मुंबई की सड़कों पर दौड़ती है ‘वृक्षों की रानी’
सरकारों का मुँह ना निहारते अगर आम इंसान समाज में बदलाव लाने की ठान ले तो सब कुछ संभव है, यही बात लगातार दी सीएसआर जर्नल अपने पाठकों से कहता आ रहा है, दी सीएसआर जर्नल हमेशा से चाहता रहा है कि सिर्फ कॉर्पोरेट ही नहीं, सिर्फ सरकार ही नहीं बल्कि आम जनता अपने समाज के प्रति जागरूक हो जाए, हर एक सिटीजन सोशल रेस्पोंसिबल बने, ऐसे ही एक शख्स है जिनका प्रयास तो बहुत छोटा है लेकिन पर्यावरण के प्रति योगदान बहुत बड़ा है, मुंबई की सड़कों पर इन दिनों चलता फिरता गार्डन घूम रहा है, ये गार्डन एक ऑटो में मौजूद है, इस गार्डन वाले ऑटो में बैठने पर आपका भी दिल खुश हो जाएगा।
ऐसा लगेगा जैसे आप हरियाली के साथ साथ चल रहे है, चारों तरफ हरियाली और खुशबू बिखेरने का यह नेक प्रयास किया है ऑटो रिक्शा चालक प्रकाश माने ने, प्रकाश चाहते हैं कि हर इंसान पर्यावरण को बचाने के लिए अपना योगदान दे जैसे वो दे रहे है।
शहरों की भागदौड़ भरी जिंदगी में पेड़ की छांव का सुकून कहीं विलुप्त होता जा रहा है। शहरीकरण की वजह से पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है, पेड़ हमारी जिंदगी और पर्यावरण से कहीं खो ना जाए, इसके लिए सीएसआर के तहत कॉर्पोरेट, सरकारें लगातार कुछ न कुछ नया कर रहे हैं। लेकिन जबतक इस मुहीम से आम जनता और लोग नहीं जुड़ जाते तबतक सफलता नहीं मिलेगी, पर्यावरण संरक्षण के लिए ऐसा ही प्रयास मुंबई के निवासी एक ऑटो रिक्शा चालक प्रकाश माने भी कर रहे हैं। प्रकाश को कोई लोग ‘गार्डन वाले ऑटो भाई’ कहकर पुकारते हैं।
दरअसल पेड़ों की रानी नाम से मशहूर प्रकाश माने एक ऐसा ऑटो चलाते है जो एक चलता फिरता गार्डन ही है, प्रकाश को पेड़-पौधों से काफी लगाव है। यही वजह है कि वह ऑटो रिक्शा में आगे-पीछे, दाएं-बाएं, हर जगह छोटे-बड़े करीब डेढ़ दर्जन सजावटी और खुशबूदार पौधे लगा रखे हैं। प्रकाश लोगों को प्रेरित करते है कि हर इंसान को पेड़ लगाना चाहिए, प्रकाश को इन पौधों से बेहद लगाव है और इनकी देख रेख वो खुद करते हैं, यहाँ तक कि प्रकाश दूसरों को पौधे लगाने में मदद भी करते है।
तुलसी, मोगरा, गुलाब, गेंदा और चमेली जैसे दर्जन भर हरे-भरे पौधों से सजे ऑटो रिक्शा में यात्री बैठने के लिए तरसते हैं। यात्री सफर के बाद ऑटो के साथ सेल्फी जरूर लेते हैं। प्रकाश यात्रियों को छोड़ने के बाद यह अपील जरूर करते है कि लोग अपने आसपास कम से कम एक पौधा जरूर लगाएं, जाहिर है प्रकाश की ये सोच पर्यावरण संरक्षण के लिए बेहद ही सराहनीय कदम है।