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October 23, 2025

पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद का नया हथकंडा: महिला आतंकियों की ऑनलाइन भर्ती शुरू, मसूद अजहर की बहनें देंगी जिहादी ट्रेनिंग

The CSR Journal Magazine
पाकिस्तान के आतंकी संगठन Jaish-e-Mohammed (JeM) ने अब महिलाओं को आतंक के रास्ते पर लाने की नई रणनीति शुरू कर दी है। संगठन ने महिलाओं की भर्ती के लिए online jihad training course शुरू किया है, जिसकी निगरानी खुद आतंकी सरगना Masood Azhar की बहनें कर रही हैं। इस कोर्स की फीस 500 Pakistani Rupees रखी गई है, जिसे आतंकी गतिविधियों में खर्च किया जाएगा।

 तुफ़त अल-मुमिनात” नाम से शुरू हुआ Online Course

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, जैश का यह ‘Tuhfat-ul-Muminat’ नाम का कोर्स हर दिन 40 मिनट की online classes आयोजित की जा रही हैं, जिन्हें मसूद अजहर की दो बहनें Saadia Azhar और Samaira Azhar खुद संचालित कर रही हैं। इन क्लासेस के जरिये महिलाओं को “इस्लाम और जिहाद में महिला की भूमिका” समझाने का प्रचार किया जा रहा है। इस कोर्स का असली उद्देश्य Jaish’s Women Brigade – Jamaat-ul-Muminat के लिए भर्ती और fund collection है। हर प्रतिभागी से 500 पाकिस्तानी रुपये शुल्क लिया जा रहा है। ये राशि terror financing के रूप में जैश की गतिविधियों में उपयोग की जाएगी। प्रतिभागियों से online forms भी भरवाए जा रहे हैं, ताकि उनकी पूरी जानकारी संगठन के पास रहे।

Masood Azhar की बहनें बनीं Jihad Trainers

Jaish की महिला ब्रिगेड ‘Jamaat-ul-Muminat’ की कमान अब Saadia Azhar को सौंपी गई है। सादिया का पति Yusuf Azhar, भारतीय वायुसेना के Operation Sindhura में बहावलपुर में मारा गया था।
 इस काम में मसूद अजहर की दूसरी बहन Safia Azhar और पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड Umar Farooq की पत्नी Afriya Farooq भी शामिल हैं। सूत्र बताते हैं कि संगठन की रणनीति महिलाओं को ideological indoctrination के जरिए आतंक के लिए मानसिक रूप से तैयार करने की है। भविष्य में इन्हें ISIS और Hamas की तरह female suicide bombers के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

पाकिस्तान की “Double Policy” फिर हुई बेनकाब

पाकिस्तान बार-बार दावा करता है कि उसने FATF guidelines के तहत terror funding पर रोक लगा दी है, लेकिन हकीकत कुछ और है। Jaish-e-Mohammed खुलेआम online fundraising और recruitment कर रहा है, जबकि पाकिस्तानी एजेंसियां आंखें मूंदे बैठी हैं। हाल ही में मसूद अजहर ने 8 अक्टूबर को अपनी female jihad wing की घोषणा की थी। 19 अक्टूबर को PoK (Rawalakot) में Dukhtaran-e-Islam नामक कार्यक्रम हुआ, जबकि 27 सितंबर को Bahawalpur के Markaz Usman-o-Ali में उसने खुलकर fundraising appeal की थी। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह अभियान सिर्फ पाकिस्तान की terror ecosystem की जड़ों को गहराता है। देश की ISI और सरकार द्वारा दी जा रही “अप्रत्यक्ष सहमति” अब international security threat में तब्दील हो रही है। पाकिस्तान के Jaish-e-Mohammed द्वारा महिला आतंकियों की online recruitment और training program शुरू करना एक चिंताजनक संकेत है। इससे साफ होता है कि आतंकवाद अब digital jihad के रूप में विकसित हो रहा है, जहां महिलाएं भी आतंकी संगठनों के प्रचार, भर्ती और हमलों का हिस्सा बन रही हैं।
यह कदम न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है बल्कि पाकिस्तान की anti-terror commitments पर भी बड़ा सवाल उठाता है।

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