गाजा के रफह क्षेत्र से हाल ही में लौटे इजराइली बंधकों की कहानी न केवल उनके व्यक्तिगत दर्द को दिखाती है, बल्कि यह भी उजागर करती है कि युद्ध और राजनीतिक संघर्ष के बीच मानवता कितनी खतरे में पड़ जाती है। इन बंधकों में से अधिकांश को 738 दिनों तक अकेले रखा गया, लगातार पीटा गया और भूखा रखा गया।
अपहरण का कारण और राजनीतिक रणनीति
7 अक्टूबर, 2023 को जब हमास ने इजरायल के दक्षिणी इलाकों पर अचानक हमला किया, उस हमले में 251 लोग अपहृत हुए। हमास ने इन इजराइली बंधकों को राजनीतिक लाभ और फ़िलिस्तीनी कैदियों के बदले में उपयोग करने की योजना बनाई थी। उनका मकसद था कि इजरायल पर दबाव बनाया जाए और गाजा में बंद फ़िलिस्तीनी कैदियों की रिहाई सुनिश्चित हो।विशेष रूप से अविनतन और उनकी गर्लफ्रेंड को नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में अपहृत किया गया। हमास ने उन्हें गाजा की अंधेरी सुरंगों में ले जाकर अलग-थलग रखा। इस दौरान उन्हें अपने परिवार या एक-दूसरे की जानकारी नहीं थी। उनकी हिरासत न केवल राजनीतिक रणनीति का हिस्सा थी बल्कि मानसिक और शारीरिक आतंक फैलाने के लिए भी थी।
अंधेरी सुरंगों में कैद और शारीरिक यातनाएं
बंधकों का कहना है कि उन्हें सुरंगों में रखा गया, जहां न तो पर्याप्त रोशनी थी और न ही साफ-सफाई की व्यवस्था। कई बंधकों की हड्डियां टूट गईं और शरीर लगातार कमजोर होता गया। एक बंधक ने साझा किया, “हमें बेहोश होने तक पीटा गया। भूख और चोट के कारण हड्डियां कमजोर हो गईं और मानसिक स्थिति पूरी तरह टूट गई।”
भूख और मानसिक यातनाएं
बंधकों को लंबे समय तक भूखा रखा गया। कभी-कभी सिर्फ थोड़ी रोटी और पानी दिया जाता। हमास के आतंकियों ने उन्हें लगातार मानसिक तनाव और धमकी में रखा। एक बंधक ने कहा, “हर दिन एक नई यातना लेकर आता। कभी भूखा रखा जाता, कभी बेरहमी से पीटा जाता। मानसिक रूप से तोड़ा गया ताकि प्रतिरोध की क्षमता न रहे।”
अविनतन और उनकी गर्लफ्रेंड की कहानी
अविनतन और उनकी गर्लफ्रेंड को नोवा म्यूजिक फेस्टिवल में अपहृत किया गया। उन्हें गाजा की सुरंगों में ले जाकर अलग रखा गया। शुरुआती चिकित्सा जांच में अविनतन का वजन पहले के मुकाबले लगभग 40 प्रतिशत कम हो गया। अविनतन की गर्लफ्रेंड भी अपहरण की शिकार हुईं, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया गया। इस घटना ने साफ कर दिया कि हमास का मकसद केवल राजनीतिक लाभ नहीं, बल्कि मानसिक और शारीरिक आतंक फैलाना भी था।
संघर्ष विराम और रिहाई
गाजा शांति समझौते के अनुसार हमास ने इजराइली बंधकों को फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में रिहा करना शुरू किया। बीते शुक्रवार से लागू संघर्ष विराम के बाद दो समूहों में 20 इजराइली बंधकों को रेड क्रॉस को सौंपा गया। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 48 बंधकों में से केवल 20 की जीवित होने की पुष्टि हुई है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
बंधकों की गवाही के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय में हलचल मची है। कई मानवाधिकार संगठन हमास के अत्याचारों की निंदा कर चुके हैं और सुरक्षित रिहाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, कुछ देशों ने चुप्पी साध रखी है, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या मानव अधिकार केवल शब्दों तक सीमित हैं।
बंधकों की मानसिक स्थिति
बंधकों ने बताया कि वे अपने परिवार या दोस्तों से संपर्क नहीं कर पाए। लंबे समय तक अकेले रहने, भूख और लगातार डर ने उनकी मानसिक स्थिति को गहरा प्रभावित किया। कई बार वे सोचते थे कि शायद उनका जीवन वहीं खत्म हो जाएगा। लेकिन उनका साहस और धैर्य उन्हें जीवित रखने वाला सबसे बड़ा कारण था।