देश का दिल कहे जाने वाला मध्य प्रदेश के नागदा इलाके में मौजूद परमारखेड़ी गांव में तब खुशियों की लहर दौड़ पड़ी जब पानी की बौछारें गावंवालों पर पड़ी, ये पानी की बौछारें आरओ प्लांट की थी, पानी की ये फौवारें, कल कल बहती जब ये बर्तनों में पड़ी तो गावंवालों के चेहरे पर ख़ुशी देखते बन रही थी, ये पानी स्वच्छ था, निर्मल था, एकदम शुद्ध, सीएसआर की मदद से कई सालों बाद परमारखेड़ी गांव को शुद्ध पीने का पानी नसीब हुआ।
हर घंटे में 1500 लीटर शुद्ध होगा पानी
कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी यानि सीएसआर की मदद से आदित्य बिरला ग्रुप की कंपनी ग्रेसिम ने ये आरओ की मशीनें लगवाई है जिसका उद्घाटन रविवार को किया गया। चंबल के डाउन स्ट्रीम में स्थित 14 गांवों में स्वच्छ पेयजल के लिए सालाें से संघर्ष कर रहे ग्रामीणों को अब जाकर शुद्ध पानी मुहैया हुआ है। ग्रेसिम ने परमारखेड़ी में सीएसआर के अंतर्गत 20 लाख की लागत से निर्मित आरओ प्लांट ग्रामीणों को समर्पित किया। इस आरओ से 7.5 से 8.0 पीएच वैल्यू वाला पानी हर घंटे में 1500 लीटर शुद्ध होगा। जिससे अब ग्रामीणों को हार्ड व अशुद्ध पानी नहीं पीना पड़ेगा।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत ने किया उद्घाटन
चंबल के डाउन स्ट्रीम में स्थित 14 गांवों में भू-जल स्तर अच्छा नहीं होने से स्वच्छ पीने के पानी के लिए ग्रामीण सालाें से संघर्ष कर रहे है लेकिन रविवार को इन ग्रामीणों के लिए आदित्य बिरला ग्रुप सौगात लेकर आयी और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गेहलोत और ग्रेसिम उद्योग समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप गौर की मौजूदगी में इस आरओ प्लांट का लोकार्पण किया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री गेहलोत ने सीएसआर फंड का सदुपयाेग करने पर आदित्य बिरला ग्रुप और कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी की खूब सराहना करते हुए कहा कि किसी भी प्रदेश और शहर तरक्की में अगर उद्योगों की बड़ी भूमिका होगी तो अपने आप वो शहर वो प्रदेश समृद्ध होगा।
सीएसआर के तहत आदित्य बिरला ग्रुप मध्य प्रदेश में कर रही है काम
आदित्य बिरला ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर दिलीप गौर ने उद्घाटन के दौरान बताया कि आदित्य बिरला ग्रुप मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर सीएसआर के तहत कल्याणकारी काम कर रही है, पिछले कई सालों से बिरला ग्रुप आर्थिक व सामाजिक बदलाव लाने के लिए लगातार निवेश कर रही हैं। परमारखेड़ी गांव एक पिछड़ा गांव है, जहां इस समारोह के दौरान ही गांव के विकास के लिए ग्रामीणों ने केंद्रीय मंत्री गेहलोत से अन्य विकास के कामों के लिए निधि की मांग की तो गेहलोत ने अपने सांसद निधि से 10 लाख देने की घोषणा भी की।
परमारखेड़ी गांव के लोगों को मिली ज़हरीले पानी पीने से मुक्ति, अब मिला स्वच्छ जल


