ये ख़बर हर उस भारतीय के लिए है जो ट्रेन में सफ़र करता है, ये ख़बर हर उस यात्री के लिए है जो ट्रेन में लजीज खाने का शौकीन है। भारतीय रेलवे ने ट्रेन में सफर करने वाले पैसेंजर्स को बड़ा झटका दिया है, रेलवे ने ट्रेन में सफर के दौरान चाय, नाश्ता और खाने की कीमतों में इजाफा कर दिया है, इस फैसले के बाद आपको ट्रेन में सफर के दौरान चाय, नाश्ता और भोजन के लिए ज्यादा खर्च करने होंगे, यानी रेलवे का ये फैसला सीधे आपसे ताल्लुक रखता है जिसका सीधा असर यात्रियों की जेबों पर होगा।
रेलवे में खानपान को लेकर यात्रियों की हमेशा से शिकायत रहती रही है, बढ़े हुए दामों के साथ अब रेल यात्रा करने पर चाय, नाश्ता और भोजन के लिए ज्यादा खर्च करने को तैयार रहना है। रेलवे बोर्ड में पर्यटन एवं खान-पान विभाग के निदेशक की तरफ से जारी सर्कुलर से पता चला है कि राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेनों में चाय, नाश्ता और खाना महंगा होने जा रहा है। इन ट्रेनों के टिकट लेते वक्त ही चाय, नाश्ते और खाने का पैसा भी देना पड़ता है। वहीं, दूसरी ट्रेनों में भी यात्रियों को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी।
कितना महंगा हुआ रेलवे का खाना
राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों के लिए लागू नई दरों के मुताबिक, सेकंड एसी के यात्रियों को चाय के लिए अब 10 रुपये की जगह 20 रुपये जबकि स्लीपर क्लास के यात्रियों को 15 रुपये देने होंगे। दुरंतो के स्लीपर क्लास में नाश्ता या खाना पहले 80 रुपये का मिलता था जो 120 रुपये हो जाएगा। वहीं, शाम की चाय की कीमत 20 रुपये से बढ़कर 50 रुपये होने जा रही है।
राजधानी के फर्स्ट एसी कोच में खाना 145 रुपये की जगह 245 रुपये में मिलेगा। संशोधित दरें न केवल प्रीमियम ट्रेनों के यात्रियों को बल्कि आम लोगों को भी प्रभावित करेंगी। रेग्युलर मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में वेज खाना 80 रुपये का मिलेगा जिसकी मौजूदा कीमत 50 रुपये मिलती थी।यात्रियों को एग बिरयानी 90 रुपये जबकि चिकन बिरयानी 110 रुपये में मुहैया कराएगा। रेग्युलर ट्रेनों में 130 रुपये की कीमत पर चिकन करी भी परोसा जाएगा।
भले दाम बढ़े लेकिन चार महीने बाद नई दरें लागू
राजधानी और शताब्दी जैसे हाई क्लास ट्रेनों में टिकट लेते वक्त ही कैटरिंग चार्ज ले लिया जाता है ऐसे में टिकटिंग सिस्टम में नए मेन्यू और शुल्क 15 दिनों में अपडेट हो जाएंगे जबकि चार महीने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। खाने के दामों को बढ़ाने का फैसला रेलवे ने पांच सालों बाद लिया है। आईआरसीटीसी के आग्रह और बोर्ड की ओर से गठित मैन्यु ऐंड टैरिफ कमिटी की सिफारिशों पर कीमतें बढ़ाने का फैसला लिया गया है।
बहरहाल रेलवे का इन बढ़ोतरी के पीछे तर्क है कि रेलवे अपना कैटरिंग सर्विस की क्वॉलिटी सुधारना चाहता है, लेकिन सवाल ये कि क्या यात्रियों की जेब पर अतिरिक्त भार देकर गुणवत्ता सुधरेगी, क्योंकि यात्री पहले भी पैसे देकर गुणवत्ता पूर्ण खाने की उम्मीद करते रहे है और हमेशा ठगा महसूस करते रहे है।