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August 8, 2025

ख़स्ताहाल हो गयी सीएसआर से बनी सड़क, अब गड्ढे ही गड्ढे

The CSR Journal Magazine
तस्वीरों में दिख रही ये कोई पगडंडी नहीं बल्कि बाकायदा एक रोड है। ये रोड सीएसआर फंड से बनाया गया है। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायगढ़ में ये कहने के लिए तो रोड है लेकिन रोड कम और गड्ढे ज्यादा है। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में सड़कों का हाल बहुत बुरा है। और बाकी कसर बारिश ने निकाल दी है आलम ये है कि कुछ हाईवे की सड़कों को छोड़कर बाकी सभी सड़कें खराब हो रही हैं। ग्रामीण इलाकों की हालत तो बत्तर है ही शहर में भी सड़कें खराब हो चुकी हैं। ऐसी ही एक रोड अतरमुड़ा क्षेत्र की है। मेडिकल कॉलेज रोड से एसईसीएल (South Eastern Coalfields Limited) की ओर जाने के लिए बनी रोड अब केवल गड्ढे में तब्दील हो चुकी है।

सीएसआर से बनी थी सड़क पर अब केवल गड्ढे ही गड्ढे

करीब आठ साल पहले CSR – Corporate Social Responsibility से केलो परियोजना विभाग ने इस रोड का निर्माण कराया था। अब इस रोड में दो फुट गहरे गड्ढे हो चुके हैं। अतरमुड़ा से एसईसीएल की ओर जाने वाली से रोड चार साल से खराब पड़ी हुई है। स्थानीय लोगों ने जर्जर सड़क की मरम्मत करने को लेकर मांग भी कर रहें हैं लेकिन विभागीय लालफीताशाही के चक्कर में कहीं कोई सुनवाई नहीं है। इस रोड से होकर रोजाना सैकड़ों लोग गुजरते हैं। स्वर्गीय पार्षद संजना शर्मा ने इस रोड के जर्जर होने का मुद्दा भी उठाया था। उन्होंने सड़क निर्माण की मांग भी की थी। तब नगर निगम की ओर से जवाब मिला था कि यह रोड निगम क्षेत्र में नहीं है। पीडब्ल्यूडी से पूछे जाने पर कहा गया कि रोड उनके अधिकार क्षेत्र में भी नहीं है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की ओर से भी तकरीबन यही जवाब मिला।

नहीं हो रही है CSR से बनी सड़क की मरम्मत

रोड के निर्माण की कोई योजना ही नहीं बनती क्योंकि यह नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और पीएमजीएसवाई के बीच लटकी हुई है। टीवी टावर रोड से बोंदाटिकरा पुल तक की रोड पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। वहां से एसईसीएल तक रोड का हाल भी बहुत खराब है। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि रोड को आधा शहरी क्षेत्र में और आधा ग्राम पंचायत क्षेत्र में कहा जाता है। इसलिए रोड के लिए न तो पीडब्ल्यूडी कोई पहल करता है और न ही नगर निगम का ध्यान है। यह बाईपास रोड भारी वाहनों के लिए बनाया गया था। लगातार भारी वाहनों की आवाजाही से सड़क खराब हो गई। सीएसआर से बनी सड़क खस्ताहाल में है और मरम्मत के लिए विभागों के बीच झूल रही हैं। निर्माण के बाद से इस पर कोई ध्यान ही नहीं देता। जाहिर है सीएसआर (CSR) से विकास कार्य तो हो जाता है लेकिन उसका रखरखाव भी सुनिश्चित होना चाहिए।

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