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November 18, 2025

Himachal में टीचरों के गैर-शैक्षणिक कामों पर लगाम, सरकार शुरू करने जा रही ये 31 बड़े बदलाव

The CSR Journal Magazine
हिमाचल प्रदेश सरकार अब सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को उन अतिरिक्त जिम्मेदारियों से राहत देने की तैयारी कर रही है, जो सीधे तौर पर पढ़ाई से जुड़ी नहीं हैं। शिक्षा विभाग ने ऐसे 31 गैर-शैक्षणिक कार्यों की सूची तैयार की है, जिनकी विस्तृत समीक्षा कर यह तय किया जाएगा कि किन कार्यों को हटाया जा सकता है और किनकी जिम्मेदारी स्कूलों में अन्य स्टाफ या तकनीकी सहयोग से पूरी की जा सकती है।

शिक्षकों पर बढ़ते गैर-शैक्षणिक भार पर विभाग की चिंता

राज्य सरकार का मानना है कि शिक्षकों को कक्षा में अधिक समय देने का मौका मिलना चाहिए। अभी की स्थिति यह है कि स्कूलों में पढ़ाने के अलावा कई तरह के प्रशासनिक, सर्वेक्षण और कार्यक्रम संबंधी कार्यों का दायित्व भी शिक्षकों पर ही आ जाता है।
11 नवंबर को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठा। बैठक में अधिकारियों ने स्वीकार किया कि शिक्षकों को दी जा रही जिम्मेदारियों में समानता नहीं है, कुछ शिक्षकों पर बहुत अधिक कार्यभार है, जबकि कई के पास अपेक्षाकृत कम दायित्व हैं। इस असंतुलन को दूर करने के लिए नियमों को नए सिरे से तय किया जा रहा है।

जिलों से मांगे गए सुझाव, प्रोफार्मा भी जारी

स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने इस संबंध में एक पत्र सभी जिला उपनिदेशकों को भेजा है। उनसे कहा गया है कि वे यह सुझाएं कि कौनसे गैर-शैक्षणिक कार्य तुरंत कम किए जा सकते हैं और उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था क्या हो सकती है। इस पत्र के साथ एक प्रोफार्मा भी भेजा गया है ताकि जिले विस्तृत और संरचित सुझाव दे सकें। विभाग ने स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में इन्हीं सुझावों के आधार पर अंतिम नियम तैयार किए जाएंगे।

शिक्षकों द्वारा किए जाने वाले 31 गैर-शैक्षणिक कार्य

राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षक पढ़ाई के अलावा निम्न प्रकार के कार्य भी संभालते हैंI छात्रवृत्ति प्रबंधन, एनएसएस, ईको क्लब, एनसीसी, मिड-डे-मील देखरेख, वर्दी एवं पाठ्यपुस्तक वितरण, स्काउट एंड गाइड गतिविधियां, आपदा प्रबंधन, पुस्तकालय संचालन, युवा संसद, स्वच्छता अभियान, सरकारी सर्वे, मतदाता सूची अद्यतन, जनगणना कार्य, विभिन्न जागरूकता अभियान, प्रशिक्षण प्रक्रियाएं, रिकॉर्ड मेन्टेनेन्स, सरकारी प्रोजेक्टों की फीडिंग, स्कूल-स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन आदि। शिक्षक संगठनों का कहना है कि इन कार्यों में लगने वाला समय उनकी कक्षा में उपस्थिति को प्रभावित करता है, जिसका सीधा असर परीक्षा परिणामों पर पड़ता है।

गैर-शैक्षणिक जिम्मेदारियां कम करने की मांग पहले से उठती रही

शिक्षक संगठन कई वर्षों से यह मांग कर रहे हैं कि उनसे गैर-शैक्षणिक कार्य न करवाए जाएं या इन्हें सीमित किया जाए। हाल ही में विभाग द्वारा खराब परीक्षा परिणाम आने पर कुछ शिक्षकों की इंक्रीमेंट रोकने के निर्णय के बाद यह मांग और तेज हो गई थी। शिक्षकों का तर्क है कि जब उनके पास अत्यधिक साइड-वर्क होगा तो स्वाभाविक रूप से शिक्षण गुणवत्ता प्रभावित होगी।

तकनीकी और मानव संसाधन से मिलेगा समाधान

विभाग ने संकेत दिया है कि आने वाले समय में कई गैर-शैक्षणिक कार्यों को डाटा एंट्री ऑपरेटरों, तकनीकी सहयोग या अन्य विभागीय स्टाफ की मदद से पूरा किया जा सकता है। इससे शिक्षकों को पढ़ाई के मूल कार्य पर अधिक ध्यान देने का अवसर मिलेगा। शिक्षा निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि जिलों से सुझाव आने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी और उन कार्यों की पहचान तय की जाएगी, जिन्हें शिक्षक से हटाकर अन्य स्टाफ को दिया जा सकता है।

सरकार का लक्ष्य: बेहतर शिक्षा, कक्षा में अधिक समय

हिमाचल प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जाए। इसके लिए जरूरी है कि शिक्षक कक्षा में अधिक समय दें और प्रशासनिक या लिपिकीय कार्यों में उलझे न रहें। आगामी दिनों में इस दिशा में ठोस कदम उठने की उम्मीद है।
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