भारतीय रेलवे एक ऐसी ट्रेन को भी चलाती है जो महज ट्रेन न होकर बकायदा एक बड़ा सा हॉस्पिटल है, इसके अंदर हर एक वह सुविधाएं हैं जो कि एक सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में होती है, यहां जांच भी होता है और इलाज भी। छत्रपति शिवाजी महाराज रेलवे स्टेशन पर खड़े इस बोगी को देखने के बाद आपको ऐसा बिल्कुल लगता होगा कि यह सामान्य सी ट्रेन है लेकिन ये ट्रेन हॉस्पिटल है “हॉस्पिटल ऑन व्हील्स” वो भी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, जिसके भी आपके हर मर्ज का इलाज किया जाता है। ये ट्रेन है लाइफ लाइन एक्सप्रेस। भारतीय रेलवे और इंपैक्ट इंडिया फाउंडेशन इसे संयुक्त रूप से चलाती है।
इस ट्रेन के परिचलन में सबसे बड़ा योगदान अगर किसी का होता है तो वो है सीएसआर यानि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी का, देश के बड़े कॉर्पोरेट्स अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का वहन करते हुए इस ट्रेन को चलाने में सीएसआर फंड देतें है ताकि निरंतर लाइफ लाइन एक्सप्रेस मरीजों की सेवा देती रहे। गुरूवार को जब लाइफ लाइन एक्सप्रेस मुंबई पहुंची तो सहचारी फाउंडेशन ने भी अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को देखते हुए मदद के हाथ बढ़ाये और लाइफ लाइन एक्सप्रेस को अनुदान दिया।
यह ट्रेन देश के ग्रामीण इलाकों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से साल 1991 में पहली बार संचालित की गई थी और उसके बाद निरंतर ये ट्रेन उन दुर्गम भागों में जाती है जहां मेडिकल सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नही है। साल 1991 से शुरू हुई ये ट्रेन देश के 20 से अधिक प्रदेशों के 138 से ज्यादा जिलो में जाकर मरीजों को नई जिंदगी दी है। तकरीबन 12 लाख लोगों का इलाज लाइफ लाइन एक्सप्रेस कर चुकी हैं। ट्रेन में 2 ऑपरेशन थियेटर भी है जहां अबतक 2 लाख लोगों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है।
लाइफ लाइन के जरिए आंख, कान, नाक, चेहरे, पैर, कैंसर तमाम रोगो के उपचार किए जाते हैं। रिमोट इलाके मे दी जा रही ये सभी सेवाएं मरीजो को मुफ्त दी जाती हैं। डेंटल, एपिलेप्सी, और स्ट्रोक संबंधित इलाजों के अलावा लाइफ लाइन एक्सप्रेस ट्रेन में कैंसर के मरीजों पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। इसमे खास कर महिला को होने वाले कैंसर पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह ट्रेन भारत के विभिन्न ग्रामीण भागो में 15 से 20 दिन तक रहेगी लोगों को इलाज देने की पूरा प्रयास करेगी, इस ट्रेन के सातों कोच आधुनिक मेडिकल सुविधायुक्त हैं, जिसमें पैथॉलजी से लेकर कैंसर सर्जरी तक की व्यवस्था है, यह विशेष ट्रेन आर्थिक रूप से कमजोर और सुविधाओं से वंचित लोगों के लिए मददगार है।