महाराष्ट्र में निवेश की भरमार है। पिछले दो दिनों में महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में 81 हजार करोड़ की सात निवेश परियोजनाओं को मंजूरी दी। इसके साथ ही टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी के साथ सरकार ने निवेश पर एमओयू साइन किया। महाराष्ट्र में निवेशकों का प्रवाह बढ़ रहा है और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में उद्योग विभाग की कैबिनेट उप-समिति द्वारा 81 हजार 137 करोड़ रुपये की 7 मेगा और सुपर मेगा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसमें लिथियम बैटरी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, सेमीकंडक्टर चिप, फलों के पल्प निर्माण परियोजनाएं शामिल हैं। इन परियोजनाओं से कोंकण सहित मराठवाड़ा, विदर्भ में बड़े पैमाने पर निवेश किया जाएगा और इससे राज्य में लगभग 20 हजार लोगों को सीधे रोजगार उपलब्ध होगा।
महाराष्ट्र में निवेश से मिलेंगे रोजगार के अवसर
इसके साथ ही बुधवार को टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी के साथ सरकार ने निवेश पर एमओयू साइन किया। ये प्लांट महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर में लगाया जायेगा। जिसके लिए टोयोटा किर्लोस्कर मोटर कंपनी द्वारा ₹20,000 करोड़ का निवेश किया जायेगा। इन निवेश से ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में महाराष्ट्र को एक कदम आगे लेकर जाएगा। इस निवेश के साथ 8,000 प्रत्यक्ष और 12,000 अप्रत्यक्ष रोजगार का निर्माण होगा। इस ऐतिहासिक करार के लिए मराठवाड़ा के विकास को भी बल मिलेगा। The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि छह महीने पहले शुरू हुआ सफ़र आखिरकार अपनी मंजिल पर पहुंच गया। यह मेरी सरकार के लिए बहुत गर्व की बात है कि, टोयोटा ने महाराष्ट्र को चुना है। भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर के विकास में TKM का योगदान अमूल्य है। मराठवाड़ा में उनका निवेश इस क्षेत्र को बदल देगा। गौरतलब है कि MIDC के माध्यम से ये सब निवेश संभव हो पाएंगे।
सरल औद्योगिक नीति से महाराष्ट्र में बढ़ रहा है निवेश
इन दोनों बैठकों की अध्यक्षता सीएम एकनाथ शिंदे ने की जिसमें उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, उद्योग मंत्री उदय सामंत, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डॉ. हर्षदीप कांबले और अन्य अधिकारी उपस्थित थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक नीति के तहत सामूहिक प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत विभिन्न प्रोत्साहनों की घोषणा की गई है। आज की बैठक में उच्च प्रौद्योगिकी पर आधारित लिथियम आयन सेल/ बैटरी, इलेक्ट्रिक वाहन, सेमीकंडक्टर चिप्स, सौर पीवी मॉड्यूल और इलेक्ट्रोलाइजर, फलों के पल्प और जूस पर आधारित उत्पादन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।
कहां और कितने का होगा ये निवेश, कौन सी कंपनी ने किया इन्वेस्ट
जेएसडब्ल्यू एनर्जी पीएसपी इलेवन लिमिटेड का एक विशाल लिथियम बैटरी निर्माण परियोजना के लिए निवेश नागपुर क्षेत्र में होगा। प्रोजेक्ट में कुल 25 हजार करोड़ रुपय़े का निवेश होगा और 5000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी।
जेएसडब्ल्यू ग्रीन मोबिलिटी लिमिटेड कंपनी इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन निर्माण में भारी निवेश करने वाला राज्य का पहला मेगा-प्रोजेक्ट है। यह प्रोजेक्ट छत्रपति संभाजीनगर में होगा। इस प्रोजेक्ट में कुल 27 हजार 200 करोड़ रुपय़े का निवेश होगा और 5200 से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी। इस परियोजना में सालाना 5 लाख इलेक्ट्रिक यात्री कारों और 1 लाख कमर्शियल कारों का निर्माण करने की योजना है।
हिंदुस्थान कोका कोला बेवरेज के माध्यम से फलों के पल्प और जूस आधारित उत्पाद निर्माण की एक बड़ी परियोजना रत्नागिरी में स्थापित की जाएगी, जिसमें 1500 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
आरआरपी इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी के माध्यम से सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण के लिए एकीकृत परियोजना तलोजा/ पनवेल, जिला रायगड /पुणे/ शेष महाराष्ट्र में स्थापित की जाएगी। महाराष्ट्र में यह सेमीकंडक्टर निर्माण करने वाली पहली परियोजना है। इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में 12 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इससे 4000 से ज्यादा नौकरियां पैदा होंगी। दूसरे चरण में भी इतना ही निवेश किया जाएगा। महापे व नवी मुंबई में परियोजना का काम शुरू हो गया है और पायलट आधार पर सितंबर 2024 तक यह परियोजना शुरू हो जाएगी।
आवाडा इलेक्ट्रो कंपनी की सौर पीवी मॉड्यूल और इलेक्ट्रोलाइजर की एकीकृत परियोजना अतिरिक्त एमआईडीसी, बूटीबोरी जिला नागपुर और एमआईडीसी भोकरपाड़ा, तहसील पनवेल, जिला रायगढ़ इस क्षेत्र में स्थापित की जाएगी। कंपनी के माध्यम से राज्य में उच्च तकनीक पर आधारित नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत की परियोजना स्थापित की जाएगी। परियोजना में कुल 13 हजार 647 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे 8000 से ज्यादा रोजगार उपलब्ध होंगे।
परनॉर्ड रिकॉर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से शराब उत्पादन की विशाल परियोजना अतिरिक्त बुटीबोरी एमआईडीसी, नागपुर में स्थापित करने की योजना है। परियोजना में 1785 करोड़ रुपये का निवेश होगा।