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August 4, 2025

गाजा में भुखमरी और हिंसा की दोहरी मार- खाना मांगने गए लोग, खानी पड़ी इजरायली गोलियां

The CSR Journal Magazine
गाजा में मानवीय संकट अब और भयावह हो गया है। शनिवार को इस्राइली फायरिंग में कम से कम 18 फिलीस्तीनियों की मौत हो गई, जिनमें आठ लोग केवल भोजन लेने के लिए मदद केंद्र पर पहुंचे थे। यह गोलीबारी उस समय हुई जब लोग गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन के वितरण केंद्र के पास खाद्य सहायता पाने के लिए जुटे थे।

भूख मिटाने गए लोगों को खानी पड़ीं इजरायली गोलियां

वितरण केंद्र के पास सहायता मांगने लोगों के लिए यह अब रोज की कहानी बन गई है। हर दिन यहां खून और लाशें दिखती हैं। भोजन के बदले गोली खाकर मारने वाले 18 लोगों के अलावा शनिवार को इस्राइली हवाई हमलों में कम से कम 10 अन्य लोगों की मौत हुई, जिनमें एक ही परिवार के पांच सदस्य शामिल थे। यह हमला देइर अल-बलाह और जवादिया के बीच एक घर पर हुआ, जिसमें दो माता-पिता और उनके तीन बच्चे मारे गए। इसके साथ ही खान यूनिस के पास एक टेंट पर हमला कर मां-बेटी को भी मौत के घाट उतार दिया गया।

वितरण केंद्रों ने किया इस्राइल का बचाव

गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि उनके साइट के पास ऐसी कोई घटना नहीं हुई। इस्राइल की सेना का भी दावा है कि उन्होंने केवल चेतावनी स्वरूप फायरिंग की। लेकिन UN की रिपोर्ट कहती है कि 27 मई से 31 जुलाई तक गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन केंद्रों के पास 859 लोग मारे गए और सैकड़ों अन्य खाद्य काफिलों के रास्तों में जान गंवा चुके हैं।

मासूम बच्चे भूख से तड़पकर दे रहे जान

गाजा में हालात इतने बदतर हो गए हैं कि अब छोटे बच्चों की जान भी खतरे में है। खान यूनिस स्थित नासिर अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि पांच महीने की फ़िलिस्तीनी बच्ची ज़ैनब अबू हलीब की गंभीर कुपोषण के कारण मौत हो गई। उसकी मां और पिता ने रोते हुए कहा कि उन्होंने कई बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने उनकी बात नहीं सुनी। गाजा के नासिर अस्पताल के बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. अहमद अल-फ़र्रा ने कहा कि ज़ैनब को विशेष दूध की ज़रूरत थी, जो अस्पताल में उपलब्ध नहीं था। उसकी हालत बिगड़ती गई, उसे दस्त, उल्टी और डीहाइड्रेशन की समस्या हो गई। इससे उसे गंभीर संक्रमण (सेप्सिस) हो गया और आखिरकार उसकी मृत्यु हो गई। ज़ैनब का वजन अब उसके जन्म के समय से भी कम रह गया था। इस बच्ची की मौत ने लोगों को अंदर तक झकझोर दिया है। डॉ. अल-फ़र्रा ने कहा कि गाज़ा में अब तक कुपोषण के कारण 124 मरीज़ों की मौत हो चुकी है, जिनमें 84 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गाज़ा में गंभीर कुपोषण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।

युद्ध की विभीषिका का शिकार बन रहे मासूम बच्चे

ज़ैनब अबू हलीब की मौत गाज़ा में फैल रही मानवीय त्रासदी का एक दर्दनाक उदाहरण है। बंद सीमाएं, दवा और भोजन की कमी और वैश्विक चुप्पी ने इस नन्ही सी जान को जीने का कोई मौका नहीं दिया। अब अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गाज़ा में इस मानवीय आपदा पर ध्यान देने और मदद के रास्ते खोलने की ज़रूरत है क्यूंकि गाजा में लोगों की उम्मीदें खत्म हो गई हैं। बाजारों में सन्नाटा पसरा है, खाने के लिए रोटी नहीं है। गाजा के लोग सिर्फ हताशा में जी रहे हैं क्योंकि भुखमरी खतरे से हकीकत में बदल रही है।

अब ज्यादा कुपोषित बच्चे पहुंच रहे अस्पताल

अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि अब बहुत ज्यादा बच्चे कुपोषण का शिकार होकर अस्पताल आ रहे हैं। एक छोटे से विभाग में जहां सिर्फ 8 बिस्तर हैं, वहां 60 से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं। जमीन पर भी गद्दे बिछाकर इलाज किया जा रहा है। एक और क्लिनिक में हर हफ्ते लगभग 40 कुपोषित बच्चों को लाया जा रहा है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि जब तक इस्राइल खाने और दवाइयों को गाजा में आने की अनुमति नहीं देगा, तब तक और ज्यादा मौतें होती रहेंगी। गाजा में डॉक्टर और राहतकर्मी इस्राइल द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं। खाने की कमी से गाजा में अकाल जैसे हालत बन गए हैं।

गाजा को हर दिन 500-600 ट्रक सहायता की जरूरत

मार्च में जब युद्धविराम खत्म हुआ, तब इस्राइल ने करीब ढाई महीने तक गाजा में खाना, दवाई और ईंधन की सप्लाई बंद कर दी थी, ताकि हमास पर दबाव डाला जा सके। बाद में मई में, अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद थोड़ी राहत दी गई। इस्राइल का कहना है कि उसने मई से अब तक 4,500 ट्रकों को गाजा में आने दिया है, जिनमें 2,500 टन शिशु आहार भी शामिल था। लेकिन संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा को हर दिन 500 से 600 ट्रकों की जरूरत है, जबकि अब सिर्फ 69 ट्रक आ पा रहे हैं।

हर पल मर रही ज़िंदगी, दुनिया बस आंकड़ों पर चिंतित

गाजा के अल-शिफा अस्पताल के निदेशक ने कहा कि गाजा में मानवीय सहायता की इज़रायल की निरंतर नाकाबंदी के कारण पिछले 24 घंटों में एक बच्चे सहित सात और फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। इससे भूख और कुपोषण से मरने वाले फिलिस्तीनियों की मौत की संख्या बढ़कर 169 हो गई है, जिसमें 93 बच्चे शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) ने इज़रायल की सहायता नाकाबंदी से प्रभावित गाजा में बच्चों को “चलने वाली लाश” के रूप में वर्णित किया है।

ज़िंदा कंकालों का शहर गाजा

“UNRWA क्लीनिक में आने वाले बच्चे कंकाल, सुस्त और ख़तरनाक रूप से मौत के क़रीब हैं। तत्काल पोषण उपचार के बिना, वे जीवित नहीं रहेंगे। यह कोई संकट नहीं है, यह इंसानियत का पतन है।” UNRWA के प्रमुख फ़िलिप लाज़ारिनी ने कहा। खान यूनिस के सात बच्चों के पिता अबू मोहसेन ने कहा, “हमारे बच्चे खाने की कमी के कारण मुश्किल से चल पाते हैं। भूख अब यहां दरवाजे पर दस्तक नहीं देती, यह घरों में बस गयी है। इसने गाजा के लोगों की आत्माओं को बूढ़ा कर दिया है। वैश्विक चुप्पी के बोझ तले भूख इंसानों की गरिमा को कुचल रही है। दक्षिणी गाजा में खान यूनिस और राफा के फुटपाथों पर फिलिस्तीनी खाली पेट के बोझ तले दब रहे हैं, क्योंकि दुनिया अब उनकी बात नहीं सुन रही है। हम हड्डियों का पीछा करने वाले कुत्तों की तरह हैं।”

अब भूख नहीं झेल सकते शरीर

इजरायल द्वारा सभी क्रॉसिंग बंद कर दिए जाने के कारण पिछले चार महीनों से गाजा में न तो आटा, न ही बेबी फूड और न ही चिकित्सा सहायता पहुंच पायी है। रोटी, जो कभी रोजमर्रा की जरूरत हुआ करती थी, अब एक फुसफुसाती हुई उम्मीद बनकर रह गई है। काला बाजारों में ऐसी कीमतों पर बिक रही है जो किसी भी परिवार के लिए वहन करने लायक नहीं है। गाजा के अस्पतालों ने बताया है कि थकावट और कुपोषण के कारण सड़कों पर बेहोश होने वाले लोगों की संख्या अविश्वसनीय है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, “इन शरीरों में अब कोई ताकत नहीं बची है। सैकड़ों लोग सिर्फ इसलिए मौत के मुंह में जा रहे हैं क्योंकि उनके शरीर अब भूख नहीं झेल सकते।”

राहत की कोशिशें और चुनौतियां

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, गाजा की 21 लाख की आबादी को भूख से बचाने के लिए हर दिन 500-600 ट्रकों की जरूरत है, जिनमें खाना, साफ पानी और मेडिकल सप्लाई होनी चाहिए। 27 जुलाई को इजरायल ने ऐलान किया कि वह गाजा के कुछ हिस्सों में हर दिन 10 घंटे के लिए मिलिट्री ऑपरेशन को रोकेगा और सुबह 6 बजे से से रात 11 बजे के बीच सुरक्षित रूट्स से खाना और दवाई की सप्लाई की जाएगी। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 जुलाई तक कमोबेश 100 एड्स ट्रक गाजा पहुंचे हैं।

इजरायल हमास युद्ध के बीच पिस रहा गाजा

गाजा में खाने की भारी किल्लत की वजह इजराल द्वारा लगाए गए प्रतिबंध हैं। अक्टूबर 2023 से हमास के साथ चल रहे युद्ध के दौरान इजरायल ने मार्च 2025 में गाजा की सभी सप्लाई पूरी तरह बंद कर दी थी, जिससे वहां के फूड स्टॉक्स पूरी तरह खत्म हो गए। मई में प्रतिबंध आंशिक रूप से हटाया गया, लेकिन इजरायल ने उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए रखा और कहा, ताकि कोई भी सहायता सामग्री चरमपंथी समूहों तक न पहुंचे। WHO के चीफ टेड्रोस ने बताया कि मार्च से मई तक लगभग 80 दिनों तक UN और उसके सहयोगियों द्वारा कोई भी खाने का सामान गाज़ा में नहीं पहुंचाया जा सका। उन्होंने यह भी कहा कि मई में रिलिफ डिलीवरी दोबारा शुरू हुई है, लेकिन यह अब भी जरूरतों के हिसाब से नाकाफी है।

UN ने सहायता सामग्री आसमान के ज़रिए पहुंचाई

UN ने गाजा के लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए हवा से खाने के पैकेट्स बरसाए लेकिन अधिकांश एयर-ड्रॉप किए गए पैकेट क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। हताश फिलिस्तीनियों को भोजन के टुकड़ों के लिए रेत को झाड़ना पड़ता है और ज़मीन से जो कुछ भी वे उठा सकते हैं, उसी से भूख मिटाने की कोशिश करने के लिए मजबूर हैं, जो उन्हें अपमानजनक लगता है। उन्हें लगता है जैसे वह एक बोटी के लिए पीछे पीछे भागने वाले कुत्ते की तरह हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, गाजा में प्रवेश करने वाली सीमित सहायता भी सशस्त्र गिरोहों द्वारा चुराई जा रही है और बाद में बहुत अधिक क़ीमतों पर बेची जा रही है। मानक काले बाज़ार मूल्य का दोगुना या उससे भी अधिक!
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के अनुसार, अमेरिका समर्थित और इज़रायल संचालित गाजा मानवतावादी फाउंडेशन (GHF) के वितरण स्थलों के पास सहायता की प्रतीक्षा करते हुए इज़रायल की सेना ने कम से कम 1,373 फिलिस्तीनियों को मार दिया है।

गाजा में क्यों बरस रही है मौत

गाजा में छुपे हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर आतंकी हमला कर दिया था। इस दौरान हमास ने 1200 से अधिक इजरायलियों को मौत के घाट उतार दिया था। साथ ही 238 लोगों को बंधक बना लिया था। जवाब में इजरायल ने गाजा पर बड़ा हमला शुरू कर दिया। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजरायल के हमले में अब तक 70 हजार से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इनमें हजारों हमास के आतंकी भी शामिल हैं। हमास के प्रमुख आतंकी इस्माइल हानिया, याह्या सिनवार और मोहम्मद सिनवार को भी इजरायली सेना ढेर कर चुकी है।
गाजा में अब तक इज़रायली सेना द्वारा कम से कम 60,430 फिलिस्तीनियों को मार दिया गया है, जिनमें से आधे से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं। इज़राइल ने 200 से अधिक पत्रकारों और 1000 से अधिक स्वास्थ्य कर्मियों और सहायता कार्यकर्ताओं को भी निशाना बनाया और मार डाला है।
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