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सीएसआर से गाड़ी पाने के लिए सरकारी पैसा प्राइवेट बैंक में किया जमा, खुली पोल

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सीएसआर से गाड़ी पाने के लिए सरकारी पैसा प्राइवेट बैंक में किया जमा, खुली पोल
 
छत्तीसगढ़ में CSR के तहत हुई गड़बड़ी का मामला सामने आया है।  Chhattisgarh में महिला व बाल विकास विभाग के अधिकारीयों ने गड़बड़झाला किया है। दरअसल मामला 5 गाड़ियों के एवज में  Chhattisgarh Women and Child Development Department के अधिकारियों ने निजी बैंकों में जमा कर दिए 400 करोड़। छत्तीसगढ़ राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की ओर से किया गया ये खेल CSR पाने के लिए किया गया। डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने करीब ₹400 करोड़ रुपए की सरकारी राशि सरकारी बैंक से निकाल कर निजी बैंकों में जमा करा दी है। इसके एवज में बैंकों से पांच गाड़ियों समेत कुछ अन्य सुविधाओं का सौदा हुआ है। इन 5 गाड़ियों में से 2 गाड़ियां मिल चुकी हैं।

CSR पाने के लिए सरकारी बैंक से 400 करोड़ निजी बैंक में किया गया जमा

मामला संज्ञान में आते ही तूल पकड़ लिया और विवाद को देखते हुए अब अधिकारी गाड़ियों को लौटाने की बात कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार आईसीडीएस के तहत बच्चों के उचित मानसिक शारीरिक और सामाजिक विकास के लिए केंद्र सरकार राशि भेजती है। यह राशि आंगनबाड़ी बच्चों के टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, पूरक पोषण आहार, बच्चों की बेसिक शिक्षा आदि पर खर्च की जाती है। इस राशि में बाल विकास परियोजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की धनराशि भी शामिल है। इन गाड़ियों का उपयोग संयुक्त संचालक और सहायक संचालक कर रहे हैं।

निजी स्वार्थ के लिए सीएसआर का उपयोग नहीं किया जा सकता है

CSR के नियमों के तहत अधिकारियों के लिए वाहन खरीदने का कोई प्रावधान नहीं है। CSR Funds से किसी भी निजी संस्था या फिर व्यक्ति को कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड से फायदा नहीं पहुंचाया जा सकता है। Corporate Social Responsibility Fund सिर्फ समाज और सामाजिक भलाई के लिए खर्च किया जा सकता है। मामला विवाद में आने के बाद संयुक्त संचालक, महिला एवं बाल विकास ने बताया कि सरकार के निर्देश पर ही सरकारी बैंक से निजी बैंक में खाता खुलवाया गया है और राशि जमा करने के लिए बोला गया। अधिकारी खुद मान रहे है कि बैंक अपने सीएसआर खर्च पर ये वाहन दिए है। बहरहाल ये सीएसआर फंड का दुरुपयोग है साथ ही Chhattisgarh Women and Child Development Department के अधिकारियों की जांच भी की जा रही है।