International Labour Day – आज मजदूर दिवस है यानी International Labour Day। आज इस मजदूर दिवस (Mazdoor Day) पर भारत की जनता के लिए, हमारे श्रमिक भाईयों के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई उस शानदार योजनाओं के बारे में बात करेंगे, जिसने लाखों मजदूरों की जिंदगी बदल दी। इन Government Scheme के तहत ना सिर्फ लोगों को रोजगार मिला, बल्कि खुद को आर्थिक रूप से मजबूत करने में मदद मिली। देश में एक बड़ी आबादी असंगठित क्षेत्र से जुड़े मजदूर वर्ग के लोगों की है। ऐसे में असंगठित क्षेत्र से जुड़े लोगों की इसी समस्या को देखते हुए भारत सरकार ने कई महत्वाकांक्षी योजनाओं का संचालन कर रही है। सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है। ऐसे में लेबर डे के इस ख़ास अवसर पर आइये जान लेते है वो सरकारी योजनाएं जो मजदूर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
क्यों मनाया जाता है मजदूर दिवस यानी International Labour Day
लेकिन सबसे पहले ये जानते हैं कि आखिरकार मजदूर दिवस क्यों मनाया जाता है। मजदूर दिवस को पहली बार 1889 में मनाया गया था। इसकी शुरुआत अमेरिका के शिकागो शहर में हुई थी, जहां मजदूरों ने लगातार 15-15 घंटे काम करने को लेकर आंदोलन किया था। उसके बाद 1 मई 1889 को पहली बार मजदूर दिवस से श्रम दिवस मनाने का प्रस्ताव लाया गया। भारत में इसकी एंट्री ठीक 34 साल बाद हुई। उस समय हमारे देश में वामपंथी लोग इसका नेतृत्व कर रहे थे। 1 मई 1923 को लेबर किसान पार्टी ऑफ हिंदुस्तान की अध्यक्षता में पहली बार मजदूर दिवस चेन्नई में मनाने का फैसला लिया गया। अब समूचे देश में लेबर डे मनाया जाता है।
मजदूरों के लिए वरदान साबित हुई ई-श्रम योजना
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने भारत के असंगठित गरीब मजदूर के परिवारों की मदद करने के लिए ई-श्रम योजना 2022 की शुरुआत की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य छोटे-छोटे मजदूरों को उनके स्किल्स के आधार पर रोजगार मुहैया कराना है। इस योजना का फायदा उठाने के लिए व्यक्ति को सरकार के ऑफिशियल पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इस योजना के तहत सिर्फ वही लोग रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं जिनकी आयु 16 से 59 वर्ष के बीच है। एक बार जब आप रजिस्टर हो जाते हैं तब आपको एक 12 अंको का यूनिक नंबर दिया जाता है, जिसकी मदद से आप सरकार के अलग-अलग योजनाओं से जुड़कर रोजगार का अवसर प्राप्त कर सकते हैं। मजदूरों को रजिस्ट्रेशन से बहुत फायदा होता है। इसका उद्देश्य असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा और सेवाओं में सुधार करना है। रजिस्ट्रेशन के बाद व्यक्ति को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के तहत 2 लाख का दुर्घटना बीमा कवर मिलेगा। भविष्य में असंगठित श्रमिकों के सभी सामाजिक सुरक्षा लाभ सीधे इस पोर्टल के माध्यम से वितरित किए जाएंगे। आपातकालीन और राष्ट्रीय महामारी जैसी स्थितियों में इस डेटाबेस का उपयोग असंगठित श्रमिकों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए किया जा सकता है।
सरकार की हर कल्याणकारी योजना मजदूरों को बना रही है सशक्त
जनता के हित में भारत सरकार कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। युवाओं, किसानों, महिलाओं जैसे हर एक वर्ग के लिए नरेंद्र मोदी की कुछ न कुछ Government Scheme है। ये गवर्नमेंट स्कीम मजदूरों के लिए भी होता है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (पीएमएसबीवाई) के माध्यम से जीवन और दिव्यंगता कवर प्रदान किया जाता है। आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजय) स्वास्थ्य कवर प्रदान करती है। असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था सुरक्षा प्रदान करने के लिए भारत सरकार ने 2019 में प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (पीएम-एसवाईएम) पेंशन योजना शुरू की। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के माध्यम से सार्वजनिक वितरण प्रणाली, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, गरीब कल्याण रोजगार अभियान, महात्मा गांधी बुनकर बीमा योजना, दीन दयाल अंत्योदय योजना, पीएम स्वनिधि, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना आदि जैसी अन्य योजनाएं भी मजदूरों सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए उनकी पात्रता मानदंडों के आधार पर उपलब्ध हैं।
ये योजनाएं भी मजदूरों के लिए बड़े काम की है
इन योजनाओं के अलावा, कुछ और योजनाएं भी मजदूरों के लिए उपलब्ध हैं। आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई), अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना (एबीवीकेवाई) के तहत बेरोजगारी लाभ, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान (पीएमजीकेआरए), राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयू-जीकेवाई), प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान (पीएम-जीकेआरए), प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (पीएम केएमडीवाई), प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि आदि अन्य योजनाओं के डेटा के साथ ईश्रम डेटा का मिलान भी किया गया है। यह पाया गया है कि ईश्रम डेटा (28.97 करोड़ से अधिक) में से 20.63 करोड़ पहले से ही वन नेशन वन राशन कार्ड (ओएनओआरसी) का लाभ उठा रहे हैं, 11.26 करोड़ आयुष्मान भारत – प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजय) में पंजीकृत हैं, 3.82 करोड़ पीएम-किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) में पंजीकृत हैं और 4.63 करोड़ लाभार्थी पीएम-उज्ज्वला योजना में पंजीकृत हैं। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान 31 विभिन्न व्यवसायों से जुड़े कुल 1.77 करोड़ से अधिक असंगठित कामगारों को ईश्रम पोर्टल में पंजीकृत किया गया है।
इस योजना से मजदूरों को मिलेगी हर महीने तीन हजार रुपये पेंशन
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए शुरू की गई थी। इसके लिए 18 वर्ष से 40 वर्ष के व्यक्तियों को आवेदन करना होगा जिसके बाद वह असंगठित क्षेत्र के वर्कर्स को 60 साल की उम्र के बाद 3000 रुपए पेंशन मिलती है। श्रम योगी मानधन योजना के पोर्टल पर आसानी से आवेदन कर सकते हैं। Pradhanmantri Shram Yogi Mandhan Yojana: वर्ष 2024 के लिए अंतरिम बजट में प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PMSYM) के लिए 177.24 करोड़ रुपये के आवंटन प्रस्ताव किया गया है। इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बुढ़ापे में पेंशन देकर सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत लाभार्थी को हर महीने कंट्रीब्यूशन करना होता है, जितना वो देते हैं, उतना ही सरकार उसमें मिलाती है। सरल शब्दों में कहें तो, अगर लाभार्थी इसमें 100 रुपये देते हैं, तो 100 रुपये सरकार की ओर से दिया जाता है। इसमें 60 साल की आयु तक निवेश करना होता है। 60 की उम्र के बाद आपको हर महीने 3 हजार रुपये की पेंशन इस स्कीम के अंतर्गत मिलेगी। आप श्रम योगी मानधन योजना के पोर्टल पर विजिट करके आसानी से इस स्कीम में आवेदन कर सकते हैं।
मनरेगा योजना से मजदूरों को खुद उनके गांव में मिल रहा है रोजगार
MGNREGA Yojana – देश के गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए कांग्रेस सरकार द्वारा मनरेगा योजना को शुरू किया गया था लेकिन इसे राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक राज्य की सरकार द्वारा एवं वर्तमान की भाजपा सरकार ने भी अपनाए रखा है। इस योजना के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार प्रदान किया जाता है। ताकि उन्हें गांव से दूर रोजगार के लिए जाना ना पड़े। देश के सभी राज्यों में संचालित ग्राम पंचायत स्तर पर यह योजना लोगों को बहुत ही सहायता प्रदान कर रही है। मनरेगा योजना के माध्यम से अब तक देश के करोड़ों नागरिकों को लाभ मिल चुका है। मनरेगा योजना विश्व की एकमात्र ऐसी योजना है जो नागरिकों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी देती है। देश के गरीब और बेरोजगार परिवारों को आजीविका के लिए इस योजना का आरंभ किया गया हैं। इस योजना के माध्यम से कमजोर आय वर्ग के लोगों को उनके ग्राम पंचायत में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। जिससे उन्हें पलायन की करने से काफी हद तक रोका जा सकता है।