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जिंदगी के आखिरी साल स्वास्थ्य पर समर्पित करेंगे रतन टाटा

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रतन टाटा (Ratan Tata) एक ऐसी शख्सियत जिनका हर कोई सम्मान करता है। एक ऐसे बिजनेसमैन जो देश को पहले और बाकी सब को बाद में रखते है। कैंसर से पीड़ित हर कोई चाहे वो खुद मरीज हो या उनके तीमारदार, रतन टाटा को भगवान का दर्जा देते है। क्योंकि रतन टाटा ने ना सिर्फ देश भर में कैंसर के इलाज के लिए अत्याधुनिक कैंसर अस्पतालों का जाल बिछाया बल्कि अब तो रतन टाटा ने ऐसा ऐलान कर दिया है कि उनकी हर तरफ वाहवाही और बढ़ गयी है।

जिंदगी के आखिरी साल स्वास्थ्य के नाम समर्पित – रतन टाटा

देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा ने गुरुवार को एक अहम खुलासा किया। रतन टाटा ने अपनी जिंदगी को अब स्वास्थ्य के लिए समर्पित कर दिया है। दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा ने कहा कि “उन्होंने अपनी जिंदगी के आखिरी वर्षों को हेल्थ के लिए समर्पित कर दिया है। रतन टाटा ने कहा कि असम को एक ऐसा राज्य बनाइए जो सबका सम्मान करता हो और जिसका सभी सम्मान करते हों”। एक सुई से लेकर जहाज तक बनाने वाली कंपनी टाटा का बेहद अहम चेहरा और टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा ने गुरुवार को असम में पीएम मोदी के साथ मिलकर ने 7 हाईटेक कैंसर सेंटर्स का उद्घाटन किया।

हिंदी में नहीं लेकिन दिल से बोलूंगा – रतन टाटा

उद्घाटन के दौरान रतन टाटा ने कहा, ‘मैं हिंदी में भाषण नहीं दे सकता, इसलिए अंग्रेजी में बोलूंगा। लेकिन संदेश एक ही होगा। मेरे दिल से निकला हुआ, असम को एक ऐसा राज्य बनाइए जो सबका सम्मान करता हो और जो सबके लिए सम्मानित हो। इन कैंसर अस्पतालों को असम कैंसर केयर फाउंडेशन बना रहा है जो असम सरकार और टाटा ट्रस्ट की संयुक्त पहल है।
इस उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने रतन टाटा (Ratan Tata) से भी रिमोट का बटन दबवाते हुए अस्पतालों का उद्घाटन किया। पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रतन टाटा के हाथ से रिमोट का बटन सिर्फ इसलिए नहीं दबवाया क्योंकि वह एक बड़े उद्योगपति हैं, बल्कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके योगदान को देखते हुए ऐसा किया। सिर्फ रतन टाटा ही नहीं, उनके पहले से ही टाटा की तरफ से हेल्थ सेक्टर को मजबूत करने की कोशिशें होती रही हैं। यानी टाटा ग्रुप की तरफ से हमेशा से ही गरीबों के भले की बात सोची जाती रही है। शायद यही कारण है कि टाटा की मदद से ये कुछ अस्पताल देश भर में कैंसर के इलाज में दिन रात लगे हुए है।

कैंसर के इलाज के लिए टाटा ने बनाई है ये मल्टीस्पेशलिटी कैंसर हॉस्पिटल

टाटा मेमोरियल सेंटर (Tata Memorial Center)

मुंबई के परेल में स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर का हेल्थ सेक्टर में एक बड़ा योगदान है। जेआरडी टाटा की कोशिशों के बाद टाटा मेमोरियल सेंटर का सपना साकार हो सका। 1957 में इसे स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने अधीन ले लिया, लेकिन जेआरडी टाटा और होमी भाभा इसके कामकाज पर नजर रखते रहे। यह अस्पताल करीब 80 बेड से शुरू हुआ था और आज इसमें 600 से भी अधिक बेड हैं। पहले यह 15 हजार स्क्वायर मीटर में था, जो अब 70 हजार स्क्वायर मीटर तक पहुंच चुका है। यहां दुनिया भर के कैंसर मरीजों का इलाज किया जाता है।

टाटा मेडिकल सेंटर, कोलकाता

स्वास्थ्य के क्षेत्र में टाटा मेडिकल सेंटर रतन टाटा के योगदान का जीता-जागता सबूत है। यह कोलकाता के बाहर इलाके राजारहाट में स्थिति है। 16 मई 2011 को रतन टाटा ने इसका उद्घाटन किया था। इस सेंटर में खासकर गरीब लोगों के कैंसर का इलाज किया जाता है। हालांकि, यहां बाकी लोगों का भी इलाज होता है और इससे होने वाली कमाई का इस्तेमाल टाटा मेडिकल सेंटर में गरीबों को इलाज मुहैया कराने के लिए किया जाता है। यहां करीब 300 बेड हैं, जिसमें से लगभग आधे बेड गरीब लोगों के इलाज के लिए रिजर्व हैं। टाटा मेडिकल सेंटर का पूरा खर्ज चैरिटी से मिले पैसों से पूरा होता है। इस सेंटर को टाटा मेडिकल सेंटर ट्रस्ट के जरिए मैनेज किया जाता है।

होमी भाभा कैंसर अस्पताल, वाराणसी, उत्तर प्रदेश (Cancer Hospital in Uttar Pradesh, UP)

यह अस्पताल भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) की इकाई के रूप में स्थापित किया गया और इसका मैनेजमेंट टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई द्वारा किया जाता है। इसका उद्देश्य वाराणसी और इसके पड़ोसी क्षेत्रों और भारत के राज्यों के मरीजों के लिए सस्ती लागत पर व्यापक और उच्च गुणवत्ता वाले कैंसर देखभाल करना है। ये अस्पताल मिशन सेवा, शिक्षा और अनुसंधान में उत्कृष्टता के अपने आदर्श वाक्य के माध्यम से एक और सभी को व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करता है। होमी भाभा कैंसर अस्पताल, वाराणसी साल 2018 से अपनी सेवाएं दे रहा है, इस अस्पताल की 179 बेड की कैपेसिटी है।

महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर, वाराणसी

वाराणसी में दूसरे कैंसर अस्पताल का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 फरवरी 2019 को किया। महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर (MPMMCC) की बेड कैपेसिटी 350 है। कैंसर के इलाज के लिए टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल (TMH), मुंबई में लगभग 25% कैंसर रोगी उत्तर प्रदेश के हैं। अनुमान है कि उत्तर प्रदेश में हर साल लगभग 1.5 लाख नए कैंसर के मामले होंगे। इस प्रकार यूपी के वाराणसी में अत्याधुनिक कैंसर केंद्रों की आवश्यकता थी। ये कैंसर केंद्र मध्य प्रदेश, झारखंड और बिहार के आसपास के क्षेत्रों को भी पूरा करेंगे।

होमी भाभा कैंसर अस्पताल, संगरूर, पंजाब (Cancer Hospital in Punjab)

होमी भाभा कैंसर अस्पताल, संगरूर, पंजाब टाटा मेमोरियल सेंटर, मुंबई और पंजाब सरकार का एक संयुक्त उद्यम है। पंजाब का का ये कैंसर अस्पताल जनवरी – 2015 से सिविल अस्पताल परिसर, संगरूर के अंदर पंजाब और आस-पास के राज्यों के मरीजों को सस्ती कीमत पर सभी पहलुओं में देखभाल और कैंसर के इलाज की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। इस अस्पताल को नवंबर – 2018 के दौरान 100 बेडेड सुविधा के लिए अपग्रेड किया गया। अब तक, 15000 से अधिक मरीजों का पंजीकरण एचबीसीएच, संगरूर द्वारा किया गया है। एक साल में 1.5 लाख से अधिक जांच की जाती हैं।

होमी भाभा कैंसर अस्पताल विशाखापट्टनम, आंध्र प्रदेश (Cancer Hospital in Andhra Pradesh)

होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, विशाखापट्टनम, टाटा मेमोरियल सेंटर, भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग की एक इकाई है जो अग्नमपुड़ी, विशाखापट्टनम में लगभग 70 एकड़ के विशाल परिसर में 5 वर्षों से अधिक से चल रही है।

महाराष्ट्र के चंद्रपुर में भी बन रहा है रतन टाटा की मदद से कैंसर अस्पताल

देश के बीचोबीच महाराष्ट्र के चंद्रपुर में भी टाटा कैंसर केयर अस्पताल बन रहा है। ये अस्पताल रतन टाटा की मदद से बन रहा है। ये अस्पताल 100 बेड का होने वाला है जिससे महाराष्ट्र समेत आसपास के जिले के लोगों को भी फायदा होने वाला है।