गरीब होना अपने आप में एक बड़ा अभिशाप है, गरीबी और बीमारी का चोली दामन का साथ है, अगर आप गरीब है ऊपर से बीमारियां घर कर जाय तो मानों इंसान टूट सा जाता है। गरीबी में दो वक्त की रोटी मिल पाना बेहद मुश्किल होता है और ऊपर से बीमारी पूरे परिवार को और लाचार बना देती है। यूं तो भारत सरकार के साथ साथ राज्य सरकारों द्वारा गरीबी हटाने के लिए सैकड़ों सरकारी योजनाएं है। लेकिन ना गरीबी हट रही है और ना ही गरीबों का उत्थान हो रहा है। उल्टा गरीबी से गरीबों में बीमारियां जरूर बढ़ रही है। ऐसा बिलकुल नहीं है कि इन गरीबों के मुफ्त और किफायती इलाज के लिए सरकारी योजनाएं नहीं है लेकिन ये योजनाएं गरीब तक पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देती है।
बड़े से बड़े निजी अस्पतालों में फ्री में ऐसे कराएं इलाज
भारत में सरकारी अस्पताल भरे पड़े हैं। सरकारी अस्पतालों में भार इतना है कि इलाज के लिए लंबी वेटिंग लिस्ट है। कभी कभी इन सरकारी अस्पतालों में आलम ये होता है कि इलाज के लिए सुविधाएं ही नहीं होती है। और बड़ी बात ये कि गरीब इन सरकारी अस्पतालों के चक्कर काटते ही रह जाते है लेकिन समय पर इलाज नहीं हो पाता है। इन्हें अपने अधिकारों की जानकारी नहीं होती और ना ही गरीबों को सही जानकारी दी जाती है। वर्ल्ड हेल्थ डे (World Health Day) के इस ख़ास अवसर पर The CSR Journal आपको बताने जा रहा है कि अगर आप बीमार है और अगर आप गरीबी की वजह से आप अपना इलाज नहीं करवा पा रहें है, तो कैसे बड़े से बड़े निजी अस्पताल (Free Treatment in Private Hospital) में कैसे कराएं अपना फ्री में इलाज।
निजी अस्पतालों में गरीब मरीजों के लिए 10 फीसदी बेड्स आरक्षित
आर्थिक रूप से कमजोर गरीब वर्ग के लोगों का निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज हो सकता है। सरकारी जमीन पर बने निजी अस्पतालों में गरीबों का मुफ्त इलाज करने की पूरे देश में नीति बनाई गई है। ये निजी अस्पताल चैरिटेबल होते है। इन प्राइवेट हॉस्पिटल्स में जो इलाज का खर्च वहन करने से असमर्थ है वैसा पीड़ित गरीब व्यक्ति अपना इलाज मुफ्त में करवा सकता है। अलग अलग राज्य में इसके नियम तय किये गए है। लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर सभी बड़े अस्पतालों में गरीब मरीजों के लिए ये सुविधा बिलकुल मुफ्त है।
जानकारी का अभाव
इन निजी अस्पतालों में भी गरीब का इलाज संभव होता है। लेकिन जागरूकता के अभाव में गरीब वर्ग के मरीज अपने अधिकार के बारे में नहीं जानते हैं और वे निजी अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं। कई अस्पतालों में उनके लिए आरक्षित बिस्तर खाली पड़े रहते हैं। समाज के गरीब वर्ग के लोगों में जागरूकता लाने के लिए ना ये प्राइवेट अस्पताल आगे आते है और ना ही ओवरलोड की भार झेलते सरकारी अस्पताल के लोग इन निजी अस्पतालों में गरीबों को रेफर करते है। नतीजा यही होता है कि गरीब बड़े प्राइवेट अस्पतालों तक पहुंच नहीं पाता और सरकारी अस्पताल के चक्कर लगाता रह जाता है।
फ्री इलाज पाने के लिए ये है नियम (Free Treatment for Patients)
बड़े अस्पतालों में फ्री या फिर किफायती इलाज भी संभव है लेकिन सुविधा गरीब लोगों के लिए होता है। इन सुविधाओं को पाने के लिए सरकारों द्वारा कुछ नियम बनाये गए है। हर राज्य में अलग अलग नियम और कानून है। लेकिन कमोवेश नियम समांतर ही है। अगर हम महाराष्ट्र की बात करें तो यहां बड़े अस्पताल में दो तरह के मरीज अपना इलाज करवा सकते है। इसके लिए आपको अस्पताल में मेडिकल सोशल ऑफिसर को इनकम प्रूफ और राशन कार्ड की कॉपी देनी पड़ती है। अगर आपके परिवार की कुल वार्षिक आय 85 हज़ार से कम है तो आप पूरी तरह से मुफ्त इलाज के लिए पात्र है वही अगर आपके परिवार की कुल वार्षिक आय 1 लाख 60 हज़ार से कम है तो आप का इलाज किफायती दर पर होगा।
ऐसे लोग क्या करें जो पैसे नहीं होने के कारण इलाज नहीं करवा पा रहे हैं
गरीब तबके के लोग तो कई सरकारी योजनाओं के सहारे तो अपना इलाज करवा लेते है। भारत में गरीबी हटाने और गरीबों के उत्थान के लिए सैकड़ों योजनाएं है। जिसके तहत गरीब अपना इंतज़ाम कर लेते है। लेकिन उनका क्या जो कागजी तौर पर गरीब नहीं है। लेकिन उनकी जिंदगी तंगी और बदहाली में कटती है। वो कैसे अपना इलाज करवाएं। एक घर में अगर कोई बीमार होता है तो ऐसा लगता है कि पूरा परिवार बीमार हो गया है। एक सक्षम और समृद्ध परिवार की हालत माली हो जाती है जब बिमारी घर कर जाती है। ऐसे में देश में तमाम परोपकारी संस्थाओं और लोगों से मदद ले सकते है।
ये कुछ संस्थाएं है और लोग है जो इलाज के लिए कर सकती है आर्थिक मदद
अगर आप अपने परिवार में किसी का इलाज बहुत अरसे से करवा रहें है, और बहुत दिनों से इलाज होने की वजह से पैसे खत्म या फिर नहीं है तो ऐसे में आपकी मदद देश की कुछ नामी गिरामी संस्थान, ट्रस्ट, मंदिर, फाउंडेशन कर सकते है। कई ऐसे परोपकारी शख्सियत है जो दूसरों की मदद करने के लिए अपनी निजी कमाई तक भी खर्च करते है। कई ऐसे कॉर्पोरेट्स है जो अपने सीएसआर फंड की मदद सामाजिक स्तर पर हेल्थ सेक्टर में बड़े पैमाने पर बदलाव ला रहे है। वही बॉलीवुड भी अछूता नहीं है। कई ऐसे स्टार्स है, कई ऐसे सेलेब्रिटीज़ है जो फिल्मों में हीरो तो है ही रियल लाइफ में भी हीरो है। तो आईये जानते है कुछ ऐसी संस्थाओं के बारें में, ऐसे कुछ कॉर्पोरेट्स के बारें में, कुछ ऐसे बॉलीवुड सेलिब्रिटीज के बारें में जो इलाज के लिए आपकी आर्थिक मदद कर सकते है वो भी ऐसे वक़्त और ऐसे माहौल में जब आप पैसों की तंगी में निराश हो चुके है।
सोनू सूद का इलाज इंडिया अभियान (How to get help from Sonu Sood)
लॉक डाउन के दरमियान सोनू सूद का नाम लोगों के सिर चढ़ बोल रहा था, हर कोई सोनू सूद का नाम और उनकी सराहना करते नहीं थकता था, फिल्मों में विलेन का किरदार निभानेवाले सोनू असल जिंदगी में ऐसे हीरो साबित हुए कि सोनू की मदद पाने वाले उन्हें भगवान का दर्जा देने लगे। सोनू सूद में ना सिर्फ लॉक डाउन में मजदूरों की सहायता की, बल्कि जिंदगी पटरी पर लाने के लिए सोनू सूद ने कई ऐसे सामाजिक अभियान की शुरुआत की जिसे किसी सरकारों को करना चाहिए था। लेकिन अभिनेता सोनू सूद की ये सराहनीय पहल से सोनू लोगो के दिलों में अब राज करते है। सोनू ने मजदूरों को घर पहुंचाया, सोनू ने रोजगार दिया, सोनू ने सूद फाउंडेशन (Sood Foundation) की शुरुआत की। सूद फाउंडेशन की मदद में देश की कई कॉर्पोरेट्स सामने आये और सीएसआर फंड से सोनू सूद के साथ मिलकर कई सामाजिक बदलाव लाये।
स्वास्थ्य (Health) की अहमियत को समझते हुए सोनू सूद ने इलाज इंडिया नामक एक अभियान की शुरुआत की। जिसके जरिये सोनू सूद उन लोगों की इलाज में मदद करते है जो इलाज करवाने के लिए आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है। स्वास्थ्य भारत, समर्थ भारत को ध्येय मानते हुए सोनू सूद ने अबतक हज़ारों लोगो का इलाज बिलकुल मुफ्त में करवाया है। अगर आप भी अपने परिवार में पैसों की तंगी के कारण इलाज नहीं करवा पा रहें है तो आप सोनू सूद से ट्विटर के जरिये संपर्क कर सकते है। बीमारी की डिटेल्स, डॉक्टर्स के पेपर के साथ आप सोशल मीडिया पर सोनू सूद से मदद मांग सकते है। सोनू सूद से आप संपर्क इन सोशल मीडिया हैंडल से कर सकते हैं – @IlaajIndia, @SoodFoundation, @SonuSood
सलमान खान का बीइंग ह्यूमन फाउंडेशन (Being Human-The Salman Khan Foundation)
सलमान खान बीइंग ह्यूमन नाम का एक एनजीओ चलाते हैं, जो टीशर्ट और अन्य कई तरह के कपड़े ऑनलाइन और स्टोर के जरिए बेचता है। सेल्स का एक हिस्सा गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए खर्च किया जाता है। सलमान खान का संगठन बीइंग ह्यूमन बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा समेत तमाम लोगों की बीमारियों और मुश्किल घड़ी में आर्थिक मदद करता है। सलमान खान बीइंग ह्यूमन के माध्यम से बच्चों के स्वास्थ्य, हार्ट सर्जरियों और शिक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च कर चुके हैं। सलमान खान को इंडस्ट्री में चैरिटी के लिए में जाना जाता है। सलमान खान महाराष्ट्र में सूखे से जूझते लोगों की भी मदद करते है। Craniofacial Program, Free Eye Camps, Little Hearts Program, Marrow Donor Registry, Cochlear implants, Women’s Health Camps, Cleft Program चलाते है। अगर आप भी इन किसी भी प्रकार की बीमारी से ग्रसित या फिर आपके जानने वाले ग्रसित है तो आप सलमान खान के इस फाउंडेशन से आर्थिक मदद ले सकतें है। मदद के लिए आपको यहां क्लिक करना होगा (Being Human-The Salman Khan Foundation वेबसाइट)।
शाहरुख़ खान का मीर फाउंडेशन
बॉलीवुड के किंग खान भी फाउंडेशन के जरिये लोगों की मदद करते है, शाहरुख़ खान महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करते है, इसके साथ ही महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी शाहरुख़ खान काम करते है। सामाजिक काम को अंजाम देने के लिए शाहरुख़ खान ने मीर फाउंडेशन की स्थापना की है। कोरोना काल में लॉक डाउन के दरमियान शाहरुख़ खान ने स्वास्थ्य पर बड़े पैमाने पर काम किया। शाहरुख़ खान की मीर फाउंडेशन एसिड अटैक सर्वाइवर्स की इलाज के लिए मदद करती है। एसिड अटैक हमले के बाद, पीड़िता को कई मेडिकल समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मीर फाउंडेशन इस तरह की सर्जरी को फाइनेंसियल मदद करता है। शाहरुख़ खान के मीर फाउंडेशन से इलाज के लिए आर्थिक सहायता पाने के लिए आप यहां क्लिक करें या फिर इस पते पर लिखें – BackStage, Plot No. 612, 15th Road, Junction of Ramkrishna Mission Road, Santacruz West, Mumbai, 400054. Email – [email protected]
बॉलीवुड में परोपकारियों की लिस्ट लंबी है, बॉलीवुड के साथ साथ कई और भी ट्रस्ट है जिनसे आप आर्थिक मदद प्राप्त कर सकते है। देश में अनगिनत देवस्थान और मंदिर है, जहां पर चढ़ावा करोड़ों में आता है। आप के मन में ये सवाल तो जरूर आता होगा कि ये मंदिर आखिरकार करोड़ों के चढ़ावे का करते क्या है तो जवाब है परोपकार, जवाब है सामाजिक भलाई। ये मंदिर ट्रस्ट के अंतर्गत रजिस्टर्ड होते है और दान में आये करोड़ों रुपये ये सामाजिक भलाई के लिए खर्च करते है। ये मंदिर के ट्रस्ट डायलेसिस सेंटर चलाते है, बड़े बड़े बिमारियों के इलाज के लिए गरीब और जरूरतमंद मरीजों की आर्थिक मदद भी करते है।
धार्मिक स्थलों से कैसे पाएं इलाज के लिए मदद (Medical Help from Temple)
इन मंदिरों के ट्रस्ट से इलाज के लिए आर्थिक मदद पाने के लिए आप अपने अपने राज्य के बड़े मंदिर जहां लाखों करोड़ों रुपये दान में आते है वहां संपर्क कर सकते है। देश के कोने कोने से लोग मुंबई आते है अपने परिजनों का इलाज करवाने। हर जगह इलाज करवा करवा कर थक जाने के बाद मुंबई एक ऐसा स्थान है जहां आप किफायती दर पर अच्छा इलाज करवा सकतें है और अगर हम मुंबई की बात करें तो यहां ऐसी कौन सी संस्थाएं है जो इलाज़ के लिए आर्थिक मदद करती है आईये वो भी जान लेते है।
सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट
मुंबई के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल सिद्धिविनायक मंदिर में आनेवाला हर एक भक्त की भगवान गणेश मनोकामना पूरी करते है। यहां पर करोड़ों का चढ़ावा भी आता है। लोगों की मदद के लिए सिद्धिविनायक ट्रस्ट हमेशा आगे रहता है। जब भी मुंबई पर विपदा आयी है सिद्धिविनायक भगवान मदद के लिए आगे आये है। मंदिर ट्रस्ट से कई सामाजिक काम भी किये जाते है। सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट लोगों के इलाज के लिए आर्थिक मदद भी करता है। अगर आपके पास भी इन बिमारियों का जैसे हार्ट सर्जरी, ब्रेन सर्जरी ( स्ट्रोक / हेमरेज), एन.आय.सी.यु./ पी.आय.सी.यु., डायलेसिस, हेपेटायसिस सी, किडनी ट्रान्सप्लांट, लिवर ट्रान्सप्लांट, हिप रिप्लेसमेंट, नी रिप्लेसमेंट, स्पाईन सर्जरी, थायलेसीमिया, कॉकलर इमप्लांट, कॅन्सर/केमो/रेडीयेशन सर्जरी, एक्सिडेंटल केस (एफ.आय.आर.) के लिए इलाज करवाने के लिए पैसे नहीं है तो आप सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट से संपर्क कर सकते है। अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें – https://medical.siddhivinayak.org/
लालबाग के राजा गणेश मंडल से कैसे पाएं इलाज के लिए आर्थिक मदद
लालबाग के राजा का गणपति पंडाल देश ही नहीं पूरी दुनिया में मशहूर है, गणेशोत्सव के दौरान यहां आने वाले लाखों भक्त करोड़ों में दान देते है, जिसकी वजह से ये गणेशोत्सव मंडल सबसे अमीर मंडलों में से एक है। लालबाग के राजा सिर्फ 10 दिनों के लिए ही आते है लेकिन जरूरतमंद भक्तों की इलाज के लिए आर्थिक मदद पूरे साल करते है। आप इनसे संपर्क कर सकते है – Lalbaugcha Raja Sarvajanik Ganeshotsav Mandal, Shree Ganesh Nagar, Dr Babasaheb Ambedkar Road, Lalbaug Market, Mumbai 400 012, India. Telephone: 022-2471 3626. Email : [email protected]
शिरडी का साई संस्थान, तिरुपति बालाजी, वैष्णोदेवी मंदिर, कामाख्या देवी मंदिर जैसे देश के प्रख्यात और बड़े धार्मिक स्थलों पर करोड़ों का चढ़ावा चढ़ता है ये चढ़ावा किसी न किसी की मदद से रूप में फिर से जनता की सेवा के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में अगर आप भी इलाज के लिए आर्थिक मदद चाहते है तो इनसे आप संपर्क कर सकते है।
ग्लोकल कम्युनिकेशन के हेल्थ केयर एक्सपर्ट भास्कर तरे बताते है कि “देश के हर राज्य में गरीबों के इलाज के लिए सरकारी योजनाएं है, बस इन योजनाओं की सही जानकारी इन गरीब मरीजों तक नहीं पहुंच पाती है और जिसका फायदा जरूरतमंद मरीज नहीं उठा पाता है। इन योजनाओं का क्रियान्वयन और प्रचार प्रसार होना चाहिए ताकि जरूरतमंद तक ये योजनाएं पहुंचे। भास्कर तरे बताते है कि “ट्रस्ट, संस्था और समाज के अच्छे लोग तो इलाज के लिए जरूरतमंदों की तो मदद करते ही है, लेकिन आज कल क्राउड फंडिग की मदद से बस चंद घंटो या दिनों में इलाज के लिए करोड़ों रुपये इक्कठा हो जाते है। सबसे ताज़ा उदाहरण मुंबई में पांच महीने की तीरा कामत का है। तीरा स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी नाम की बीमारी से जूझ रही थी। उसका इलाज 16 करोड़ के Zolgensma इंजेक्शन से ही मुमकिन था। 16 करोड़ बहुत बड़ी रकम है, जो क्राउड फंडिंग से इक्कठा हुई और तीरा का इलाज हो पाया”।
इलाज के लिए आर्थिक मदद चाहिए तो आप क्राउड फंडिंग की मदद ले सकते है (Crowd Funding for Medical Help)
मेडिकल हेल्प (Medical Help) के लिए क्राउड फंडिंग का चलन फिलहाल ज्यादा चल रहा है। कोई भी संगठन या फिर संस्था हो वो कोई स्पेसिफिक बीमारी के लिए ही मदद करती है। या फिर ये संस्थाएं सीमित आर्थिक मदद करती है लेकिन क्राउड फंडिंग एक ऐसा जरिया है जहां मदद का कोई दायरा नहीं होता है। आप ने अगर क्राउड फंडिंग की शुरुआत की तो फ़ौरन मदद मिलनी शुरू हो जाती है और फंड की कोई भी सीमित दायरा नहीं होता। इंटरनेट की मदद से आप खुद ही क्राउड फंडिंग कर सकते है लेकिन आप के इन मेडिकल दिक्कतों पर जल्दी कोई विश्वास नहीं करेगा और आपको कोई मदद नहीं देगा। लिहाजा आप कई ऐसे क्राउड फंडिंग वेबसाइट होते है उनकी मदद ले सकते है। https://www.giveindia.org और https://www.ketto.org/ ये कुछ क्राउड फंडिंग की एजेंसियां है जिनकी आप मदद ले सकते है।
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सीएसआर मददगार होता है
सीएसआर यानी कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (Corporate Social Responsibility), देश के बड़े कॉर्पोरेट्स अपने सीएसआर (CSR) फंड का इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए करती है। सीएसआर के तहत कोई भी कॉर्पोरेट्स निजी तौर पर अपने सीएसआर फंड का इस्तेमाल किसी की आर्थिक मदद के लिए नहीं कर सकता लेकिन अस्पतालों में, कम्युनिटी स्तर पर बड़े पैमाने पर स्वास्थ्य सेवाओं में मददगार साबित होता है। एक आकड़ों की माने तो हेल्थ एंड सेनिटेशन पर कॉर्पोरेट्स कंपनियों ने साल 2018-19 में 3216 करोड़ रुपये खर्च किया है।