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October 27, 2025

विदेशी बना भारतीय विचारों का दीवाना: जापानी युवक ने बताया कैसे ‘धर्म योग’ ने बदल दी उसकी ज़िंदगी?

The CSR Journal Magazine
बिहार में रह रहे जापानी युवक नोजोमु हागिहारा (Nozomu Hagihara) ने भारत की आध्यात्मिक धरोहर से जुड़ा एक गहरा संदेश साझा किया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए बताया कि भारत में रहकर उन्होंने “धर्म योग” को अपने जीवन का सबसे गहरा और असरदार विचार माना है। नोजोमु का कहना है कि भारत ने उन्हें सिखाया कि योग केवल शरीर मोड़ने वाले आसनों तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक पूर् जीवन दर्शन है।

योग का असली अर्थ

हागिहारा ने अपने वीडियो में कहा, “भारत ने मुझे यह समझाया कि योग सिर्फ शारीरिक अभ्यास नहीं है। यह जीवन जीने की एक कला है।” उन्होंने लिखा कि धर्म योग, योग सूत्रों में बताए गए यम (नैतिक संयम) और नियम (आचरण सिद्धांत) पर आधारित है, जो व्यक्ति को एक बेहतर और संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।
उनके अनुसार, “योग शरीर की लचक नहीं, बल्कि दिल की लचीलापन का अभ्यास है, ताकि हम जागरूकता, करुणा और उद्देश्य के साथ जी सकें।”

धर्म योग के पांच मूल सिद्धांत

नोजोमु हागिहारा ने अपने पोस्ट में धर्म योग के पांच मूल सिद्धांतों का जिक्र किया —
  1. अहिंसा (Non-violence): किसी भी जीव को हानि न पहुंचाना।
  2. सत्य (Truthfulness): हर परिस्थिति में सत्यनिष्ठ रहना।
  3. अस्तेय (Non-stealing): चोरी या अनुचित लाभ से दूर रहना।
  4. ब्रह्मचर्य (Moderation): संयम और संतुलन बनाए रखना।
  5. अपरिग्रह (Non-possessiveness): लोभ और स्वार्थ से मुक्त रहना।
उन्होंने कहा कि ये मूल्य व्यक्ति को न केवल आत्मिक रूप से मजबूत बनाते हैं, बल्कि समाज में भी संतुलन और करुणा फैलाते हैं।

सोशल मीडिया पर छाया ‘धर्म योग’ का संदेश

नोजोमु हागिहारा का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। हजारों लोगों ने उनके विचारों की प्रशंसा की और भारत की प्राचीन योग परंपरा को सम्मान देने के लिए उनकी सराहना की।
एक यूजर ने लिखा, “आप कमाल हैं! भारत के प्रति आपका प्यार प्रेरणादायक है।”
वहीं दूसरे यूजर ने कमेंट किया, “भारत में इतनी गहरी ज्ञान परंपरा है जिसे पूरी दुनिया को जानना चाहिए।”

बिहार में सोशल एक्टिविस्ट के रूप में नई राह

नोजोमु के इंस्टाग्राम बायो के मुताबिक, वे इस समय बिहार में एक सोशल एक्टिविस्ट के रूप में काम कर रहे हैं। भारत में बिताए गए उनके अनुभवों ने उन्हें जीवन के सादगीपूर्ण और करुणामय पक्ष से परिचित कराया है।
वे कहते हैं, “धर्म योग ने मुझे यह सिखाया कि करुणा, सादगी और आत्म-जागरूकता ही सच्ची साधना है।”
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