Mahakumbh Child Birth: महाकुंभ में वैसे तो 47 करोड़ लोग अब तक पहुंच चुके है, जिनमें से 11 महिलाओं और उनके परिजनों के लिए महाकुंभ की यात्रा यादगार और खास रहेगी। क्योंकि इन 11 महिलाओं ने कुंभ मेले में बच्चों को जन्म दिया। 11 बच्चों का जन्म कुंभ क्षेत्र में बने सेंट्रल हॉस्पिटल में हुआ। इस अस्पताल में कुल 105 लोगों की टीम है, जिसमें चार स्त्री रोग विशेषज्ञ भी शामिल हैं। इन सभी महिलाओं को या तो उनके परिजन सेंट्रल हॉस्पिटल ले गए या मेले में तैनात एंबुलेंस के जरिए सेंट्रल अस्पताल पहुंचाया गया, जिसमें डिलीवरी कराने की सुविधा मौजूद है।
Mahakumbh Child Birth: 29 दिसंबर को हुआ था पहले बच्चे का जन्म
महाकुंभ मेला भले ही आधिकारिक तौर पर 13 जनवरी को शुरू हुआ था। लेकिन पर्यटक दिसंबर से ही इस क्षेत्र में एकत्रित हो रहे हैं। क्योंकि प्रयागराज में संगम के किनारे एक विशाल टेंट सिटी बसाया गया, जहां केंद्रीय अस्पताल पहले से ही चालू था और चल रहा था। अस्पताल में पहली डिलीवरी 29 दिसंबर को हुई थी। कौशाम्बी की सोनम ने एक लड़के को जन्म दिया, जिसका नाम उसके परिवार ने कुंभ रखा।
हालही में 6 फरवरी को महिला ने बच्चे को जन्म दिया
कुंभ क्षेत्र में परेड ग्राउंड के पास 100 बिस्तरों वाला अस्पताल ओपीडी, जनरल वार्ड, डिलीवरी सेंटर, आईसीयू और एक ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाओं से लैस है। अस्पताल क्लीनिकल सेवाएं भी प्रदान करता है और इसमें पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए अलग-अलग वार्ड हैं। अस्पताल में सबसे हालिया डिलीवरी 6 फरवरी को हुई, जब बाराबंकी की 30 वर्षीय कंचन ने एक लड़के को जन्म दिया। केंद्रीय अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कौशिक ने कहा, अब तक सभी प्रसव सामान्य हुए हैं। जिन महिलाओं ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया है, वे उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों, जैसे बांदा, चित्रकूट, कौशांबी और जौनपुर, और झारखंड, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे विभिन्न राज्यों से भी आती हैं। वे अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक बैकग्राउंड से आते हैं।
महाकुंभ के अस्पताल में अब तक 64000 मरीजों का किया गया इलाज
डॉ. कौशिक ने कहा कि 13 जनवरी को आधिकारिक तौर पर कुंभ शुरू होने के बाद से, साइट पर चल रहे अस्पतालों ने लगभग 64,000 मरीजों का इलाज किया है। महाकुंभ क्षेत्र में बने सेंट्रल हॉस्पिटल में अभी तक कुल 11 बच्चों का जन्म हुआ है और इनके माता पिता में से किसी ने अपने बच्चे का नाम गंगा, किसी ने यमुना, किसी ने भोले नाथ तो किसी ने बजरंगी रखा है।