app-store-logo
play-store-logo
October 14, 2025

छोटा देश, बड़ी कमाई: यहां हर नागरिक करोड़पति कैसे बन गया? सच जानकर हैरान रह जाएंगे!

The CSR Journal Magazine
यूरोप के दिल में बसा एक ऐसा छोटा देश, जहां न अपराध का डर है, न गरीबी की चिंता इसलिए हर जेब भरी रहती है। यूरोप का छोटा-सा देश लक्जमबर्ग (Luxembourg) आज पूरी दुनिया के लिए ‘अमीरों का देश’ कहलाता है। महज़ 2,586 km² क्षेत्र और करीब 6.5 लाख आबादी वाला यह देश दुनिया के सबसे सम्पन्न देशों में गिना जाता है।World of Statistics और IMF के 2025 आंकड़ों के मुताबिक, यहां की GDP per capita (PPP) करीब $150,000, यानी सालाना लगभग ₹1.25 करोड़ और महीने के हिसाब से ₹10 लाख से भी ज्यादा हैI

🇱🇺 कहां है लक्जमबर्ग और क्यों है इतना खास?

लक्जमबर्ग पश्चिमी यूरोप में बसा है ,इसके पड़ोसी हैं फ्रांस, बेल्जियम और जर्मनी। इतिहास के कई दौरों में यह छोटे-बड़े साम्राज्यों के अधीन रहा, लेकिन 19वीं सदी में यह स्वतंत्र ‘Grand Duchy’ बना।आज यह एक संवैधानिक राजशाही है, जहां ग्रैंड ड्यूक (Grand Duke) राष्ट्राध्यक्ष हैं और चुनी हुई संसद शासन करती है।

आर्थिक ताकत: बैंकिंग, निवेश और कम टैक्स ने बदला देश का भाग्य

लक्जमबर्ग की असली ताकत उसकी बैंकिंग और फाइनेंस इंडस्ट्री है। यहां इतनी बैंकें हैं कि कहा जाता है “यहां लोगों से ज्यादा बैंक हैंI कम कर दरें, सुरक्षित निवेश और स्थिर राजनीतिक व्यवस्था ने इसे ‘Europe Tax Paradise’ बना दिया है।
कॉरपोरेट टैक्स दर लगभग 23.87% (स्थानीय कर समेत)
  • व्यक्तिगत आयकर प्रगतिशील: 8%–42%
  • विदेशी निवेशकों को कई टैक्स छूट और रियायतें
  • Investment Funds Hub — दुनिया के टॉप 3 में शुमार
इसके साथ-साथ क्रॉस-बॉर्डर वर्कर्स यानी पड़ोसी देशों (फ्रांस, बेल्जियम, जर्मनी) से रोज़ाना काम करने आने वाले लाखों लोग GDP में बड़ा योगदान देते हैं।

 सुरक्षा, स्वास्थ्य और शिक्षा: तीनों में टॉप

लक्जमबर्ग सिर्फ पैसा ही नहीं, जीवन की गुणवत्ता में भी नंबर वन है। यह देश दुनिया के सबसे सुरक्षित, स्वच्छ और ह्यूमन-फ्रेंडली देशों में आता है। सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं, मुफ्त शिक्षा और मजबूत सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था ने यहां के नागरिकों को एक तनाव-मुक्त जीवन दिया है।यहां अपराध दर बेहद कम है और जीवन प्रत्याशा (life expectancy) 82 वर्ष से अधिक।

तीन भाषाएं, एक पहचान :Multilingual Luxembourg

लक्जमबर्ग की खासियत इसकी भाषाई विविधता है। यहां तीन आधिकारिक भाषाएं हैं, लक्सेम्बर्गिश, फ्रेंच और जर्मन। साथ ही, प्रवासी आबादी के कारण अंग्रेज़ी भी आम है। राजधानी लक्जमबर्ग सिटी आधुनिक गगनचुंबी इमारतों और मध्ययुगीन किलों का अनोखा संगम है।

 चुनौतियां भी ,आसमान छूती मकान-कीमतें और ट्रैफिक

हर चमक के पीछे एक साया होता है। लक्जमबर्ग में रहना महंगा है — घर किराए और प्रॉपर्टी की कीमतें यूरोप में सबसे ऊंची हैं। इसके अलावा, क्रॉस-बॉर्डर ट्रैफिक रोज़ाना की बड़ी चुनौती है, क्योंकि हजारों लोग पड़ोसी देशों से काम करने आते हैं। फिर भी, सरकार सार्वजनिक परिवहन, ग्रीन हाउसिंग और डिजिटल इनोवेशन में लगातार निवेश कर रही है।

क्यों कहा जाता है,अमीरों का नहीं, उम्मीदों का देश ?

लक्जमबर्ग की सफलता सिर्फ बैंकिंग या टैक्स पर आधारित नहीं, बल्कि दूरदर्शी नीतियों, पारदर्शिता, और इंसान-केंद्रित विकास पर टिकी है। यह छोटा देश दिखाता है कि आर्थिक समृद्धि और सामाजिक स्थिरता एक साथ चल सकती हैंIयूरोप के इस छोटे से कोने ने साबित कर दिया है कि ‘देश का आकार नहीं, सोच बड़ी होनी चाहिए।
Long or Short, get news the way you like. No ads. No redirections. Download Newspin and Stay Alert, The CSR Journal Mobile app, for fast, crisp, clean updates!
App Store –  https://apps.apple.com/in/app/newspin/id6746449540
Google Play Store – https://play.google.com/store/apps/details?id=com.inventifweb.newspin&pcampaignid=web_share

Latest News

Popular Videos