होते ही जनता और सोशल मीडिया में गुस्सा फैल गया। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर दोषी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया और मामले की जांच शुरू कर दी गई।

सिवनी में डकैती: CSP पूजा पांडे समेत 11 अधिकारी संलिप्त

सिवनी जिले में पुलिस अधिकारियों की संलिप्तता वाला मामला सामने आया। SDOP पूजा पांडे और उनके 11 साथियों ने 8–9 अक्टूबर की रात नागपुर से जबलपुर ले जा रहे हवाला व्यापारी के 2.96 करोड़ रुपए पर कब्जा किया।राशि देखकर लालच में आकर अधिकारियों ने अधिकांश रकम अपने पास रख ली। घटना अगले दिन मीडिया में आई और 10 अक्टूबर को केवल 1.45 करोड़ रुपए ही जब्त किए गए। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिए और कहा कि मध्य प्रदेश में सभी नागरिक और कर्मचारी बराबर हैं, सभी पर कार्रवाई होगी।

बालाघाट में मालखाने से ₹55 लाख गायब

बालाघाट जिले के थानों में जप्त मालखाने की जांच में पता चला कि 55 लाख रुपए और जेवर गायब हो गए हैं। मालखाने का इंचार्ज राजीव पन्द्रे जुए का आदी था। उसने लाखों रुपए हारने के बाद, जब्त रकम जुए में खर्च कर दी।मामला तब सामने आया जब फरियादी महिला कोर्ट से आदेश लेकर थाने में अपने पैसे लेने पहुंची। पुलिस ने आरोपी कर्मी को गिरफ्तार कर लिया। यह घटना पुलिस की निगरानी और आंतरिक नियंत्रण में कमजोरी को उजागर करती है।

PHQ में ₹15 लाख का फर्जी बिल घपला

प्रदेश पुलिस मुख्यालय में वित्तीय अनियमितताओं और घोटाले की खबरें आई हैं। PHQ में ₹15 लाख के फर्जी बिल का मामला सामने आया।सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया है। यह घटना दिखाती है कि विभागीय और प्रशासनिक स्तर पर भी निगरानी की कमी है।

प्रशासन और जनता की प्रतिक्रिया

इन घटनाओं ने जनता में गुस्सा और असंतोष बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या सुरक्षा देने वाले ही अपराधों में संलिप्त हो सकते हैं।राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को समझते हुए सभी चार घटनाओं की जांच के आदेश दिए हैं। उच्चस्तरीय जांच समितियां गठित की गई हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है।
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