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May 17, 2025

मिशन पाकिस्तान पोल-खोल: मोदी की टीम इंडिया में थरूर और ओवैसी शामिल 

India-Pakistan News: पहलगाम अटैक के बाद भारत ने ऑपरेशन सिन्‍दूर लॉन्‍च कर पाकिस्‍तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को ध्‍वस्‍त कर दिया। कम से कम 11 एयरबेस को भी टारगेट किया गया। अब मोदी सरकार ने आतांकियों के पनाहगाह देश पाकिस्‍तान को इंटरनेशनल लेवल पर बेनकाब करने के लिए टीम बनाई है।

 पाकिस्तान के खिलाफ भारत का मिशन पोल खोल

India-Pakistan News: आतंकियों के पनाहगाह पाकिस्‍तान की करतूतों को इंटरनेशनल लेवल पर उजागर करने के लिए मोदी सरकार ने स्‍पेशल टीम गठित की है। कांग्रेस के सीनियर लीडर और सांसद शशि थरूर इस टीम की अगुआई करेंगे। थरूर यूएन में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं, ऐसे में उनके अनुभवों को देखते हुए सरकार ने पाकिस्‍तान के खिलाफ इंटरनेशनल मुहिम चलाने के लिए गठित टीम की बागडोर उन्‍हें सौंपी है। बताया जा रहा है कि शशि थरूर अमेरिका और यूरोप के कुछ अन्‍य देशों में जाकर पाकिस्‍तान की साजिशों के बारे में पब्लिक ओपिनियन बनाएंगे। टीम के अन्‍य सदस्‍य दुनिया के अन्‍य देशों में जाकर पाकिस्‍तान की पोल खोलेंगे। बता दें कि पाकिस्‍तान आतंकवादियों के लिए सुरक्षित ठिकाना है। UN और अमेरिका की ओर से प्रतिबंधित आतंकवादी आज भी वहां खुलेआम घूमते हैं। पाकिस्‍तान के सेनाध्‍यक्ष जनरल आसिम मुनीर की टीम में ओसामा बिन लादेन के सहयोगी का बेटा शामिल है, जिससे आतंकवादियों के प्रति इस्‍लामाबाद के संबंध को सहज ही समझा जा सकता है।
India-Pakistan News: दरअसल, कश्‍मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में धर्म पूछकर पर्यटकों का नरसंहार किया गया।  इसमें अधिकांश हिन्‍दू टूरिस्‍ट थे। धरती का स्‍वर्ग कहे जाने वाले कश्‍मीर में हुई विभत्‍स घटना ने देश के साथ ही पुरी दुनिया को स्‍तब्‍ध कर दिया। भारत ने इस आतंकी हमले के बाद इसके जिम्‍मेदार लोगों और उन्‍हें संरक्षण देने वालों को मिट्टी में मिलाने का वादा किया था। इसके बाद इंडियन आर्म्‍ड फोर्सेज ने Operation Sindoor लॉन्‍च किया। महज 23 मिनट में POK और पाकिस्‍तान स्थित आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया गया। India-Pakistan News भारत के प्रचंड प्रहार से पाकिस्‍तान हिल गया और जनरल आसिम मुनीर और प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के पैरों तले की जमीन खिसक गई। बौखलाए पाकिस्‍तान ने भारत के सैन्‍य एयरबेस को निशाना बनाना शुरू कर दिया। भारत ने दुश्‍मन देश के प्रयास को पूरी तरह से विफल कर दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्‍तान के 11 एयरबेस को तबाह कर दिया। इसके बाद घुटनों पर आया पाकिस्‍तान सीजफायर की अपील करने लगा। भारत ने अपनी शर्तों पर ऑपरेशन सिंदूर को फौरी तौर पर रोकने का फैसला किया।

India-Pakistan News इंटरनेशनल बेइज्‍जती की तैयारी

India-Pakistan News: युद्ध के मैदान में पाकिस्‍तान को धूल चटाने के बाद भारत अब आतंकिस्तान की इंटरनेशनल लेवल पर बेइज्‍जती करने की तैयारी की है। इसके लिए मोदी सरकार ने बकायदा एक टीम बनाई है। जानकारी के अनुसार, इस टीम की अगुआई कांग्रेस सांसद और इंटरनेशनल मामलों के जानकार Shashi Tharoor करेंगे। उनके अलावा टीम में बीजेपी के निशिकांत दुबे, रविशंकर प्रसाद, बांसुरी स्‍वराज, अनुराग ठाकुर (सभी भाजपा के), समलान खुर्शीद, कनीमोड़ी, जॉन ब्रिट्स जैसे देश के तेज-तर्रार नेता शामिल हैं। टीम के सदस्‍य दुनिया के अलग-अलग हिस्‍सों में जाकर पाकिस्‍तान की ओर से फैलाई जा रही झूठ को उजागर करेंगे और आतंकवादी गतिविधियों में उसकी संलिप्‍तता के बारे में उन्‍हें बताएंगे। इंटरनेशनल लेवल पर पाकिस्‍तान की बेइज्‍जती और उसकी पोल खोलने की तैयारी है।

टीम मोदी में शामिल थरूर

India-Pakistan News: सूत्रों के अनुसार, सरकार ने थरूर से अमेरिका और यूरोप में बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए संपर्क किया था क्योंकि वह विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं। इस बीच, यह भी पता चला है कि थरूर के अलावा कुछ अन्य विपक्षी सांसद भी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा होंगे। सलमान खुर्शीद के जापान जाने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने की संभावना है, जबकि श्रीकांत शिंदे UAE और कुछ अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई करेंगे। केंद्र सरकार की तरफ से जिन देशों में प्रतिनिधिमंडल भेजे जा रहे हैं उनमें यूएस, ईयू, दक्षिण पूर्व, मध्य पूर्व, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और यूके के नाम शामिल हैं।

क्या है मोदी की मंशा India-Pakistan News

India-Pakistan News: पीएम मोदी की छवि एक ऐसे लीडर की है, जो अपने फैसलों से चौंकाने के लिए जाने जाते हैं। विपक्षी सोच भी नहीं पाते और पीएम मोदी कर जाते हैं। शशि थरूर को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल करने का निर्णय भी कुछ ऐसा ही है। लेकिन शशि थरूर को करीब से जानने वाले जानते हैं कि उन्‍हें चुन पीएम मोदी ने कितना बड़ा दांव खेला है। संयुक्‍त राष्‍ट्र में काम करने का लंबा अनुभव रखने वाले शशि थरूर कूटनीति के के बड़े जानकार हैं। ऐसे में पाकिस्‍तान को अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर बेनकाब करने में वह अहम रोल निभा सकते हैं। India-Pakistan News: शशि थरूर को संयुक्‍त राष्‍ट्र में काम करने का काफी लंबा अनुभव रहा है। 1978 में UNHCR (संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त) में अपना करियर शुरू करने वाले थरूर 1981 से 1984 तक सिंगापुर में UNHCR कार्यालय के प्रमुख रहे। 1989 में वह विशेष राजनीतिक मामलों के लिए अवर महासचिव के विशेष सहायक बने, जिसमें यूगोस्लाविया में शांति अभियानों की जिम्मेदारी भी शामिल थी। 2001 में उन्हें संचार और जन सूचना विभाग (DPI) के अंतरिम प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया, और बाद में 2002 में उन्हें संचार और जन सूचना के लिए अवर महासचिव बनाया गया। थरूर 2006 में कोफी अन्नान के बाद महासचिव की रेस में थे। लेकिन वह महासचिव नहीं बन पाए थे। थरूर 2006 में महासचिव की रेस में दूसरे स्‍थान पर रहे थे। शशि थरूर कूटनीति के अच्‍छे जानकार हैं। वह जानते हैं किस देश की क्‍या फितरत है और उसे कैसे जवाब देना है। यही वजह है कि जब अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के भारत और पाकिस्‍तान के बीच सीजफायर की घोषणा करने से पहले ही वाहवाही लूटते हुए उन्‍होंने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किया, तो थरूर ने पीएम मोदी की चुप्‍पी का समर्थन किया था। थरूर ने पीएम मोदी की चुप्‍पी को कूटनीति का हिस्‍सा बताया था। इससे पहले वह रूस-यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर मोदी सरकार की कूटनीति की तारीफ कर चुके हैं। India-Pakistan News: शशि थरूर शुरुआत से ऑपरेशन सिंदूर के समर्थक रहे हैं। पीएम मोदी ने उन्‍हें अब बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्‍सा बनाया है, लेकिन थरूर अपना काम काफी पहले से ही शुरू कर चुके हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक तनाव के बीच शशि थरूर ने  विभिन्न चैनलों पर मीडिया के जरिए भारत का पक्ष दुनिया के सामने रखा है। इसके कायल भारत के कई नेता रहे हैं।

ओवैसी को क्यों चुना

‘India-Pakistan News ‘मैं भारतीय सेनाओं की तरफ से पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर किए गए हमलों का स्वागत करता हूं। पाकिस्तान को ऐसी सख्त सीख दी जानी चाहिए कि फिर कभी दूसरापहलगाम न हो। पाकिस्तान के आतंकी स्‍ट्रक्‍चर को पूरी तरह नष्ट कर देना चाहिए।’ ऑपरेशन सिंदूर के बाद AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की पूरी छवि बदल गई है। इस दौरान उनकी एक देशभक्‍त की जो छवि सामने आई, उसकी तारीफ भाजपा नेता भी जमकर कर रहे हैं। शायद ही ऑपरेशन सिंदूर से पहले किसी को उम्‍मीद थी कि ओवैसी, पाकिस्‍तान को इतनी खरी-खरी सुना सकते हैं। ऐसे में पीएम मोदी ने ओवैसी को बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्‍सा बनाकर कोई हैरान नहीं किया है। India-Pakistan News: असदुद्दीन ओवैसी भारत सरकार के ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआत से ही समर्थक रहे हैं। कई टीवी चैनलों पर उन्‍होंने मोदी सरकार के इस कदम का समर्थन किया और पाकिस्‍तान को खरी-खरी सुनाई। कई मौकों पर तो वह पाकिस्‍तानी प्रवक्‍ताओं से भिड़ते हुए भी नजर आए। ओवैसी ने कहा कि पाकिस्‍तान को उसके किये की सख्‍त से सख्‍त सजा दी जानी चाहिए। एक न्‍यूज चैनल को दिये इंटरव्‍यू के दौरान उन्‍होंने कहा कि देश उनके लिए सबसे पहले आता है। उनके दिल में जो होता है, वही कहते हैं। लोगों को कई बार अच्‍छी लगती है, तो कई बार बुरी! लेकिन मुझे करीब से जानने वाले मेरे हिंदू दोस्‍त जानते हैं कि मैं कैसा हूं। बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल में कौन-सा दल किस देश में जाएगा, यह जानकारी तो अभी सामने नहीं आई है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि मुस्लिम चेहरा होने के नाते ओवैसी को मुस्लिम देशों को साधने में लगाया जा सकता है। दरअसल, अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर ओवैसी की छवि एक पक्‍के मुसलमान की है, ऐसे में जब वह मुस्लिम देशों के सामने भारत का पक्ष रखेंगे, तो उनकी बात में एक अलग वजन होगा। ओवैसी एक राजनेता होने के साथ-साथ काबिल वकील भी हैं, जो अपनी बात को तर्क के साथ रखते हैं। आमतौर पर उनकी बात को काटना बेहद मुश्किल होता है। ये खूबी उन्‍हें दूसरों से जुदा करती है। ऐसे में वह भारत का पक्ष दूसरे देशों के सामने बेहद मजबूती से रख सकते हैं।

 1994 की तरह पार्टियां एकजुट

India-Pakistan News: यह पहला मौका नहीं है, जब सभी भारतीय राजनीतिक दल आपसी राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर एकजुट होकर अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर अपनी बात रखने जा रहे हैं। इससे पहले 1994 में तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव ने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठते हुए भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग में भारत का नेतृत्व करने के लिए चुना था। अटल बिहारी वाजपेयी के वहां पहुंचने पर पाकिस्‍तान भी हैरान था।

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