श्री ओ.पी. जिंदल ने 30 साल पहले जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) की स्थापना कर भारत में खनन और औद्योगिकीकरण की नींव रखी। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि JSPL फ़ाउंडेशन की सीएसआर (CSR) पहल के माध्यम से JSPL समाज की बेहतरी के लिए काम करे। भारत में कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (Corporate Social Responsibility) पर अपने शुद्ध मुनाफ़े का 2 फीसदी खर्च करने के कानून की अनिवार्यता के पहले जेएसपीएल फ़ाउंडेशन, सीएसआर पहल के माध्यम से सामाजिक विकास पर खर्च करता रहा है। चूंकि भारत में CSR कंपनी अधिनियम 2013 के अनुसार अनिवार्य है, तो आईये जानतें हैं The CSR Journal अपनी #LetsTalkCSR सीरीज़ में जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) की CSR पहलों को।
JSPL फ़ाउंडेशन हेल्थकेयर एंड न्यूट्रीशन, स्किल डेवलपमेंट एंड एजुकेशन, सैनिटेशन एंड हाइजीन, वुमेन एम्पावरमेंट, आर्ट एंड कल्चर और स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के क्षेत्र में काम करता है। JSPL अपने प्लांट्स और ऑफिसेस के आसपास समुदाय के साथ साझेदारी में काम करता है। JSPL की सीएसआर पहल ने 10 लाख से अधिक लोगों के जीवन को छुआ है और एक दूरदर्शी भारत के निर्माण पर काम करना जारी रखा है।
पिछले तीन वर्षों में नुकसान को देखते हुए, JSPL कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 के अनुसार कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) पर खर्च करने के लिए बाध्य नहीं है। हालांकि, कंपनी ने स्वैच्छिक रूप से चल रही सीएसआर पहल के लिए खर्च कर रही है। JSPL के लिए CSR इसकी व्यावसायिक रणनीति का एक अभिन्न हिस्सा है, जिसमें शेयरधारकों के वेल्थ को अधिकतम करने के लिए एक संगठन बनाना और सभी हितधारकों के साथ उत्पादक और स्थायी संबंध स्थापित करना शामिल है।
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) भारत में अपनी CSR गतिविधियों को JSPL फाउंडेशन के माध्यम से संचालित करता है। शालू जिंदल JSPL फाउंडेशन का नेतृत्व करती हैं जिसकी स्थापना समाज की भलाई के लिए की गयी है। ट्रिपल बॉटम लाइन ये एक सिद्धांत है जो बताता है कि कंपनियां मुनाफे के साथ सामाजिक और पर्यावरणीय चिंताओं पर ध्यान दें। ट्रिपल बॉटम लाइन का प्रस्ताव है कि एक नीचे की रेखा के बजाय, तीन होना चाहिए: लाभ, लोग और हमारी दुनिया
2. जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की सीएसआर पॉलिसी
JSPL समग्र विकास में विश्वास करता है जो न केवल संगठन को बढ़ाता है बल्कि एक सस्टेनेबल दुनिया में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
JSPL में सस्टेनेबिलिटी डिवीजन कंपनी में विभिन्न कार्यों की निगरानी करता है जो JSPL के व्यवसाय के दीर्घकालिक विकास से संबंधित हैं। ये निम्नलिखित लक्ष्यों पर केंद्रित है:
– अनुपालन और कच्चे माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना
– सस्टेनेबल इस्पात और बिजली उत्पादन प्रक्रियाओं की स्थापना करना
– एक कॉर्पोरेट पहचान और ब्रांड का निर्माण करना
– इनोवेशन को सक्षम करना
– लीडर्स को आकर्षित करना और उनका पोषण करना
– मजबूत आंतरिक प्रबंधन प्रक्रियाओं को बनाए रखना
– कर्मचारियों को प्रेरित करने, गतिशील होने और दुनिया की स्थिति के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर नेतृत्व प्रदान करने के लिए प्रेरित करना
2.1. जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की सीएसआर कमिटी
कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार, कंपनी ने समय-समय पर कंपनी के सीएसआर नीति के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए एक बोर्ड-स्तरीय सीएसआर समिति का गठन किया है। कंपनी की CSR नीति और पहल कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 135 की अनुसूची VII के अनुसार दृष्टि, मिशन, थ्रस्ट क्षेत्रों और महत्वपूर्ण आवश्यकताओं का परिसीमन करती है। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड सीएसआर कमिटी में ये लोग शामिल हैं –
1) सुदर्शन कुमार गर्ग (अध्यक्ष)
2) हरदीप सिंह विर्क
3) एन.ए. अंसारी
4) दिनेश कुमार सरावगी
यह सीएसआर कमिटी रणनीति बनाने और कार्यों की निगरानी करने के साथ-साथ JSPL की सामाजिक विकास परियोजनाओं के परिणामों के लिए हर तिमाही में बैठक भी करती है।
2.2. जिंदल सीएसआर टीम
शालू जिंदल के नेतृत्व में मनीष खरबंदा जो एक्सक्यूटिव डायरेक्टर, सीएसआर और सस्टेनेबिलिटी, जेएसपीएल की सीएसआर गतिविधियों की देखरेख करते हैं। प्रशांत होटा सीएसआर ग्रुप हेड हैं, जो जमीनी स्तर पर सस्टेनेबल परियोजनाओं को लागू करते है। JSPL फाउंडेशन के पास सामाजिक विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित करने का दशकों का अनुभव है और वह अपने प्लांट्स और खनन स्थलों के आसपास समुदाय के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने की दिशा में काम कर रहा है। JSPL फाउंडेशन और सीएसआर समिति यह सुनिश्चित करती है कि जेएसपीएल के सस्टेनेबल गोल्स से समुदाय का सर्वांगीण विकास हो और एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण हो।
शालू जिंदल को हाल ही में सिंगापुर में सीएमओ एशिया द्वारा Social Entrepreneurship और एकलव्य पुरस्कार 2019 के लिए ‘सर्वश्रेष्ठ सीएसआर प्रैक्टिस अवार्ड 2019’ से सम्मानित किया गया। शालू जिंदल को सामाजिक कल्याण में अग्रणी होने और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति जागरूकता पैदा करने में अग्रणी होने के लिए 2019 में सामाजिक और सांस्कृतिक नेतृत्व के लिए गोल्डन पीकॉक अवार्ड भी मिला। इन अवार्ड्स के साथ साथ 2019 में Corporate Social Responsibility में नेतृत्व के लिए शालू जिंदल को महात्मा पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
3. जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की सीएसआर रणनीति
JSPL CSR पहल “ट्रिपल बॉटम लाइन” सिद्धांत पर काम करता है और न केवल लाभ पर बल्कि समाज के लोगों और Planet पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है। सीएसआर को कंपनी 360-डिग्री दृष्टिकोण से एक्सक्यूट करती है।
3.1. सीएसआर के लिए प्रोफ़ाइल और विश्लेषण
JSPL फाउंडेशन समुदाय की वास्तविक आवश्यकता को जानने के लिए नीड-प्रोफाइल विश्लेषण और Participatory Rural Appraisal (PRA) तकनीकों का उपयोग करती है। समुदाय की आवश्यकताओं के गहन मूल्यांकन कर समाज और हितधारकों के लाभ के लिए अधिकतम परिणामों वाली परियोजनाओं का चयन किया जाता है।
3.2. स्टेक होल्डर्स और जिम्मेदार भागीदारों के साथ मिलकर सीएसआर परियोजना तैयार करना
जेएसपीएल फ़ाउंडेशन ये भलीभांति समझता है कि यूनाइटेड नेशंस सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (UN Sustainable Development Goals) को केवल वैश्विक और स्थानीय साझेदारी की मजबूत प्रतिबद्धता के साथ हासिल किया जा सकता है। आज की दुनिया पहले से कहीं अधिक जुड़ी हुई है, तकनीक और ज्ञान के सहारे विचारों को साझा करने और इनोवेशन को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। JSPL तालमेल और आत्मनिरीक्षण कर CSR गतिविधियों को अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स के साथ जोड़ता है।
3.3. जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड की सीएसआर प्रोजेक्ट का कार्यान्वयन
JSPL के पास बड़े बड़े फैक्ट्रीज और खनन साइट्स को चलाने की क्षमता है। जो कि JSPL फ़ाउंडेशन के माध्यम से CSR परियोजनाओं को लागू करता है। फ़ाउंडेशन सीएसआर कार्यक्रमों में नेतृत्व प्रदान करता है। CSR परियोजनाओं इम्प्लीमेंटेशन कारगर तरीके से हो इसलिए फाउंडेशन लगातार सीएसआर प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग भी करता है। सीएसआर परियोजना ख़त्म होने से पहले परियोजना के लिए नेतृत्व का निर्माण करना भी सुनिश्चित किया जाता है।
3.4. जिंदल के सीएसआर प्रोजेक्ट्स की निगरानी
कंपनी डायरेक्टर्स सहित टॉप मैनेजमेंट, सीएसआर प्रोजेक्ट्स की लगातार निगरानी करते है। CSR प्रोजेक्ट्स की मॉनिटरिंग करने के लिए डायरेक्टर्स और टॉप मैनेजमेंट साइट पर जाकर सीएसआर परियोजनाओं के प्रभाव और परिणामों की भी समीक्षा करते हैं। इतना ही नहीं बल्कि कंपनी निगरानी के लिए थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग एजेंसियों को भी हायर करती है।
3.5. सीखने के आधार पर नई परियोजनाओं का शुभारंभ
सीएसआर परियोजनाओं की समीक्षा कर जो भी प्रोजेक्ट्स से सीखने को मिलता है उसे कंपनी प्रलेखित करती है ताकि नई सामाजिक विकास परियोजनाओं को स्पष्ट लक्ष्यों के साथ लॉन्च किया जा सके।
4. हेल्थ केयर
4.1. टेलीमेडिसिन सेंटर और मोबाइल हेल्थ केयर डिस्पेंसरी
JSPL HP के सहयोग से टेलीमेडिसिन केंद्र बनाया गया है। टेलीमेडिसिन सेंटर की वजह से बड़े पैमाने पर लोगों को लाभ मिल रहा है। JSPL की हेल्थ केयर सुविधाओं की वजह से समुदाय में मृत्यु दर और बीमारी में कमी आ रही है, और ग्रामीणों को एडवांस हेल्थ केयर सेवाएं मिल रही है। 7 टेलीमेडिसिन केंद्र रायगढ़, छत्तीसगढ़ के फोर्टिस ओपी जिंदल अस्पताल से जुड़े हैं। 2018-19 में 7 केंद्रों पर 20 हजार से अधिक लोगों ने इन टेलीमेडिसिन सुविधाओं का लाभ लिया।
JSPL छत्तीसगढ़, ओडिशा और झारखंड में प्रमुख रूप से काम करती है। इन क्षेत्रों में भौगोलिक मुश्किलें होने के नाते मेडिकल हेल्प आसानी से नहीं पहुंच पाता है। ये मेडिकल कैंप न केवल उपचारात्मक सेवाएं प्रदान करते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी मदद करते हैं। 2018-19 में 46 हजार से अधिक लोगों को इन स्वास्थ्य संबंधी डिस्पेंसरीज के माध्यम से सहायता प्रदान की गई।
4.2. ओपी जिंदल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर
ओपी जिंदल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर, रायगढ़, छत्तीसगढ़ एक 70 बिस्तरों वाला अत्याधुनिक हॉस्पिटल है। जिंदल समूह के संस्थापक ओपी जिंदल की 78 वीं जयंती के रूप में संपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के उद्देश्य से 7 अगस्त 2008 को ओपी जिंदल हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर स्थापित किया गया। ये हॉस्पिटल रायगढ़ के आसपास के क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहा है । ये अस्पताल एडवांस मेडिकल इक्विपमेंट से सुसज्जित है और अपने मरीज़ों को एंड टू एंड फैसिलिटी प्रदान करता है। अस्पताल का मैनेजमेंट फोर्टिस हेल्थ केयर लिमिटेड द्वारा किया जाता है जो भारत के बेहतरीन अस्पतालों के संचालन के लिए जाना जाता है।
ओपी जिंदल अस्पताल और रिसर्च सेंटर, समाज और समुदाय के सबसे निचले पायदान के लोगों को सुलभ और सस्ती हाई क्वॉलिटी स्वास्थ्य सेवाओं को देने का प्रयास करता है। O.P. जिंदल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में कार्डिएक साइंसेस, ऑर्थो एंड जॉइंट रिप्लेसमेंट, रीनल साइंसेस, न्यूरोसाइंस, गैस्ट्रो साइंसेस, मदर एंड चाइल्ड केयर की सुपर स्पेशियलिटीज़ सुविधाएं हैं। अस्पताल में हाइली क्वालिफाइड अनुभवी डॉक्टरों और सर्जनों की एक टीम है। अस्पताल क्रिटिकल केयर पर विशेष जोर देता है क्योंकि ये हॉस्पिटल इस क्षेत्र के कुछ मल्टी स्पेशियलिटीज़ अस्पतालों में से एक है। गुणवत्ता स्वास्थ्य देखभाल को सुनिश्चित करने के लिए 30 फीसदी बेड्स क्रिटिकल केयर के लिए आवंटित किया गया है। अस्पताल रायगढ़ में और उसके आसपास लोगों को सर्वोत्तम संभव उपचार देने के लिए ईआईसीयू जैसी नवीनतम चिकित्सा तकनीकों का उपयोग करता है।
जिला प्रशासन के साथ मिलकर अस्पताल गांवों में नि: शुल्क सुपर स्पेशलिस्ट कैंप का आयोजन करता है, जो परिवार नियोजन और मोतियाबिंद सर्जरी के लिए होता है। O.P. Jindal Hospital and Research Centre निशुल्क पोलियो, CP Deformity Correction कैंप, मुफ्त दंत चिकित्सा जांच शिविर और स्कूली बच्चों के लिए हेल्थ कैम्प्स करता है। अस्पताल सरकारी ब्लॉक के अस्पतालों में हर महीने की 9 तारीख को मातृ सुरक्षा योजना का आयोजन करता है। प्रत्येक शुक्रवार को बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) कार्डधारकों के लिए अस्पताल में ओपीडी आयोजित की जाती है। 2018-19 में, अस्पताल में लगभग 60,000 मरीजों के साथ ओपीडी उपचार के लिए 6000 से अधिक पेशेंट का इलाज किया गया । अस्पताल Preventive Healthcare Services भी प्रदान करता है और पिछले साल 15000 से अधिक हेल्थ चेकअप किया गया।
4.3. स्वच्छ भारत अभियान
भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य खुले में शौच को 9 अक्टूबर 2019 यानी महात्मा गांधी के जन्म की 150 वीं वर्षगांठ पर खत्म करना था, जिसके लिए 1.96 लाख करोड़ की अनुमानित लागत पर ग्रामीण भारत में 9 करोड़ टॉयलेट्स बनाये गए।
जेएसपीएल फाउंडेशन ने इस मिशन पर काम किया और स्वच्छता के लिए महिलाओं और लड़कियों की ज़रूरतों पर विशेष जोर दिया। जिंदल समूह की सीएसआर गतिविधियों में जागरूकता अभियान भी शामिल हैं, जिसमे 15,000 से अधिक ग्रामीणों को कवर किया और उन्हें कचरा निपटान और शौचालय के उपयोग के मामलों में शिक्षित और जागरूक किया गया।
JSPL के व्यावसायिक स्थानों के आसपास रहने वाले स्थानीय समुदाय के लिए घरेलू स्तर पर पीने योग्य पानी सुनिश्चित करने के लिए JSPL फाउंडेशन ने स्थानीय समुदाय, पंचायती राज संस्थाओं और सरकार के साथ मिलकर बहुआयामी प्रयास किए हैं। 2018-19 में, JSPL फाउंडेशन ने विभिन्न स्रोतों से 20 लाख से अधिक लोगों को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराया।
5. कौशल और रोज़गार
5.1. जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ पावर टेक्नोलॉजी (JIPT)
जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ पावर टेक्नोलॉजी (JIPT), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (Central Electricity Authority – CEA) द्वारा मान्यता प्राप्त श्रेणी – I संस्थान है जो सीधे विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आता है। JIPT, तमनार, रायगढ़, छत्तीसगढ़ में 4X250 मेगावाट के जिंदल थर्मल पावर प्लांट के अंदर स्थित है। पावर टेक्नोलॉजी में शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थानों में से एक JIPT को प्रैक्टिकल ट्रेनिंग देने में सक्षम बनाता है।
प्रगतिशील भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है और इसलिए उसकी बिजली की जरूरतें भी ज्यादा हैं। भारत को इस विकास के साथ बनाए रखने के लिए स्किल्ड और ट्रेंड मैनपॉवर के लिए JIPT ने लक्ष्य रखा है। इससे टेक्नीकल जॉब्स भी मिलती हैं जिससे देश का विकास होता है। JIPT के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में क्लासरूम लेक्टर्स थेरिटिकल और टेक्नीकल नॉलेज प्रदान करते है। यह पावर स्टेशन सिमुलेटर के माध्यम से रीयल-टाइम ऑपरेशन एक्सपोज़र प्रदान करता है।
5.2. ओ.पी. जिंदल सामुदायिक महाविद्यालय (O.P. Jindal Community Colleges – OPJCC)
भारत में कॉलेजेस की भरमार है, सभी लोग उच्च और दर्जेदार शिक्षा की गारंटी देते है लेकिन जब बात रोजगार की आती है तो एक बड़ा सवालिए निशान लग जाता है। OPJCC की स्थापना कौशल प्रदान करने के आधार पर की गई थी जो रोजगार प्रदान करते हैं। O.P. Jindal Community Colleges सरकार के “कौशल भारत – Skilled India” मिशन का समर्थन करते हुए तकनीकी प्रशिक्षण प्रदान करता है जिससे रोजगार के नए नए अवसर तो मिलते ही हैं साथ-साथ रोजगार के लिए पलायन पर भी रोक लगाती है। यह एक ओपन कॉलेज है जिसने अपनी स्थापना के बाद से 1 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया हैं।
OPJCC भारत को संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों यानी यूनाइटेड नेशंस के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को प्राप्त करने में मदद करता है। ओपीजेसीसी तकनीकी व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण (टीवीईटी) सुविधाएं संचालित करता है जो तीन से चौबीस महीनों तक होता है। ओपीजेसीसी पुंजिपथरा (रायगढ़), छत्तीसगढ़; ओपीजेसीसी अंगुल और बारबिल, ओडिशा; और ओपीजेसीसी पतरातू और गोड्डा, झारखंड में विशेष रूप से वंचित और सीमांत ग्रामीण समुदायों के छात्रों की ट्रेनिंग कराता है।
OPJCC कंस्ट्रक्शन, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, हॉस्पिटैलिटी, पर्यटन, प्लंबिंग, सिक्योरिटी, इलेक्ट्रिकल और विद्युत क्षेत्र में व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिये नेशनल स्किल क्वॉलिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) का पालन करते हैं जो कि पूरे भारत में रोज़गार की क्षमता में वृद्धि करते हैं। ओपीजेसीसी के 72% छात्र समाज के ऐसे तबके से आते हैं जो हमेशा हाशिए पर रहें हैं।
6. शिक्षा
जिंदल समूह के संस्थापक, श्री ओपी जिंदल की मान्यता रही है कि शिक्षा गरीबी को दूर करने का एकमात्र तरीका है और इसलिए जिंदल समूह की सीएसआर एक्टिविटीज मुख्य रूप से जनता के लिए उच्च-स्तरीय शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं। जेएसपीएल के सीएसआर फंड का 32% हिस्सा शिक्षा पर समर्पित है। जो इस सामाजिक विकास सूचकांक पर समूह स्थानों के महत्व को उजागर करता है।
6.1. ओ.पी. जिंदल यूनिवर्सिटी (OPJU)
O.P Jindal University (OPJU) छत्तीसगढ़, राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है जिससे ये “पूर्ण विश्वविद्यालय का दर्जा” प्राप्त है। इसे यूजीसी (यूनिवर्सिटीज ग्रांट कमीशन), भारत सरकार द्वारा भी मान्यता प्राप्त है। यह इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट प्रोग्राम चलाता है जो एजुकेशन सर्टिफिकेशन में भारत के सर्वोच्च निकाय AICTE द्वारा एप्रूव्ड हैं।
OPJU JSPL की CSR की महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है जो छात्रों को विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करती है। O.P Jindal University (OPJU) का कैंपस लगभग 34 एकड़ में फैला हुआ है, जिसमें रेजिडेंशियल कैंपस और लगभग 1200 छात्रों के लिए 300,000 वर्ग फुट से अधिक अकादमिक जगह है।
अभी तक ओपीजेयू में इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और विज्ञान के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के तीन स्कूल हैं। भारत को एक विकसित देश बनने के लिए विशाल बुनियादी ढांचे की जरूरत है और इस सपने को हासिल करने के लिए ओपीजेयू कुशल लोगों के जरिये लगातार काम कर रही है। OPJU भारत का पहला निजी विश्वविद्यालय है जो शिक्षण, अनुसंधान और अभ्यास में उत्कृष्टता के माध्यम से इस्पात प्रौद्योगिकी और प्रबंधन के लिए समर्पित है। रिसर्च स्कॉलर्स एंड टीचर्स शिक्षा के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और ओपीजेयू के पास इन पहलों को बढ़ावा देने के लिए 5 केंद्र हैं।
6.2. ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (JGU)
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (JGU) एक नॉन प्रॉफिट ग्लोबल यूनिवर्सिटी है। JGU ग्लोबल फैकल्टीज के माध्यम से कोर्सेस, प्रोग्राम, रिसर्चेस को बढ़ावा देता है। JGU, 80 एकड़ के अत्याधुनिक आवासीय परिसर में स्थित है। JGU को National Accreditation & Assessment Council (NAAC) द्वारा सर्वोच्च ग्रेड ‘ए’ से सम्मानित किया गया है। JGU ने आठ स्कूल स्थापित किए हैं: जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल (JGLS), जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल (JGBS), जिंदल स्कूल ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स (JSIA), जिंदल स्कूल ऑफ गवर्नमेंट एंड पब्लिक पॉलिसी (JSGP), जिंदल स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड ह्यूमैनिटीज ( JSLH), जिंदल स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड कम्युनिकेशन (JSJC), जिंदल स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर (JSAA) और जिंदल स्कूल ऑफ बैंकिंग एंड फाइनेंस (JSBF)। JGU ने तीन अनुसंधान और क्षमता निर्माण संस्थान भी स्थापित किए हैं: जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियरल साइंसेज (JIBS), जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ लीडरशिप डेवलपमेंट एंड एक्जीक्यूटिव एजुकेशन (JILDEE), इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हायर एजुकेशन रिसर्च एंड कैपिंग बिल्डिंग (IIHEd)। JGU ब्रिक्स और QS यूनिवर्सिटी रैंकिंग के एशिया एडिशन्स में स्थान पाने वाला सबसे कम उम्र का भारतीय विश्वविद्यालय है।
6.3. ओ.पी. जिंदल स्कूल ग्रुप (OPJS)
जेएसपीएल फाउंडेशन की स्कूल शाखा, ओपीजेएस, छत्तीसगढ़, झारखंड और ओडिशा में ओ.पी. जिंदल स्कूल संचालित करता है और प्रत्येक हर साल 12,000 छात्रों को उच्च-गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करता है। 2018-19 में, 440 से अधिक शिक्षकों की एक समर्पित टीम सभी स्कूलों में 100% पास आउट हासिल की। विद्यालयों को शिक्षाविदों के साथ-साथ अपने छात्रों के लिए एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज के माध्यम से कौशल की एक श्रृंखला प्रदान करने के लिए जाना जाता है। JEE और NEET के लिए छात्रों को तैयार करने के लिए स्कूल द्वारा स्पेशल क्लासेज भी शुरू की गयी हैं और यह सुनिश्चित किया है कि गैर-मेट्रो क्षेत्रों में भी छात्रों को सभी से प्रतिस्पर्धा करने के लिए सर्वोत्तम शिक्षा मिले। छत्तीसगढ़ के तमनार में, ओपीजेएस राबो आदिवासी गांवों में एक अंग्रेजी माध्यम का स्कूल चलाता है और 20 गांवों में 170 बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है। ये स्कूल 6 वीं है और वंचितों और सामाजिक रूप से कमजोर परिवारों को अंग्रेजी-माध्यम की शिक्षा प्रदान करता है।
ओपी जिंदल छात्रवृत्ति के जरिये आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को स्कॉलरशिप भी दिया जाता है। ये स्कॉलरशिप उन ग्रामीण छात्रों को दिया जाता है जो गरीबी के कारण आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते लेकिन उनकी योग्यता होती है। वो पढ़ाई करना चाहते है। इन छात्रवृत्ति का उद्देश्य वंचित समुदायों के छात्रों को आगे की पढ़ाई करने के लिए प्रेरित करना भी है। इस फाइनेंसियल साल में, JSPL के सभी व्यावसायिक स्थानों पर योग्य छात्रों को 557 से अधिक छात्रवृत्ति दी गई।
7. ग्रामीण विकास
भारत की आबादी शहरी क्षेत्रों की ओर बढ़ रही है शायद यही कारण है कि ग्रामीण बुनियादी ढांचे की उपेक्षा हो रही है। भारत के सर्वांगीण विकास को हासिल करने के लिए, देश भर में ग्रामीण-शहरी विभाजन को कम करना जरुरी है। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए, JSPL कम्युनिटी और सरकार के बीच मिलकर काम कर रही है ताकि बुनियादी रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण हो सके। स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका का विकास बनाना JSPL का मकसद है।
जेएसपीएल फाउंडेशन के माध्यम से JSPL ने अपने परिचालन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की एक अच्छी संख्या का निर्माण किया है ताकि समुदाय के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो सके। सड़क, पुल, स्कूल, अस्पताल, पीने के पानी की सुविधा, बिजली और शौचालय समग्र सामाजिक-आर्थिक और साथ ही समुदाय के स्वास्थ्य परिदृश्य में सुधार करने के लिए JSPL कटिबध्द हैं। परियोजना के पूरा होने के बाद, बुनियादी ढांचे को ग्राम समितियों, ग्राम पंचायत, संपत्ति के उचित रखरखाव के लिए सौंप दिया जाता है।
8. खेल, कला और संस्कृति को बढ़ावा देना
8.1. फ्लैग फाउंडेशन
साल 2002 में JSPL के सीईओ नवीन जिंदल ने 7 साल की लड़ाई जीती, जिसने सभी भारतीयों को साल के सभी दिनों में अपने घरों, कार्यालयों और कारखानों में सम्मान और गर्व के साथ हमारे राष्ट्रीय ध्वज को प्रदर्शित करने में सक्षम बनाया। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद, फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया ने लोगों को हमारे राष्ट्रीय ध्वज से प्रेरणा लेने और राष्ट्र-निर्माण गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की हैं। फाउंडेशन ने पूरे भारत वर्ष में अनगिनत स्थानों पर रिकॉर्ड स्तर के ऊंचे स्मारक फ्लैगपोल को स्थापित किया है।
8.2. जिंदल कला संस्थान
शालू जिंदल एक विश्व-प्रसिद्ध कुचिपुड़ी डांसर हैं और उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कार्यक्रमों में परफॉर्म किया है। जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड अपने सीएसआर गतिविधियों में भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने पर ध्यान दिया है। जिंदल आर्ट इंस्टीट्यूट की स्थापना इसी मकसद से किया गया ताकि कला और सांस्कृतिक की विरासत को बढ़ावा मिल सके। JSPL फाउंडेशन भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत के विकास और उनके संरक्षण में विश्वास रखता है।
9. पुरस्कार
जिंदल समूह की सीएसआर इनिशिएटिव्स को लगातार कई अवार्ड्स मिलते रहते है। अपने महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम के लिए, JSPL को 2018 में “FICCI CSR अवार्ड” से सम्मानित किया गया। ओडिशा में सस्टेनेबल सोशल डेवलपमेंट के लिए JSPL को “ओडिशा एक्सीलेंस अवार्ड, 2018” से सम्मानित किया गया।
10. निष्कर्ष
जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, अपनी स्थापना के बाद से ही समाज की मदद और सस्टेनेबल डेवलपमेंट की दिशा में लगातार काम कर रहा है। यह भारत की उन चुनिंदा कंपनियों में से एक है जो न केवल मुनाफे के लिए प्रयास करती है, बल्कि अपने सीएसआर परियोजनाओं से जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की भी कोशिश होती है।