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आसाराम बापू: अध्यात्म गुरु से बलात्कारी तक
बलात्कार के दोषी आसाराम अब मरते दम तक जेल की सलाखों के पीछे से बाहर नही आएंगे, अब बाहर आएगी तो उसकी मृत शरीर।...
शौच मुक्त महाराष्ट्र की सच्चाई।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने हाल ही में प्रेस कॉन्फ्रेंस द्वारा यह दावा किया है कि महाराष्ट्र को अब खुले में शौच से मुक्त कर दिया गया...
बलात्कार नारी का या इंसानियत का?
एक बार फिर से सारा देश उबल रहा है, कैंडल मार्च, सोशल मीडिया पर अत्याचार के खिलाफ खड़े होने की अपील, लोगों के ट्वीट्स...
सलमान सिर्फ हीरो नहीं बल्कि एक सोशली रिस्पांसिबल सिटीजन भी है।
इस बात से बिलकुल इंकार नहीं किया जा सकता कि सलमान खान अपने करियर के शुरवाती दौर में सुपरस्टार तो बन गए लेकिन वो...
क्या सफल हुआ अण्णा आंदोलन और महाराष्ट्र का बजट सत्र?
विपक्षी नेता धनंजय मुंडे के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सदन के शुरुवात में ही बीजेपी और शिवसेना ने जोरदार हंगामा किया। लेकिन बाद में...
फसल के लिए पसीना और हक़ के लिए बहाया खून
पैरों में छाले थे, हाथों में लाल झंडा था, टोपी भी लाल, लाल सलाम करते हुए किसान पग पग आगे बढ़ रहे थे, हौसले...
आजादी के ७० वर्षो में भारत में महिलाएँ कितनी आजाद हुई है?
आए दिन अखबारों के पन्ने काली स्याही से भरे होते हैं, स्याही समाचारों से।कभी निर्भया की दिल दहलाने वाली दास्तान तो कभी किसी मासूम...
सीएसआर फंड विभिन्न क्षेत्रों में खर्च करना चाहिए: सुधीर मुनगंटीवार, वित्त और वन विभाग मंत्री, महाराष्ट्र
सीएसआर याने कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसीबिलीटी समाज में बदलाव के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है।सीएसआर के तहत कई ऐसे काम हो रहे है जिससे ना सिर्फ समाज मे बदलाव हो रहा है बल्कि लोगों की जिंदगी में भी काफी बदलाव आ रहा है।
महिला दिवस पर कहाँ खो गई है हमारी देहाती महिलाये
पालघर की स्वछतादूत बनी आदिवासी सुशीला
मुम्बई से सटा पालघर यह आदिवासी जिला है। सालो संघर्ष के बाद उसको ठाणे जिले से अलग कर दिया...
तेरा धिआन किधर है मेरा सीएसआर इधर है
साल 2015 शुरू हो गया है और यह पहला वित्तीय वर्ष होगा जब भारतीय कार्पोरेट जगत को सीएसआर यानि कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत...
से कैसे बनेगा ‘मेक इन इंडिया’ ?
‘मेक इन इंडिया’ ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका बखान वो भारत से लेकर अमेरिका के मैडिसन स्क्वाअर तक कर...
क्यों बंद हो रहे हैं बजट प्राइवेट स्कूल ?
दुनिया के 37 फ़ीसदी अनपढ़ लोग भारत में रहते हैं, 58 फ़ीसदी बच्चे अपनी प्राइमरी स्कूल में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं, जबकि 90...