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November 26, 2025

राजस्थान में महिला सुरक्षा पर फिर उठा सवाल: पूर्व बीजेपी मंडल उपाध्यक्ष चाकू की नोंक पर दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार

The CSR Journal Magazine
राजस्थान के बाड़मेर ज़िले के गुड़ामालानी क्षेत्र से एक बार फिर शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है।
मजबूत कानूनों, जागरूकता अभियानों और महिला सुरक्षा की बड़ी-बड़ी घोषणाओं के बावजूद महिलाएँ आज भी अपराधियों की दरिंदगी का शिकार बन रही हैं। 25 दिन पहले दर्ज हुए सनसनीखेज बलात्कार और ब्लैकमेलिंग के मामले में पुलिस ने आखिरकार मुख्य आरोपी और पूर्व बीजेपी मंडल उपाध्यक्ष पुरखाराम कलबी को गिरफ्तार कर लिया है।
यह मामला न केवल समाज की भयावह मानसिकता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि सत्ता, पद और राजनीतिक पहचान अपराधियों के हौसले कैसे बढ़ा देती है।

ऐसे रचा गया था वारदात का षड्यंत्र

18 सितंबर 2025 को पीड़िता ने गुड़ामालानी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाते हुए बताया कि घटना वाले दिन उसका पति घर पर नहीं था और वह खेती के काम से दूसरे खेत की ओर जा रही थी। उसी दौरान, पड़ोसी के खेत के पास झाड़ियों में छिपा पूर्व मंडल उपाध्यक्ष पुरखाराम पहले से ही उसकी राह देख रहा था।
जैसे ही महिला वहाँ पहुँची, आरोपी ने चाकू दिखाकर धमकाया, उसका रास्ता रोक लिया और जबरन दुष्कर्म किया। पीड़िता के अनुसार, इसी दौरान आरोपी के एक साथी ने पूरी घटना का अश्लील वीडियो बनाया।
वारदात के बाद आरोपी ने धमकी दी कि यदि उसने किसी को बताया तो वीडियो वायरल कर देगा।

वीडियो कर दिया वायरल, लगातार करता रहा ब्लैकमेल

पीड़िता ने बताया कि आरोपी घटना के बाद लगातार उसे ब्लैकमेल करता रहा, मानसिक रूप से प्रताड़ित करता रहा और दबाव बढ़ाता गया। इतना ही नहीं—डराने और चुप कराने के लिए उसने अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल कर दिया। इससे पीड़िता और परिवार पूरी तरह टूट गया।

पुलिस की कार्रवाई और आगे की जाँच

पुलिस उपाधीक्षक सुखाराम विश्नोई के नेतृत्व में टीम ने लगातार अनुसंधान किया और मंगलवार को आरोपी को उसके गाँव सिंधासवा हरनियान से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि इस पूरे कृत्य में अन्य लोग भी शामिल हो सकते हैं, जिनकी भूमिका की जाँच जारी है।

महिला सुरक्षा पर बड़ा सवाल

ऐसी घटनाएँ बार-बार यह सवाल खड़ा करती हैं कि आखिर कड़े कानून होने के बावजूद महिलाएँ कब सुरक्षित होंगी? समाज कब तक महिलाओं को कमजोर समझता रहेगा? पीड़िता से हुए इस अमानवीय व्यवहार ने फिर साबित किया कि कानूनी प्रावधान मजबूत हैं, लेकिन अपराधियों की मानसिकता उससे भी अधिक भयावह है।
ज़रूरत है कि ऐसे मामलों में त्वरित न्याय हो, कड़ी सजा हो और राजनीतिक संरक्षण की आड़ में अपराध करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाए। महिला सुरक्षा केवल कानूनों से नहीं—समाज के सोच बदलने से सुनिश्चित होगी।

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