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लॉक डाउन में मुंबई पुलिस की स्मार्ट पहल

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देशभर में इस वक्त लॉक डाउन है, सड़कें पूरी तरह से सूनी है, सड़कों पर अगर कोई दिखाई दे रहा है तो वो है मेडिकल स्टाफ, बीएमसी के लोग और सबसे महत्वपूर्ण मुंबई पुलिस के जवान। मुंबई पुलिस हर एक हद तक जाकर मुंबई की सुरक्षा में लगी हुई है। इस लॉक डाउन में पुलिस के लिए कई सारे चैलेंजेस है, इन चैलेंजेस पर बात करने के लिए हमारे साथ मौजूद है मुंबई पुलिस के डीसीपी ऑपरेशंस प्रणय अशोक

बहुत बहुत स्वागत है प्रणय जी The CSR Journal में आपसे जानना चाहेंगे कि पूरे देश भर में लॉक डाउन है, मुंबई में भी हालात खराब हो रहें है, कोरोना की बात करें तो मुंबई में मामले बढ़ते जा रहे हैं, आप मुंबई पुलिस के लिए इसे किस तरह से चैलेंज मानते है ?

चैलेंजेस की बात करें तो सबसे बड़ा चैलेंज हमारे लिए यही है कि मुंबई एक बहुत बड़ा शहर है। हर एक इलाके का अपना अलग-अलग रूप और कॉम्पोनेंट है। वहां का इकोनामिक कंपोजिशन अलग है, पापुलेशन कंपोजिशन अलग है। इसलिए इन इलाकों की दिक्कतें भी अलग-अलग हैं। ऐसे में लॉक डाउन को फॉलो करवाना, लॉक डाउन को इंप्लीमेंट करना यह हमारे लिए एक चैलेंज ही है। मुंबई की संरचना ऐसी है कि यहां पर जगह कम है, यह एक डेंसली पापुलेटेड शहर है, सभी तक लॉक डाउन का पालन करवाना यह एक बड़ा टास्क है। हमारे लिए ये भी चैलेंज है कि लोगों तक एसेंशियल सर्विसेस को सुचारू रूप से जारी रखना। हम रेगुलर इंटरेक्शन बाद एसेंशियल सर्विसेज, मेडिकल सर्विसेज, इमरजेंसी सर्विसेस या कुछ रिटेलर, ई-कॉमर्स सर्विसेस के साथ इनकी स्मूथ फंक्शनिंग हो इसलिए हम लगातार कोशिश कर रहे है ताकि आम मुंबईकरों तक राशन, दूध, दवाइयां या फिर कोई भी जरूरी साझो समान आसानी से पहुँच सकें। मुंबईकरों को कोई दिक्कत नहीं हो।

आपने भीड़भाड़ और डेंसली पापुलेटेड शहर का जिक्र किया तो जाहिर सी बात है मुंबई में कई ऐसे भीड़-भाड़ इलाके हैं, स्लम है चाहे वो धारावी हो, सांताक्रुज हो या फिर बांद्रा, मुंबई के ऐसे इलाके हैं जहां पर बहुत ज्यादा भीड़ भाड़ है, ऐसे में आप लोग को कितनी कठिनाइयां आ रही है क्योंकि देखा जा रहा है कि वीडियो में पुलिस का लोग विरोध भी कर रहे हैं?

विरोध से ज्यादा हम अनअवेयरनेस को को फेस कर रहे हैं। अभी भी कई तबकों में इस महामारी के बारे में जागरूकता नहीं है। अभी भी लोग इस महामारी के सीरियसनेस और उसके सिचुएशन को समझ नहीं रहे हैं, इन इलाकों में भीड़भाड़ कम हो इसके लिए हम लगातार उन इलाकों में पेट्रोलिंग कर रहें हैं। जगह-जगह हमने नाकाबंदी लगाई है। लगातार हम लोगों को जागरूक कर रहे हैं। पब्लिक अनाउंसमेंट कर रहे हैं ताकि लोगों को पता चले कि यह कितना भयानक बीमारी है। ताकि लोगों को पता चले कि यह लॉक डाउन उनके लिए क्यों जरूरी है। इसके अलावा हम Dial 100 और ट्विटर के जरिए किसी को कोई क्लेरिफिकेशन चाहिए तो इसके जरिये हम लोगों की मदद कर रहे हैं। कई जगह हम खुद इनिशिएटिव लेकर लोगों की मदद की।जैसे जहां मार्केट लगती थी वहां से लोगों को बड़े मैदानों में शिफ्ट किया। धारावी का मार्केट भी शिफ्ट किया गया है। दादर मार्केट को भी हमने शिफ्ट किया है। जहां पर लोग आ सके और वहां पर ही सब्जियां खरीद सकें। यहां हम लोग सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तरह ख्याल रखे हुए हैं। ग्राउंड पर हम लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग को देखते हुए चूने से मार्किंग भी की है, हम लोगों को प्रोत्साहित भी कर रहें है।

अगर हम मरकज की बात करें तो वाकई में जिस तरह से दिल्ली में उनलोगों ने किया वो भयावह है। महाराष्ट्र और मुंबई से भी लोग वहां पर गए हुए थे, क्या आप लोगों ने उन्हें चिन्हित किया, किस तरह से उन पर आप लोग कार्रवाई कर रहें है ?

हम लगातार मरकज के लोगों को ट्रेसिंग करने का काम कर रहे हैं। उनके बारे में जानकारी निकाल रहे हैं। उनका आईडेंटिफाइड कर रहे हैं। मरकज को लेकर पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है, मुंबई पुलिस पूरी तरह से कोशिश कर रही है कि उनकी शिनाख्त जल्द से जल्द की जाए और फिर नियमों के अनुसार उन्हें होम क्वॉरेंटाइन किया जाए या आइसोलेशन वार्ड में रखा जाए।

यह हम लगातार देख रहें है कि लोगों को कोरोना वायरस को लेकर डर लग रहा है, ट्विटर और Dial 100 पर क्या इंक्वायरी के मामले बढ़ गए हैं?

मुंबई पुलिस का डायल100 बहुत ही सोफिस्टिकेटेड और बहुत ही मॉडर्न प्रणाली है। मुंबई पुलिस के डायल हंड्रेड के कंट्रोल रूम में एक समय पर 40 जवान तैनात रहते हैं, कोरोना वायरस को देखते हुए जो डेली बेसिस के कॉल्स रहते हैं उनमे बहुत ज्यादा इजाफा हुआ है। जब से लॉक डाउन हुआ है अमूमन हम लोगों ने 10,000 कॉल अटेंड किए हैं।

आप लोग इलाकों को चिन्हित कर रहे हैं और जहां पर कोरोना पॉजिटिव के मामले ज्यादा हैं उस इलाके को सील कर रहें हैं। लेकिन इस दौरान क्या विशेष समुदाय को समझाने में ज्यादा दिक्कत आ रही है ?

जहां कोरोना पॉजिटिव के ज्यादा मामले आएं है उन सभी इलाकों को बीएमसी कंटेनमेंट जोन घोषित करती है, हमारा रोल वहां पर सिर्फ लोगों की आवाजाही रोकना है। लोग उस जोन में सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो कर रहे हैं या नहीं यह देखना है। लॉ एंड ऑर्डर देखना है। हम इन इलाकों में ज्यादा सख्ती से बैरिकेटिंग करते हैं। जाहिर है अगर इन इलाकों में हम मूवमेंट को रोकते हैं तो परेशानियां तो जरूर आएंगी, लेकिन हम उसको हल कर लेते हैं।

हॉटस्पॉट होती जा रही है मुंबई, यहां लगातार मामले बढ़ रहे हैं, यह एक एपिसेंटर होता जा रहा है, मुंबई पुलिस की तैयारियों की बात करें तो आप लोग किस तरह से तैयार है?

लॉक डाउन में मुंबई पुलिस पूरी तरह से तैयार है। हम डे टू डे बेसिस पर आकलन करते हैं। बीएमसी के साथ, हेल्थ डिपार्टमेंट के साथ लगातार हम कॉर्डिनेट कर रहे हैं। हम अगर मुंबई पुलिस के जवानों की बात करें तो हम खुद भी बहुत ज्यादा केयर ले रहे हैं। हमारे जवान बहुत ज्यादा ख्याल रख रहे हैं। हमारा जो स्टाफ्स ग्राउंड पर ड्यूटी कर रहा है उनकी सेहत के लिए हम बहुत ज्यादा ख्याल रख रहे हैं। पुलिस के जवानों को हैंड सैनिटाइजर, फेस मास्क दिया जा रहा है।  जो नाकाबंदी कर रहे हैं उनको धूप से बचाने के लिए छाते दिए जा रहे हैं। फिल्ड में जितने भी हमारे जवान लगे हुए हैं उनको बकायदा खाना पहुंचाया जा रहा है, एनर्जी ड्रिंक दिया जा रहा है। पानी पहुंचाया जा रहा है। हम अगर सही सलामत रहेंगे तो हम मुंबई को महफूज रख सकेंगे।