बिहार में रह रहे जापानी युवक नोजोमु हागिहारा (Nozomu Hagihara) ने भारत की आध्यात्मिक धरोहर से जुड़ा एक गहरा संदेश साझा किया है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए बताया कि भारत में रहकर उन्होंने “धर्म योग” को अपने जीवन का सबसे गहरा और असरदार विचार माना है। नोजोमु का कहना है कि भारत ने उन्हें सिखाया कि योग केवल शरीर मोड़ने वाले आसनों तक सीमित नहीं, बल्कि यह एक पूर् जीवन दर्शन है।
योग का असली अर्थ
हागिहारा ने अपने वीडियो में कहा, “भारत ने मुझे यह समझाया कि योग सिर्फ शारीरिक अभ्यास नहीं है। यह जीवन जीने की एक कला है।” उन्होंने लिखा कि धर्म योग, योग सूत्रों में बताए गए यम (नैतिक संयम) और नियम (आचरण सिद्धांत) पर आधारित है, जो व्यक्ति को एक बेहतर और संतुलित जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं।
उनके अनुसार, “योग शरीर की लचक नहीं, बल्कि दिल की लचीलापन का अभ्यास है, ताकि हम जागरूकता, करुणा और उद्देश्य के साथ जी सकें।”
धर्म योग के पांच मूल सिद्धांत
नोजोमु हागिहारा ने अपने पोस्ट में धर्म योग के पांच मूल सिद्धांतों का जिक्र किया —
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अहिंसा (Non-violence): किसी भी जीव को हानि न पहुंचाना।
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सत्य (Truthfulness): हर परिस्थिति में सत्यनिष्ठ रहना।
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अस्तेय (Non-stealing): चोरी या अनुचित लाभ से दूर रहना।
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ब्रह्मचर्य (Moderation): संयम और संतुलन बनाए रखना।
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अपरिग्रह (Non-possessiveness): लोभ और स्वार्थ से मुक्त रहना।

