Thecsrjournal App Store
Thecsrjournal Google Play Store
May 29, 2025

राजस्थान जल जीवन मिशन में बड़ा घोटाला- पानी तो है, पर सिर्फ कागजों में 

 जल जीवन मिशन योजना में राजस्थान सबसे पिछड़े राज्यों में शामिल है, लेकिन पिछड़े होने में भी बड़ा घोटाला है। जैसलमेर- बाड़मेर जैसे सरहदी इलाकों में पूरी की पूरी पंचायत को हर घर नल से जुड़ा बताकर लक्ष्य हासिल दिखा दिया गया है। जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल तो है पर जल का पता नहीं है। एक पंचायत से 17 से 18 करोड़ रुपए उठाए गए, पर पानी नहीं आया। आज भी लोग 1000 रुपए के टैंकरों के सहारे ज़िंदा हैं। राजस्थान पहला राज्य है जहां की पिछली सरकार के जल मंत्री जल जीवन मिशन घोटाले में जेल में हैं।

टैंकर से पानी मंगाकर काम चला रहे ग्रामीण

जैसलमेर जिले के खुरिया बेरी गांव में राजस्थान सरकार और भारत सरकार के अनुसार 100 फीसदी घरों को जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल से पानी आ रहा है। गांव में घुसते ही हर जगह पानी की प्लास्टिक की घटिया क्वालिटी की पाइप दिख जाएंगी, जो पानी के इंतज़ार में जगह जगह से टूट चुकी है। दरअसल पूरे गांव की यही हालत है। मेहनत कर ग्रामीण जो मजदूरी कमाते हैं, उसका 60 फीसदी केवल पानी पर खर्च होता है। पानी की टोंटी लगाने तक के लिए कई लोगों ने इस उम्मीद में ठेकेदार को घर तक पाइप बिछाने के लिए 2000 रुपए तक दिए कि पानी आएगा, मगर कभी आया नहीं! जबकि उप सरपंच पूछने पर दिलासा देते हैं कि पानी आ जाएगा।
दरअसल ठेकेदारों ने अधिकारियों की शह पर हल्की गुणवत्ता के पाइप लगाकर बिना पानी पहुंचाए कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र भी जारी करवा लिए। पंचायत में 18,61,47,000 रुपए लागत की इस स्कीम में से 17,00,00,000 रुपए खर्च हो चुके हैं लेकिन धरातल पर स्थिति बिल्कुल अलग नजर आती है। अधिकारियों और ठेकेदारों ने मिलकर राजस्थान के पश्चिमी छोर पर रहने वाली गरीब जनता को पेयजल के नाम पर बेवकूफ बनाया है।

केवल कागज़ ही भिगो रहा जल जीवन मिशन

चांधन के सूजियों की ढाणी में यही हाल है। यहां भी किसी घर में पानी नहीं आता, मगर गांव में जमीन के ऊपर घटिया स्तर के पाइप टूटे बिखरे पड़े हैं और नल सूखे पड़े हैं। यहां पर भी 287 घरों में से 144 घरों में कागज़ों में हर घर में नल से जल आ रहा है पर किसी ने नल से गिरता जल देखा ही नहीं! बाड़मेर के रोहिड़ी और सियाणी गांव में भी हर घर में नल लग गया है लेकिन पानी के लिए कुंए पर निर्भर रहना पड़ता है। यहां इंजीनियर और ठेकेदार ने पैसे बचाने के लिए टंकी नीचे बना दी और गांव टीले पर है। लिहाज़ा कभी नलों में पानी आया ही नहीं। राजस्थान में 42 हजार 327 गांवों में से 30 हजार 337 गांव हैं जहां नल से पानी मिलने का सपना अभी दूर की कौड़ी बना हुआ है। केंद्रीय जल जीवन मिशन के आंकड़ों के अनुसार मार्च 2025 तक राजस्थान में महज 11 हजार 990 गांवों में ही नल से पानी पहुंच पाया है। सूबे में 6 हजार 437 गांव तो ऐसे हैं जिनमें अभी तक जल जीवन मिशन का काम भी शुरू नहीं हुआ है।

हकीकत से कोसो दूर आंकड़े

जल जीवन मिशन योजना के आंकड़ों पर गौर करें तो हर घर कनेक्शन जारी करने के मामले में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर सबसे पिछड़ा राज्य है। सरकारी आंकड़ें तो यह भी बताते हैं कि मार्च 2025 तक राजस्थान में 55.95 फीसदी घरों में नल से पानी पहुंच चुका है जबकि सच्चाई कोसो दूर दिखाई दे रही है। खुद राजस्थान सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री मानते हैं कि जल जीवन मिशन में बड़ा घोटाला हुआ है।

गहलोत सरकार के मंत्री जेल में

गौरतलब है कि जल जीवन मिशन में घटिया पाइप बिछाने और फर्जी कंपनी को टेंडर देने में राजस्थान के गहलोत सरकार के मंत्री महेश जोशी 1000 करोड़ के जल जीवन मिशन घोटाले में जेल में हैं। आरोप है कि जलदाय विभाग (PHED) और केंद्र की हर घर नल योजना के तहत टेंडरों में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों रुपये का गबन किया गया। इस घोटाले की जड़ में दो Firms का ज़िक्र सामने आया। श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी और श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी हैं, जिन्होंने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के सहारे भारी-भरकम टेंडर हथिया लिए। श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी ने जलदाय विभाग की 68 निविदाओं में हिस्सा लिया, जिनमें से 31 में ये कंपनी सबसे कम दर वाली (L-1) बनकर उभरी और 859.2 करोड़ रुपये के टेंडर अपने नाम कर लिए। वहीं, श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी ने 169 टेंडरों में भाग लिया और 73 में L-1 बनते हुए 120.25 करोड़ रुपये के ठेके झटक लिए। इस घोटाले के ख़िलाफ़ शिकायतों का सिलसिला फरवरी 2023 से शुरू हुआ, जब यूपी निवासी पदम सिंह ने नौ अधिकारियों पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाते हुए ईमेल से शिकायत भेजी। इसके बाद वकील मनेश कुमार कलवानिया ने भी मार्च में शिकायत भेजी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। मई 2023 में वित्तीय समिति को आरोपों की जानकारी होने के बावजूद टेंडर पास कर दिए गए। बाद में अगस्त 2023 में ACB ने कार्रवाई तेज करते हुए विभाग के इंजीनियर मायालाल सैनी, ठेकेदार पदमचंद जैन, सुपरवाइजर मलकेत सिंह और दलाल प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया। सितंबर 2023 में FIR दर्ज हुई और ED ने इस मामले को अपने हाथों में ले लिया। मई 2024 में केंद्र की अनुमति के बाद CBI ने केस दर्ज किया और अक्टूबर 2024 में ACB ने पूर्व मंत्री महेश जोशी समेत 22 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की। अंततः 24 अप्रैल 2025 को ACB ने महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया।
इसके बाद 18 से ज़्यादा इंजीनियरों पर कार्रवाई की गई है लेकिन अब भी दूर दराज के ग्रामीण इलाकों में जल जीवन मिशन में घोटाले रुक नहीं रहे हैं। अब केंद्र सरकार ने योजना में गड़बड़ियों की जांच के लिए केंद्र से अधिकारियों की एक टीम भेजने का फैसला किया है।

बजट में फिर चर्चा में आया जल जीवन मिशन

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दिया कुमारी ने बजट 2025-26 के तहत जल जीवन योजना की अवधि को 2028 तक बढ़ाने का ऐलान किया। उन्होंने दावा किया कि इससे प्रदेशवासियों के पेयजल का संकट खत्म हो जाएगा और साफ पानी भी मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति को मजबूती मिलेगी। सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत कार्य को गति देते हुए बीते वर्ष 1,301 करोड़ रुपए की लागत के कार्यादेश जारी किए हैं और 41,621 करोड़ रुपए की लागत की निविदाएं जारी की हैं। वहीं आगामी वर्ष में राजस्थान सरकार द्वारा 20 लाख घरों में नए जल कनेक्शन दिए जाएंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल सुविधा के लिए 425 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से विभिन्न कार्य करवाए जाएंगे।
अब देखना ये है कि इतने वादों-दावों और घोटालों के बाद राजस्थान में नल से जल पहुंचाने का सरकारी दावा क्या कागजों से उतर कर ज़मीन पर आ पाएगा?

Latest News

Popular Videos