15 अगस्त 2019 को देश के हर घर में नल से जल पहुंचाने के लिए, सभी नागरिकों तक पानी की व्यवस्था घर-घर उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल जीवन मिशन का शुभारंभ किया था। पांच साल बाद भी Jal Jeevan Mission के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को घरों में ही पीने के पानी के लिए जल कनेक्शन लगाए जा रहे हैं। मोदी सरकार 2014 से लेकर अब तक के अपने कार्यकाल में घर-घर पीने योग्य पानी पहुंचाने को लेकर तमाम तरह की योजनाएं चला रही हैं। उन्हीं योजनाओं में से एक है जल जीवन मिशन स्कीम और हर घर जल योजना। इन दोनों योजनाओं की लागत लाखों करोड़ों रुपये है। सरकार इन दोनों योजना को पूरी प्रतिबद्धता के साथ देशभर में लागू कर चुकी है। जहां वर्षों से लोगों को पानी लेने के लिए मीलों दूर जाना पड़ता था अब वहां हर घर पानी पाइप के जरिए पहुंच रहा है। लोगों को पानी मुहैया कराने के साथ-साथ जल संरक्षण को भी लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है।
हर घर जल योजना व जल जीवन मिशन योजना के कार्यान्वयन के लिए 360 लाख करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। देश के करीब 50 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्याओं से जूझना पड़ता है। Department of Drinking Water and Sanitation के मुताबिक 2019 से अब तक 18.33 फीसदी ग्रामीण परिवारों को पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। कुल मिलाकर 17.87 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से अब तक सरकार द्वारा 3.27 करोड़ परिवारों को पानी की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि सभी ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले परिवारों को 2024 तक पानी की व्यवस्था को पाइप के माध्यम से पहुंचाना है। हर घर जल योजना जल जीवन मिशन का एक भाग है, जिसे भारत में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया है। इसका लक्ष्य देश के हर घर को पाइप जल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत घरों तक पाइप जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के अलावा ग्रामीण स्कूलों, आंगनवाड़ी और सामुदायिक भवनों में पाइप जल कनेक्शन की स्थापना की जा रही है।
साल 2019 के बाद से अब तक लगभग 9 करोड़ घरों तक पानी की पाइप बिछाई गई। अनुमान जताया गया है कि अप्रैल 2024 तक गांवों में केवल 75 फीसदी ग्रामीण घरों की नल जल तक पहुंच होगी। लेकिन इन सब के बीच ये भी सच्चाई है कि जिस स्तर पर Jal Jeevan Mission पर काम किया जाना चाहिए था उसे सरकार ने हासिल नहीं किया। Jal Jeevan Mission में घोटाले भी सामने आ रहे है, लापरवाहियां भी सामने आ रही है। जल जीवन मिशन और हर घर नल से जल के मामले में कई ऐसे घर कई ऐसे गांवों में पानी पहुंच चुका है। हर घर में नल से पानी पहुंचने से गांवों की तस्वीर धीरे-धीरे बदल रही है। अब कई किमी दूर से नदी या कुएं से पानी लाने के लिए जद्दोजहद नहीं करनी पड़ती है।
हर घर जल योजना से मिला शुद्ध पीने का पानी
हर घर नल से जल के सपने को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरू किए गए जल जीवन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ के 33 जिलों के 50,00,571 घरों में पेयजल पहुंचाना है। इसमें से 38,79,315 घरों में नल से जल के सपने को साकार किया जा चुका है। Chhattisgarh में 77.58 प्रतिशत लक्ष्य को पूरा कर लिया गया है। बचे हुए घरों में नल से जल पहुंचाने के लिए तेजी से काम हो रहा है। घर-घर जल पहुंचने से गांवों की तस्वीर बदल रही है। तो राजस्थान में हालत गंभीर है। राजस्थान के चूरू जिले में जल जीवन मिशन (Jal Jeevan Mission) योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है। यदि यह कहा जाए तो शायद गलत न होगा, क्योंकि विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों की मिलीभगत से यह महत्वपूर्ण योजना चूरू (Churu) में फेल नजर आ रही है। इस योजना के तहत गांव-गांव में घर-घर तक लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। लेकिन आज भी जिले की कई सारी ग्राम पंचायतों में यह योजना हांसिए पर है।
राजस्थान के गांव में हर घर जल योजना का हाल बेहाल है
ग्रामीणों का कहना है कि गांव के अंदर आपको दूध, छाछ, दही, घी मिल जाएगा, लेकिन पीने के लिए पानी नहीं मिलेगा। 4 हजार के करीब आबादी वाले गांव राजास में ग्रामीण 4 महीने से पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। राजास गांव में जल जीवन मिशन योजना सिर्फ कागजों में ही सफलता की कहानी गढ़ रहा है, जबकि हकीकत ठीक विपरीत है। ग्रामीणों का आरोप है कि घटिया निर्माण, अधूरा निर्माण और करोड़ों रुपये के ठेकेदारों को भुगतान एक बड़ा खेल हो गया, लेकिन गांव राजास के ग्रामीणों को पानी नहीं मिला। गांव की महिलाओं ने बताया कि पिछले 4 महीने में एक बार भी नलों में पानी नहीं आया, जिसके चलते हमें टैंकरों से पानी मंगवाना पड़ता है, जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।
उत्तर प्रदेश के अमेठी में नल हो गया चोरी
उत्तर प्रदेश में इस मिशन की बात करें तो यहां अमेठी जिले में जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत हर घर नल लगाने वाली कंपनी वेलस्पन इंटरप्राइजेज के मुंशीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत शहबाजपुर, दरपीपुर गांव में स्थित गोदाम से 48604 टोटियां गायब हो गई। जिनकी कुल कीमत 87 लाख 48 हज़ार 720 रुपए है। कंपनी की शिकायत पर मुंशीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच पड़ताल में जुटी हुई है। छत्तीसगढ़ के कोरिया में जल जीवन मिशन से घर-घर पानी उपलब्ध कराने के लिए पीएचई विभाग ने नल कनेक्शन के लिए पाइप और चबूतरे का काम तो कर दिया गया है लेकिन सप्लाई लाइन नहीं बिछाई गई. निर्माण के दो साल बाद भी पानी नहीं मिलने से गांव के ग्रामीण परेशान है।
जल है तो कल है, ऐसे में पानी की बचत करें
जल ही कल है और जल ही जीवन। विश्व जल संकट से जूझ रहा है। जिसके कारण बच्चों का जीवन और भविष्य खतरे में है। सुरक्षित पीने का पानी स्वास्थ्य और जीवन यापन के लिए बहुत जरूरी है। दुनिया में तीन फीसदी से कम ताजे पानी के स्त्रोत हैं और यह आंकड़ा कम ही होता जा रहा है। तेजी से जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण, कृषि उद्योग और ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में पानी की बढ़ती जरूरत के कारण जल की मांग बढ़ती जा रही है।