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March 27, 2025

Justice Yashwant Varma: दिल्ली हाईकोर्ट के जज के बंगले में लगी आग, फिर मिला कैश का भंडार

Justice Yashwant Varma: दिल्ली हाईकोर्ट के एक जज के बंगले में आग लगने की घटना ने जुडिशियल में हलचल मचा दी है। इस आगजनी के दौरान जज के घर से बड़ी मात्रा में कैश बरामद की गई। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Yashwant Verma) के तबादले की सिफारिश की है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता में तीन वरिष्ठ जजों के कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को उनके मूल इलाहाबाद हाईकोर्ट, वापस भेजने की सिफारिश की है। जब आग बुझाने वाली टीम वहां पहुंची, तो उन्हें जज के सरकारी बंगले में भारी मात्रा में नकद राशि मिली। A fire broke out in the bungalow of a Delhi high court judge resulted in recovery of a huge pile of cash.

घर में आग लगने पर कैश कांड का हुआ खुलासा

मामले से संबंधित जानकारी के अनुसार, हाल ही में जस्टिस यशवंत वर्मा के निवास पर आग लग गई थी, जबकि उस समय जज घर पर उपस्थित नहीं थे।  उनके परिवार ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचित किया। आग बुझाने के बाद, जब नुकसान का आकलन किया गया, तो कर्मचारियों को एक कमरे में बड़ी मात्रा में नकद मिला। यह सूचना पुलिस के उच्च अधिकारियों तक पहुंची, जिन्होंने इसे केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी बताया। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद, CJI संजीव खन्ना की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को पुनः इलाहाबाद हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है। Justice Yashwant Varma News

इलाहाबाद हाई कोर्ट वापस जाएंगे Justice Yashwant Varma

सूत्रों के अनुसार, जब आग लगी, तब जस्टिस वर्मा शहर में नहीं थे। उनके परिवार के सदस्यों ने फायर ब्रिगेड और पुलिस को सूचित किया। आग बुझाने के बाद, दमकल कर्मियों ने बंगले के कमरों में बड़ी मात्रा में नकदी पाई। इसके बाद, रिकॉर्ड बुक में बेहिसाब नकदी के मिलने का आधिकारिक विवरण दर्ज किया गया। CJI को इस घटना की जानकारी दी गई, जिसके बाद कॉलेजियम की बैठक में सबसे पहले उन्हें इलाहाबाद भेजने की सिफारिश की गई।

Justice Yashwant Varma का ट्रांसफर के अलावा होगी जांच

जस्टिस यशवंत वर्मा को अक्टूबर 2021 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) से दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) में स्थानांतरित किया गया था। अब उनके खिलाफ जांच और महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने की बात उठ रही है, साथ ही उन्हें वापस भेजने की सिफारिश भी की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के कुछ सदस्यों ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि यदि जस्टिस वर्मा का केवल स्थानांतरण किया जाता है, तो इससे न्यायपालिका की प्रतिष्ठा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

क्या जस्टिस वर्मा का होगा इस्तीफा?

देश में न्याय व्यवस्था पर जनता का विश्वास कमजोर हो सकता है। कॉलेजियम के कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया है कि जस्टिस वर्मा से इस्तीफा मांगा जाना चाहिए। यदि वे ऐसा करने से इनकार करते हैं, तो संसद में उन्हें हटाने के लिए महाभियोग की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इसके अलावा, यदि आवश्यक समझा जाए, तो उनके खिलाफ आंतरिक जांच भी की जा सकती है, जो एक सुप्रीम कोर्ट के जज और दो अलग-अलग हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की समिति द्वारा की जाती है। यदि जांच में जज दोषी पाए जाते हैं, तो रिपोर्ट संसद को आगे की कार्रवाई के लिए भेजी जाती है, जहां जज को हटाने के प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान होता है। जस्टिस यशवंत वर्मा 2014 में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज बने और 2021 में उनका ट्रांसफर दिल्ली हाई कोर्ट में हुआ। वर्तमान में, वह दिल्ली हाई कोर्ट के जजों में वरिष्ठता के क्रम में तीसरे स्थान पर हैं।

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