प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची में एक बेहद अनोखा और प्रगतिशील नाम शामिल किया है: प्रीति किन्नर। उन्हें गोपालगंज जिले की भोरे विधानसभा (सुरक्षित) सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। थर्ड जेंडर समुदाय से आने वाली प्रीति किन्नर को टिकट मिलना बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण और समावेशी कदम माना जा रहा है। जन सुराज इस निर्णय से यह संदेश देना चाहता है कि वह पारंपरिक चेहरों के बजाय आम लोगों और वंचित समुदायों के प्रतिनिधियों को मौका देने के लिए प्रतिबद्ध है।
शिक्षा मंत्री को सीधी चुनौती: भोरे में मुकाबला हुआ त्रिकोणीय और बेहद दिलचस्प
प्रीति किन्नर को टिकट मिलने से भोरे विधानसभा सीट पर चुनावी मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। यह सीट वर्तमान में जेडीयू के सुनील कुमार के पास है, जो बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री भी हैं। जन सुराज ने एक सिटिंग मंत्री के सामने एक किन्नर उम्मीदवार को उतारकर इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला बना दिया है।
2020 का चुनाव: पिछली बार जेडीयू के सुनील कुमार ने सीपीआई (एमएल) के जितेंद्र पासवान को केवल 462 वोटों के बेहद कम अंतर से हराया था, जिससे यह सीट कम वोटों से जीतने वाली सीटों में शामिल थी।
जन सुराज के इस कदम से माना जा रहा है कि उन्होंने मुकाबले को और कड़ा और अनिश्चित बना दिया है।
‘समाजसेविका’ प्रीति किन्नर: 27 गरीब बेटियों की कराई शादी, गरीबों की बनी आवाज
प्रीति किन्नर न केवल एक ट्रांसजेंडर उम्मीदवार हैं, बल्कि पिछले दो दशकों से एक मुखर सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जानी जाती हैं। वह मूल रूप से सीतामढ़ी जिले के खाप गांव की रहने वाली हैं, लेकिन पिछले 22 वर्षों से भोरे प्रखंड के कल्याणपुर में रहकर सामाजिक कार्यों से अपनी खास पहचान बनाई है।
गरीबों की सेवा : वह गरीबों, वंचितों की समस्याओं और महिलाओं व लड़कियों की आवाज को मुखरता से उठाती रही हैं।
मददगार हाथ: उन्होंने अब तक 27 से अधिक आर्थिक रूप से पिछड़ी लड़कियों की शादियां करवाई हैं।
जुड़ाव: वह युवाओं द्वारा आयोजित खेल, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गरीबों की मदद में सक्रिय रहती हैं, जिससे गरीब और पिछड़े तबकों में उनकी गहरी पकड़ है।
व्यक्तिगत जीवन: प्रीति किन्नर ने नन मैट्रिक तक की शिक्षा ग्रहण की है और उनकी जीविका का मुख्य साधन बधाई गाना और पशुपालन है। वह काफी समय से जन सुराज से जुड़ी रही हैं।
राजनीतिक समीकरणों पर असर: क्या भोरे की जनता इस ‘बदलाव’ को स्वीकार करेगी?
भोरे एक अनुसूचित जाति (SC) सुरक्षित सीट है। इस सीट पर प्रीति किन्नर की उम्मीदवारी से उनके समर्थकों में भारी उत्साह है, खासकर समाज के वंचित और उपेक्षित वर्ग में। उनके समर्थक मानते हैं कि प्रीति किन्नर उनके मुद्दों को मजबूती से सदन तक पहुंचा सकती हैं। हाल ही में उन पर जाति छिपाने का आरोप लगा था, जिसे उन्होंने खारिज करते हुए कहा कि वह समाज की सेवा और जनता की आवाज बनने के लिए राजनीति में आई हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भोरे की जनता इस अनोखे और साहसिक राजनीतिक प्रयोग को किस रूप में लेती है और क्या यह बदलाव की शुरुआत साबित होता है।
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