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December 27, 2025

6 मिनट में पहुंची जिंदगी की रफ्तार, Gorakhpur में एंबुलेंस ने 3.33 लाख लोगों की बचाई जान

The CSR Journal Magazine
गोरखपुर जिले में वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान सरकारी एंबुलेंस सेवाओं ने आपातकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था को नई मजबूती दी है। जिले में 108 और 102 नंबर की एंबुलेंस सेवाओं के माध्यम से अब तक 3.33 लाख से अधिक लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाकर जरूरी इलाज उपलब्ध कराया गया। सड़क दुर्घटनाओं, गंभीर बीमारियों और प्रसव जैसी स्थितियों में इन सेवाओं ने आमजन के लिए संजीवनी का काम किया है।

108 एंबुलेंस से 81 हजार से ज्यादा मरीजों को मिली मदद

आपातकालीन चिकित्सा सेवा के तहत संचालित 108 एंबुलेंस ने इस वित्तीय वर्ष में कुल 81,519 लोगों को सेवा प्रदान की। इनमें दुर्घटना में घायल, गंभीर रूप से बीमार और अन्य आपात स्थितियों से जूझ रहे मरीज शामिल रहे। केवल नवंबर माह में ही 8,741 मरीजों और घायलों को 108 एंबुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे कई जिंदगियां बचाई जा सकीं।

6.72 मिनट का औसत रिस्पांस टाइम बना जान बचाने का हथियार

108 एंबुलेंस सेवा की सबसे बड़ी उपलब्धि इसका तेज रिस्पांस टाइम है। जिले में इन एंबुलेंस का औसत प्रतिक्रिया समय 6.72 मिनट दर्ज किया गया है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार आपातकालीन स्थिति में यह “गोल्डन आवर” बेहद अहम होता है, और इसी दौरान मरीज को अस्पताल पहुंचाना जीवन और मृत्यु के बीच का फर्क तय करता है।

गर्भवती महिलाओं और नवजातों के लिए 102 एंबुलेंस वरदान

मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं के लिए संचालित 102 एंबुलेंस ने भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। वित्तीय वर्ष में 102 एंबुलेंस के माध्यम से 2,51,998 गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को लाभ पहुंचाया गया। नवंबर महीने में ही 26,724 लाभार्थियों ने इस सेवा का उपयोग किया, जिससे सुरक्षित प्रसव और नवजात देखभाल को बढ़ावा मिला।

सिर्फ 6 मिनट में मदद, सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा

102 एंबुलेंस सेवा का औसत रिस्पांस टाइम मात्र 6 मिनट रहा, जो ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को दर्शाता है। इन एंबुलेंस में सुरक्षित प्रसव के लिए विशेष डिलीवरी किट भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे रास्ते में ही जरूरत पड़ने पर प्राथमिक चिकित्सा और सुरक्षित डिलीवरी संभव हो पाती है।

जिले में 96 एंबुलेंस लगातार सेवा में तैनात

गोरखपुर जिले में वर्तमान में 108 नंबर की 46 और 102 नंबर की 50 एंबुलेंस लगातार सेवा में लगी हुई हैं। सरकार के निर्देशों के अनुसार ‘स्पॉट टू हॉस्पिटल’ सेवा को लगातार सुदृढ़ किया जा रहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में मरीज को घटनास्थल से सीधे अस्पताल तक तेजी से पहुंचाया जा सके।

‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ के रूप में उभरी एंबुलेंस सेवा

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. राजेश झा ने एंबुलेंस सेवा को सरकार का “ड्रीम प्रोजेक्ट” बताया। उन्होंने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में आमजन को त्वरित, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना है। समय पर पहुंचने वाली एंबुलेंस न केवल जान बचा रही हैं, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था में लोगों का भरोसा भी मजबूत कर रही हैं।

इमरजेंसी हेल्थ सिस्टम की बदली तस्वीर

कुल मिलाकर गोरखपुर में सरकारी एंबुलेंस सेवाओं ने स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदल दी है। तेज रिस्पांस टाइम, प्रशिक्षित स्टाफ और आधुनिक सुविधाओं से लैस ये एंबुलेंस आज जिले के लाखों लोगों के लिए जीवन रेखा बन चुकी हैं। आने वाले समय में इन सेवाओं के और विस्तार से जिले की आपातकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था और मजबूत होने की उम्मीद है।
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