सर्दियों में लोग अक्सर बर्फ़ से ढकी पहाड़ियों और सफ़ेद नज़ारों का आनंद लेने की योजना बनाते हैं, लेकिन भारत में कई ऐसे स्थान हैं जहां सर्दी सिर्फ़ खूबसूरती ही नहीं, खतरनाक परिस्थितियां भी लेकर आती है। भारी बर्फबारी, हिमस्खलन, शून्य से कई डिग्री नीचे गिरता तापमान और बंद हो चुके रास्ते इन सबके कारण प्रशासन इन क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही रोक देता है। अगर आप भी विंटर ट्रैवल प्लान कर रहे हैं, तो इन जगहों के बारे में जान लेना ज़रूरी है।
अपर स्पीति, हिमाचल प्रदेश – सर्दियों में Complete Shutdown
ज़ांस्कर वैली, लद्दाख – दुनिया से पूरी तरह कट जाती है
ज़ांस्कर अपनी कठिन खूबसूरती और अलग-थलग संस्कृति के लिए जाना जाता है, लेकिन सर्दियों में यह बेहद खतरनाक क्षेत्र बन जाता है। जैसे ही पासेज बर्फ से जमते हैं, सभी सड़कें बंद हो जाती हैं और बाहरी दुनिया से संपर्क टूट जाता है। तापमान –25°C से भी नीचे पहुंच जाता है। सिर्फ़ स्थानीय लोग ही जमे हुए ज़ांस्कर नदी (चादर पथ) के सहारे इधर-उधर जा पाते हैं। प्रशासन पर्यटकों को यहां आने की इजाज़त नहीं देता।
संडाकफू ट्रेक, पश्चिम बंगाल – ट्रेल बन जाता है Death Track
एवरेस्ट और कंचनजंगा के आश्चर्यजनक दृश्य दिखाने वाला संडाकफू ट्रेक सर्दियों में पूरी तरह बदल जाता है। भारी बर्फबारी पगडंडी को खतरनाक बना देती है, तेज़ हवा और लगातार बदलता मौसम जोखिम बढ़ा देता है। कई बार दृश्यता भी बहुत कम हो जाती है। इसलिए प्रशासन सर्दियों में इस क्षेत्र में ट्रेकिंग पर प्रतिबंध लगा देता है।
नीलकुरिंजी क्षेत्र, केरल – सर्दियों में सुरक्षा कारणों से पूरी तरह बंद
मुन्नार के ऊपरी जंगलों में मौजूद नीलकुरिंजी क्षेत्र, जो हर 12 साल में खिले फूलों के लिए प्रसिद्ध है, सर्दियों में पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाता है। घना कोहरा, फिसलन और वन विभाग द्वारा लगाए गए सुरक्षा प्रतिबंध इसे ‘नो-गो ज़ोन’ बना देते हैं। जैव-विविधता की सुरक्षा के लिए भी कई पथ बंद रहते हैं।
रोहतांग पास, हिमाचल प्रदेश – बर्फीले तूफ़ानों का Hotspot
रोहतांग पास को हर साल सर्दियों में आधिकारिक रूप से बंद कर दिया जाता है। भारी बर्फबारी, लगातार हिमस्खलन का खतरा और सड़क पर जमा कई फीट बर्फ यात्रियों के लिए बड़ा जोखिम बन जाती है। दृश्यता लगभग शून्य हो जाती है, इसलिए यहां किसी भी तरह की पर्यटन गतिविधि की अनुमति नहीं होती।
सियाचिन बेस कैंप रूट, लद्दाख – सामान्य यात्रियों के लिए नामुमकिन
हालाँकि आम नागरिकों को सियाचिन बेस कैंप जाने की अनुमति किसी भी मौसम में नहीं होती, लेकिन सर्दियों में यह क्षेत्र और भी अधिक खतरनाक हो जाता है। तापमान –50°C या उससे भी नीचे चला जाता है, तेज़ हवाएं और लगातार चलने वाले बर्फीले तूफ़ान इसे इंसानी मौजूदगी के लिए चुनौतीपूर्ण बना देते हैं। इस वजह से यह क्षेत्र पूरी तरह ऑफ-लिमिट रहता है।
गुरुडोंगमार झील, सिक्किम – oxygen की कमी और बर्फीला खतरा
17,000 फीट से ऊपर स्थित गुरुडोंगमार झील सर्दियों में पूरी तरह जम जाती है और रास्ता भी खतरनाक हो जाता है। –20°C से नीचे गिरता तापमान, बर्फीले तूफ़ान और ऑक्सीजन की कमी यात्रियों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर देते हैं। इसलिए प्रशासन अक्सर यहां जाने पर सख़्त रोक लगा देता है।
क्यों बंद कर दी जाती हैं ये जगहें?
1. खतरनाक ठंड
कई स्थानों पर तापमान –20°C से –30°C तक पहुंच जाता है।
2. सड़कें महीनों तक बंद
बर्फ से ढकी सड़कों पर चलना असंभव होता है।
3. हिमस्खलन और ब्लिज़ार्ड का खतरा
अचानक आने वाले तूफ़ान यात्रा को जानलेवा बना सकते हैं।
4. ऑक्सीजन की कमी
हाई एल्टीट्यूड पर सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
5. आपातकालीन सुविधाओं का अभाव
दुर्घटना होने पर मदद पहुंचना लगभग असंभव होता है।
सुरक्षित विकल्प कहां जाएं?
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काल्पा और सांगला (हिमाचल) – बर्फीली पहाड़ियों के शानदार दृश्य
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लेह (लद्दाख) – मठ, संस्कृति और सर्दियों की शांति
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दार्जिलिंग या लेपचाजगत – सुरक्षित हिल स्टेशन
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मुन्नार – चाय के बागान और कोलुक्कुमलाई सूर्योदय
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सोलंग, सिस्सू – विंटर स्पोर्ट्स और आसान पहुंच
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नाथुला या त्सोमगो झील (अनुमति से) – सर्दियों का सुंदर अनुभव

