कोयला मंत्रालय के सचिव विक्रम देव दत्त ने झारखंड के सरकारी स्कूलों में डिजिटल कक्षाओं का उद्घाटन किया। ये कक्षाएं कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) की सहायक कंपनियों द्वारा सीएसआर पहल (CSR Initiatives of Coal India) ‘डिजी विद्या’ के तहत बनाई गई हैं। इस पहल का उद्देश्य खनन क्षेत्रों के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है।इस अवसर पर सीआईएल के अध्यक्ष पीएम प्रसाद, कोयला मंत्रालय में अपर सचिव रूपिंदर बरार, भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) और सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के सीएमडी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
Coal India की पहल ‘डिजी विद्या’ की ये है खास बातें
Coal India की पहल ‘डिजी विद्या’ के तहत आठ राज्यों के खनन क्षेत्रों में 272 सरकारी स्कूलों को स्मार्ट कक्षाओं से लैस किया गया है। बीसीसीएल ने धनबाद के 79 स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम और आईसीटी लैब्स के लिए 10.69 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिससे 1 लाख छात्रों और 400 शिक्षकों को लाभ मिलेगा। सीसीएल ने चतरा, बोकारो, रांची और अन्य जिलों के 193 स्कूलों में यह योजना लागू की। आने वाले चरणों में और अधिक स्कूलों को इस पहल से जोड़ा जाएगा।
कोल इंडिया ने समझा डिजिटल शिक्षा का महत्व
कोल इंडिया के सचिव विक्रम देव दत्त ने कहा कि Digital Classroom छात्रों को इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी से जोड़ेगी और बच्चों को भविष्य के लिए तैयार करेंगी। शिक्षक और छात्र दोनों वैश्विक ज्ञान से जुड़े रहेंगे और हाई क्वॉलिटी की Education हासिल कर सकेंगे।
कोल इंडिया के सीएसआर से अन्य क्षेत्रों में भी मदद
सीएमपीडीआई की सीएसआर पहल के तहत रांची में 20 छात्रों ने पैरामेडिकल डिप्लोमा पूरा किया। महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) ने संबलपुर जिले के 809 स्कूलों में 22.51 करोड़ रुपये की लागत से ड्यूल डेस्क बेंच प्रदान करने की योजना शुरू की। वहीं, नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) ने सोनभद्र के तीन स्कूलों के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए 1.46 करोड़ रुपये की परियोजना शुरू की है।
समावेशी शिक्षा की दिशा में कदम
सीएसआर परियोजनाएं कोल इंडिया और उसकी सहायक कंपनियों की खनन क्षेत्रों में सामाजिक उत्थान और समावेशी शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इन प्रयासों से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को शहरी स्कूलों जैसी सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं।