रेलवे सुरक्षा बल (RPF) की महिला कांस्टेबल रेखा ने समय पर सूझबूझ और अदम्य साहस दिखाते हुए एक गर्भवती महिला की सफल डिलीवरी में सहायता की, जिससे मां और नवजात की जान बच सकी। ऑफ ड्यूटी होते हुए भी रेखा ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। दरअसल आरपीएफ इस्पेक्टर ने महिला कांस्टेबल रेखा को सूचित किया कि कोसीकलां (मथुरा) रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 5 पर गाड़ी संख्या 11842 से यात्रा कर रही एक गर्भवती महिला गंभीर पीड़ा में है और तत्काल मदद की जरुरत है। सूचना मिलते ही रेखा ने मात्र 5 मिनट में वर्दी पहन प्लेटफॉर्म पर पहुंचकर तुरंत कार्यभार संभाल लिया। Labour Pain in Train
डिलीवरी के बाद की प्रक्रिया भी निभाई
जब आरपीएफ कांस्टेबल रेखा मौके पर पहुंचीं, तब तक महिला की डिलेवरी हो चुकी थी और कोई डॉक्टर या नर्स वहां मौजूद नहीं था। रेखा ने स्थिति को भांपते हुए अन्य आरपीएफ स्टाफ को ब्लेड, कॉटन और पट्टी जैसी ज़रूरी चीजें लाने को भेजा और खुद महिला की देखभाल शुरू की। कुछ ही देर में नर्स भी मौके पर पहुंच गई, जिसके साथ मिलकर रेखा ने सुरक्षित डिलेवरी पूरी करवाई। महिला यात्री और नवजात को तत्परता से कोसीकलां सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों की हालत अब स्थिर और सुरक्षित बताई जा रही है। महिला आरक्षक रेखा की इस बहादुरी और मानवता से भरे कदम की चारों ओर सराहना हो रही है। Indian Railway News
महानिरीक्षक ने किया महिला कांस्टेबल को सम्मानित
रेलवे सुरक्षा बल, प्रयागराज के महानिरीक्षक अमिय नंदन सिन्हा ने महिला आरक्षक रेखा के अद्वितीय योगदान की प्रशंसा करते हुए उन्हें उत्तर मध्य रेलवे के मार्च 2025 माह की सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी घोषित किया और औपचारिक रूप से सम्मानित भी किया। महिला आरक्षक रेखा ने यह साबित कर दिया कि रेलवे सुरक्षा बल न केवल यात्रियों की सुरक्षा में तत्पर है, बल्कि जरूरत पड़ने पर मानवता की मिसाल भी पेश करता है। रेखा का यह कार्य न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि आरपीएफ की कार्यकुशलता और संवेदनशीलता को भी दर्शाता है।