महाराष्ट्र में किसानों की ख़ुदकुशी का मामला लगातार सुर्खियां बनती है। देश में किसी अन्य राज्यों की तुलना में महाराष्ट्र में किसानों के ख़ुदकुशी का आकड़ा महाराष्ट्र सरकार के लिए चिंता का विषय है। सरकारें आती है, किसानों की बदहाली और उनकी ख़ुदकुशी की समस्या को हल करने का आश्वासन देती है लेकिन किसानों की हालात जस की तस रहती है। फसल खराब होना, सामान का सही भाव नहीं मिलना और शिक्षा की कमी की वजह से महाराष्ट्र के किसान मौत को गले लगा लेते हैं।
किसानों की ख़ुदकुशी रोकने के लिए सीएम ने किया श्रम विद्या शैक्षणिक कर्ज योजना का शुभारंभ
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने किसानों की आत्महत्या (Farmers Suicides in Maharashtra) को रोकने के लिए एक कारगर कदम उठाते हुए एक सरकारी योजना को लांच किया है। श्रम विद्या शैक्षणिक ऋण योजना का शुभारंभ करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि राज्य में सहकारी बैंक (Co-operative Bank in Maharashtra) आत्महत्या करने वाले किसानों के बेटे-बेटियों के साथ-साथ सभी आम लोगों के कल्याण और समृद्धि के लिए काम करें। इसके साथ ही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Maharashtra CM Eknath Shinde) ने कहा कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई करने वाले लड़कों और लड़कियों की शिक्षा (Education for Farmers) के लिए शून्य से 4 फीसदी ब्याज दर पर 15 लाख तक का शिक्षा ऋण (Education Loan for Farmers in Maharashtra) प्रदान करने के लिए ‘श्रम विद्या शैक्षणिक कर्ज योजना’ शुरू करके आत्महत्या ग्रस्त किसान परिवारों के लड़के और लड़कियों को बड़ा आधार दिया है।
ऐसा है श्रम विद्या शैक्षणिक कर्ज योजना, रुकेगी किसानों की ख़ुदकुशी
कर्ज चुकाने की अवधि 10 साल है यानी नौकरी लगने के बाद कर्ज चुकाना होगा। पांच लाख तक के ऋण के लिए किसी कुछ गिरवी रखने या गारंटर की जरूरत नहीं है। पांच लाख से 10 लाख रुपये के बीच के कर्ज के लिए कुछ गिरवी रखने की जरूरत नहीं होगी, हालांकि एक गारंटर की आवश्यकता होगी। 10 लाख से 15 लाख के बीच के ऋण के लिए कुछ गिरवी रखना होगा और दो गारंटर की आवश्यकता होगी। पांच लाख तक शून्य प्रतिशत, पांच लाख से ऊपर से 10 लाख तक 2 प्रतिशत ब्याज दर और 10 लाख से ऊपर 15 लाख तक 4 प्रतिशत ब्याज दर की योजना लागू की जाएगी।
किसानों की मदद के लिए तत्पर एकनाथ शिंदे सरकार
किसानों की मदद के लिए महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से उबारने के लिए मौजूदा योजना की धनराशि बढ़ाकर उनकी मदद की है। बेमौसम बारिश के कारण मुआवजे का भुगतान भी तुरंत किया गया। केंद्र सरकार की तरह राज्य ने भी किसानों को सालाना 6 हजार रुपये देने की योजना शुरू की है। ऐसी विभिन्न योजनाओं को लागू कर किसानों को बल देने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में महाराष्ट्र राज्य में किसानों की आत्महत्या को रोकने के लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है।