Cyclone Ditwah तेज़ी से दक्षिण भारत की ओर बढ़ रहा है और इसके साथ 100 किमी/घंटा तक की तूफानी हवाओं व भारी बारिश का खतरा बढ़ गया है। तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। अगले 48 घंटों में तूफान के सबसे नजदीक पहुंचने की संभावना के चलते प्रशासन हाई अलर्ट पर है और मछुआरों से समुद्र में न जाने की अपील की गई है।
तूफान Ditwah अभी कहां है?
Cyclone Ditwah इस समय श्रीलंका तट के पास दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में सक्रिय है। तूफान लगातार उत्तर–उत्तरपश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, यह 30 नवंबर की सुबह तक उत्तर तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिणी आंध्र प्रदेश के तटों के बेहद करीब पहुंच सकता है। सिस्टम की गति और दिशा को देखते हुए अगले 48 घंटों में तटीय इलाकों पर इसका बड़ा प्रभाव दिखने की संभावना है।
बारिश और तेज़ हवाओं का बड़ा खतरा
तूफान के प्रभाव से तमिलनाडु के तटीय व डेल्टा जिलों जैसे तिरुवरूर, नागपट्टिनम, मयिलादुतुरई, कराईकल और आसपास के क्षेत्र में भारी से भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। अगले 24 घंटों के भीतर कई इलाकों में 20 से 25 सेमी तक बारिश हो सकती है, जो शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा कर सकती है। तूफान के कोर के पास हवाओं की गति 60–80 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है, वहीं झोंकों में यह बढ़कर 90 किमी/घंटा तक जा सकती है। बाहरी इलाकों में भी 35–45 किमी/घंटा की हवाएं चलने का अनुमान है, जिससे पेड़ गिरने, बिजली बाधित होने और समुद्र में उफान बढ़ने का खतरा रहेगा।
अलर्ट जारी: कौन-कौन रहें सावधान?
तामिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य तटीय क्षेत्रों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट लागू हैं। मछुआरों को 30 नवंबर तक समुद्र में न जाने की सख्त सलाह जारी की गई है।
तूफान के करीब आते ही प्रशासन ने राहत दलों को तैयार कर दिया है, और संवेदनशील इलाकों में निचले क्षेत्रों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
आंध्र प्रदेश और रेयालसीमा में भी असर
Ditwah केवल तमिलनाडु तक सीमित नहीं रहेगा। इसके प्रभाव से आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तटीय इलाकों और रेयालसीमा के कई जिलों में भी भारी बारिश और तेज़ हवाओं की चेतावनी जारी की गई है। इन क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक लगातार बारिश, सड़क बंद होने, नदियों में जलस्तर बढ़ने और ग्रामीण इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है। अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में अभी भी रेड अलर्ट है (मुख्य रूप से सेन्यार की वजह से). 26 नवंबर से 29 नवंबर तक बहुत भारी बारिश और 60 km/hr तक की तेज हवाएं चल रही हैं, या चल सकती हैंI तेलंगाना के कुछ हिस्सों में येलो अलर्ट हैI यहां 28-29 नवंबर को हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना हैI
सावधानी और जरूरी सुझाव
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अगले 2–3 दिनों तक तटीय और निचले इलाकों में रहने वाले लोग सतर्क रहें।
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मछुआरे और नाविक तुरंत समुद्र से दूर सुरक्षित स्थानों पर लौट आएं।
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अनावश्यक यात्रा से बचें, विशेषकर तटीय मार्गों पर।
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पुराने या कमजोर मकानों से दूरी बनाए रखें, आवश्यकता होने पर सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट हों।
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स्थानीय प्रशासन, मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन के अपडेट लगातार फॉलो करें।
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मोबाइल चार्ज रखें, जरूरी दवाएं, पानी और फ्लैशलाइट तैयार रखें। विशेषज्ञ कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन (climate change) के कारण ऐसे चक्रवात ज्यादा हो रहे हैं. लेकिन अच्छी बात यह है कि आईएमडी की चेतावनी से नुकसान कम किया जा सकता है.
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