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टाटा की फिर दिखी दरियादिली, बीएमसी को दिए 10 करोड़, 20 एंबुलेंस और 100 वेंटिलेटर्स

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कोरोना महामारी पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रहा है, कोरोना महामारी इस सदी की सबसे बड़ी त्रासदी मानी जा रही है। कोरोना से भारत में 7 लाख से ज्यादा लोग ग्रसित हैं। देश के हर राज्य, हर जिले में ये महामारी बढ़ती ही जा रही है, साथ ही इससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकार लॉक डाउन भी बढ़ा रही है। आलम ये है कि देश की जनता का हाल बद से बदतर होता जा रहा है, डर के इस माहौल के बीच कई बिजनेस घराने मदद को आगे आए हैं। इनमें टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) सबसे आगे हैं।
कोरोना को मात देने के लिए बीएमसी और टाटा ग्रुप एक साथ
देश के शहरों की तुलना करें तो मुंबई एकमात्र शहर है जहां कोरोना के सबसे ज्यादा मामले है, और देश की सबसे बड़ी और सबसे धनी महानगर पालिका मुंबई बीएमसी (BMC) कोरोना के रोकथाम में जरूर कम पड़ रही है, जहां मुंबई की चमक धमक कोरोना की वजह से फीकी पड़ रही है वहीं मुंबईकरों की मदद के लिए टाटा ग्रुप सामने आया है। टाटा द्वारा किये गए मदद के पैसों से महाराष्ट्र सरकार Immunology & Virus Infection Research Centre बनाएगी साथ ही इस कोरोना काल में मुंबई बीएमसी और टाटा ग्रुप मिलकर प्लाज्मा प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहे हैं।
कोरोना को हराने के लिए टाटा ने फिर खोली तिजोरी
कोरोना को हराने के लिए रतन टाटा और मुंबई बीएमसी प्लाज्मा प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। इसी प्रोजेक्ट के तहत टाटा ग्रुप ने बीएमसी को 10 करोड़ रुपये के साथ 100 वेंटिलेटर्स के साथ 20 एम्बुलेंस की मदद की है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने इस बारें में टाटा ग्रुप की सराहना करते हुए कहा कि कोरोना के संकट में समाज के कई स्तर से मदद मिल रही है ऐसे टाटा ग्रुप जैसे बडी संस्था जब मदद करती है तो हौसला और बढ़ जाता है हम कोरोना की लढाई जरूर जीतेंगे। उद्धव ठाकरे के बेटे और मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी टाटा की खूब तारीफ की।
पहले भी 1500 करोड़ रुपये की मदद का किया ऐलान
रतन टाटा के किसी आपदा में दान का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी वे मदद के लिए आगे आते रहे हैं। इससे पहले टाटा ट्रस्ट ने कोरोना से निपटने के लिए 500 करोड़ का ऐलान किया था। टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने कहा कि इसके लिए इमर्जेंसी रिसोर्स की जल्द से जल्द आपूर्ति होनी चाहिए। वहीं मार्च माह में टाटा ग्रुप के बाद टाटा सन्स ने 1000 करोड़ रुपये का ऐलान किया था। सीएसआर यानि कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (CSR) के तहत कुल मिलाकर अब तक 1500 करोड़ रुपये की घोषणा की जा चुकी है।
बीएमसी देश की सबसे अमीर महानगर पालिका, स्वास्थ्य सेवाओं की फिर हालत खस्ता
बीएमसी यानि मुंबई महानगर पालिका का बजट देश के छोटे राज्यों के बजट से कहीं ज्यादा होता है, बीएमसी लगभग 30 हज़ार करोड़ रुपये का बजट पेश करती है, जिसमें स्वास्थ्य पर भी फोकस रहता है लेकिन बीएमसी के कामकाज में कितना करप्शन होता है ये किसी से छुपा नहीं है, शायद यही कारण है कि बीएमसी अस्पतालों की हालत खस्ता है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर बजट की कमी नहीं, अमल करने में इच्छाशक्ति नहीं
बीएमसी ने 2019-20 के बजट में स्वास्थ्य बजट को पिछले साल से 15 पर्सेंट बढ़ा दिया था और इस बात का ध्यान रखा कि नई घोषणाओं पर पुराने अस्पतालों में सुधार को तरजीह दी जाए। पिछले साल के 3601 करोड़ रुपये के बजट को 15 प्रतिशत बढ़ाकर इस बार 4151 करोड़ रुपये किया गया है। बीएमसी के इतिहास में यह पहली बार है जब स्वास्थ्य का बजट 4 हजार करोड़ रुपये के पार पहुंचा है। प्रशासन ने दावा है किया है कि बीएमसी अस्पतालों में उच्च दर्जे की मेडिकल सेवा देने के लिए पिछले साल 91.60 करोड़ रुपये खर्च कर अत्याधुनिक मशीनें खरीदी गईं। लेकिन आज भी बीएमसी के अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी है।
कोरोना में टाटा ने मरीजों के खाने का किया इंतजाम
कोरोना को कंट्रोल करने के लिए देश के सभी अस्पतालों में डॉक्टर, नर्स और अन्य मेडिकल कर्मी दिन-रात काम कर रहे हैं। वे अपने जीवन और परिवार की परवाह छोड़कर इस मुहिम में जुटे हुए हैं। इंफेक्शन का डर इतना है कि वे घर तक नहीं जा रहे हैं। ऐसे में उनको दो वक्त का खाना भी ठीक से नसीब नहीं हो रहा है। इन हालात में टाटा ग्रुप के ताज होटेल ने मुंबई में मेडिकल कर्मियों, मरीजों के लिए खाने का प्रबंध किया है। वाकई में टाटा द्वारा किये जा रहे इन कदमों से यकीन और पुख्ता हो रहा है कि जल्द ही फिर मुंबई की रंगीनियत वापस लौटेगी और कोरोना का खात्मा होगा।