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June 19, 2025

अमरनाथ यात्रा के लिए चाक चौबंद प्रशासन- ड्रोन, CRPF और PCR की निगरानी में रहेंगे शिवभक्त

शिवालिक पर्वतों की शांत श्रृंखलाओं के बीच एक पवित्र तीर्थस्थल में गूंजती है लाखों शिव भक्तों की आवाज, जो प्रति वर्ष विश्वास, भक्ति, और आध्यात्मिक जोश के बुनियादी मंज़र को रचते हैं। एक बार फिर स्वागत है अमरनाथ तीर्थयात्रा के मोहक क्षेत्र में, एक स्वर्गीय यात्रा जो पृथ्वी की सीमाओं को तार्किक रूप से पार करती है और यात्रियों को अद्वितीय अमरनाथ गुफा की दिव्य अनुभूति पर ले जाती है।

आस्था और आश्चर्य का समन्वय पवित्र अमरनाथ गुफा

14,000 फीट की आश्चर्यजनक ऊंचाई पर स्थित, जम्मू-कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता में बसी अमरनाथ गुफा शताब्दियों पुरानी भक्ति और श्रद्धा का प्रमाण है। यहाँ पर मात्र श्रावण माह के पवित्र समय में ही पहुंचा जा सकता है। यात्री ‘Picture Perfect’ प्राकृतिक दृश्यों के माध्यम से चिंतन करते हुए, भगवान शिव की स्वर्गीय पुकार के मार्गदर्शन में, आत्मा को शिव के पवित्र धाम में समर्पित करने वाली यात्रा करते हैं।
पहलगाम शहर के रहस्यमय आकर्षण से गले मिल आगे बढ़ती यात्रा पवित्र गुफा की ओर एक पवित्र कथा की तरह खुलती है। प्राचीन मंत्रों और उत्कट प्रार्थनाओं की गूंज से प्रत्येक कदम अंतर्मन तक असर करता है। यहां, प्राकृतिक सौंदर्य के अमूल्य वरदान के बीच, भक्तों को आत्मिक यात्रा पर निकलने का समय मिलता है, जो बाबा अमरनाथ की दिव्य महिमा में लीन होते हैं।

हिंदू धर्म का सार समाया है ‘ॐ’ में

अमरनाथ तीर्थयात्रा का सार न केवल इसकी भौगोलिक महिमा में है, बल्कि यह हिंदू धर्म में रखी गई गहरी आध्यात्मिक महत्वपूर्णता में है। यह केवल एक भौतिक यात्रा नहीं है, यह आत्मा की यात्रा है, एक दिव्य संवाद, जो मानव सीमाओं को पार करता है और खोजकर्ता को अनंत से जोड़ता है। गुफा के दिल में एक पवित्र ‘लिंगम’ लेटा है, भगवान शिव की ब्रह्माण्डीय उपस्थिति का प्रतीक, जो आकाश से बरसते शीतल जल से स्वयंभू प्रकट होता है। जैसे जैसे बर्फ की रचना आकाशीय नृत्य के साथ बढ़ती जाती है, उसी तरह यात्रियों का जोश भी बढ़ता है, जो श्रावण के त्योहार के दिव्य दृश्य के दौरान अपने चरम पर पहुंचता है।
वास्तव में, अमरनाथ तीर्थयात्रा केवल एक तीर्थयात्रा नहीं है, यह विश्वास की अद्वितीय शक्ति का गहन प्रमाण है, एक पवित्र यात्रा जो आत्मा का पोषण करती है और जो भी इसके पवित्र पथ पर चलता है, उनके हृदय में भक्ति की ज्वाला को जलाती है।

काफिले के साथ चलेंगे ड्रोन, डॉग स्क्वाड और जैमर

अमरनाथ यात्रा इस बार 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी, जिसमें सुरक्षा के लिए हाईटेक इंतजाम किए गए हैं। CRPF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने मिलकर इस बार सुरक्षा योजना बनाई है। इस साल की अमरनाथ यात्रा पहले से थोड़ी छोटी जरूर होगी, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से कहीं ज्दाया सख्त और हाईटेक होने जा रही है। पिछले दिनों पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन और केंद्र सरकार ने मिलकर एक बड़ा और सुनियोजित सुरक्षा प्लान तैयार किया है, जिससे यात्रियों को पूरी तरह से सुरक्षित और व्यवस्थित यात्रा का अनुभव मिल सके। अमरनाथ यात्रा इस बार 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी, यानी कुल 38 दिनों की होगी। पिछली बार यह यात्रा 52 दिन चली थी। यात्रा की अवधि घटाने के बावजूद, सुरक्षा में कोई कमी नहीं रखी गई है।

अमरनाथ यात्रा मार्ग पर चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था

इस बार CRPF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने मिलकर पूरी यात्रा के लिए एक संयुक्त सुरक्षा योजना बनाई है। पूरे अमरनाथ यात्रा रूट का सुरक्षा ऑडिट किया गया है, साथ ही डिजिटल मैपिंग भी की गई है ताकि हर इलाके पर पैनी नजर रखी जा सके। सभी यात्रियों और पोनी राइडर्स के लिए डिजिटल पहचान पत्र बनाना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा, यात्रा रूट से जुड़े सभी नेशनल हाईवे और अप्रोच रूट्स को काफिले के दौरान ब्लॉक किया जाएगा। खास बात यह है कि पहली बार अमरनाथ यात्रा काफिले के साथ जैमर लगाए जाएंगे और CAPF की एस्कॉर्ट टीमें सुरक्षा प्रदान करेंगी।
सुरक्षा के लिए ड्रोन, Bomb Disposal Squad, क्विक रिएक्शन टीम (QRT), K-9 डॉग स्क्वाड और ज्वाइंट पुलिस कंट्रोल रूम (PCR) भी तैनात रहेंगे। सुरक्षा बलों की कुल 581 कंपनियां इस बार यात्रा के दौरान ड्यूटी पर रहेंगी। हर यात्री के मूवमेंट पर निगरानी रखने के लिए ट्रैकिंग और निगरानी तकनीक का भी सहारा लिया जाएगा। CCTV कैमरे, कंट्रोल रूम और GPS आधारित ट्रैकिंग सिस्टम भी एक्टिव रहेंगे।

अमरनाथ यात्रा मार्ग बनेगा ‘No Flying Zone’

जम्मू कश्मीर सरकार ने अमरनाथ यात्रा 2025 को सुरक्षित बनाने के लिए यात्रा मार्ग को नो फ्लाईंग जोन घोषित किया है। 1 जुलाई से 10 अगस्त तक ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी रहेगी केवल सुरक्षा एजेंसियां निगरानी कर सकेंगी। खुफिया एजेंसियों ने आतंकी खतरे का अलर्ट जारी किया है जिसके चलते प्रशासन सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रहा है। श्री अमरनाथ धाम की तीर्थयात्रा कश्मीर में सक्रिय रहे आतंकी संगठनों के निशाने पर रही है। आतंकियों ने एक बार नहीं कई बार यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं पर हमला किया है। जम्मू कश्मीर में विगत कुछ वर्षों में हालात में आए सुधार से हताश आतंकी व उनके आका इस वर्ष तीर्थयात्रा में गड़बड़ी फैलाने का षड्यंत्र कर सकते हैं।
इस संदर्भ में खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी अलर्ट के मद्देनजर प्रशासन यात्रा की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय कर रहा है। संबधित अधिकारियों ने बताया कि यात्रा मार्ग को किसी भी खतरे से पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए ही यात्रा मार्ग और सभी यात्री शिविरों व उनके आस पास के क्षेत्र को ‘No Flying Zone’ बनाया गया है। जम्मू कश्मीर गृह विभाग ने इस विषय में एक औपचारिक आदेश भी जारी कर दिया है।

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