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June 3, 2025

BMC चुनाव में सड़क घोटाला और पानी का मुद्दा हो सकता है पार्टियों का बड़ा हथियार 

BMC Election Poll: बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) भारत की सबसे बड़ी और सबसे अमीर नगरपालिका है। मुंबई जैसे महानगर में जहां हर वर्ग अमीर, मध्यमवर्ग और गरीब अपनी जगह बनाए रखने की कोशिश करता है, वहां नगरपालिकाएं केवल कचरा उठाने या सड़क बनाने तक सीमित नहीं रहतीं। आम जनता के लिए BMC चुनाव का मतलब है उनकी रोज़मर्रा की जिंदगी से जुड़े बड़े मुद्दों का हल। आइए जानते हैं कि इस बार BMC चुनाव में जनता किन प्रमुख समस्याओं और मुद्दों को लेकर वोट करेगी!
मुंबईकरों की नज़र BMC Election पर
BMC Election Poll: मुंबई में आगामी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनावों के मद्देनज़र कई मुद्दे चर्चा में हैं, जो मतदाताओं और राजनीतिक दलों के लिए प्रमुख विषय बन सकते हैं।
बुनियादी ढांचे की समस्याएं और भ्रष्टाचार के आरोप
BMC Election Poll: आगामी BMC चुनावों में सबसे बड़ा मुद्दा, जो शिवसेना (UBT) उठा सकती है, वो है मुंबई का सड़क घोटाला! शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने ₹6,000 करोड़ के सड़क अनुबंध में अनियमितताओं का आरोप लगाया है और जांच की मांग की है। वित्तीय वर्ष 2023–24 के लिए बीएमसी ने शहर में सड़कों का कंक्रीटाइजेशन और मरम्मत के लिए कुल मिलाकर लगभग ₹6,000 करोड़ के टेंडर निकाले। बावजूद इसके, अधिकांश कार्य अधूरा रहा और जमीन पर प्रगति नगण्य नजर आई। कई इलाकों में सड़कों पर गड्ढों की भरपाई तक नहीं हुई। शिवसेना (UBT) के विधायक आदित्य ठाकरे ने इस मामले परराजनीतिक प्रतिक्रिया और जांच की मांग की।आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) से इस घोटाले की CBI स्तरीय जांच कराने की मांग की।  उन्होंने आरोप लगाया कि BMC द्वारा दावा किए गए 26 प्रतिशत कार्य भी पूरी तरह से सत्य नहीं है और इस मामले में ठेकेदारों तथा अधिकारीयों की मिलीभगत सामने आई है।
इस मामले की आरंभिक जांच के फलस्वरूप घोटाला उजागर होने के बाद BMC ने कुल बजट में से लगभग ₹900 करोड़ की कटौती कर पहले टेंडर को री-वैल्यूएट किया। अब प्रथम चरण का काम अभी भी अधूरा है, जबकि दूसरा चरण फिर से ठेकेदारों को जारी किए जा रहे हैं।

BMC Election में छाया रहेगा जल का ज़ोर

BMC Election Poll- मुंबई पानी-पानी है, बारिश ने मुंबई की रफ्तार थाम ली है। सड़कों पर पानी भरा है, गाड़ियां जलभराव की वजह से यहां-वहां फंस गई हैं। देश के सबसे बड़े कारोबारी शहर को बारिश के पानी ने ठप कर दिया है। मुंबई की बदकिस्मती देखिए कि हर साल यहां गर्मी के मौसम में पानी की किल्लत होती है और बारिश आते ही मुंबई जलमग्न हो जाती है। गर्मियों में पीने का पानी नहीं मिलता और बारिश में गंदे पानी को बाहर निकालने का रास्ता नहीं मिलता।
मुंबई में जल आपूर्ति की समस्याएं, जैसे कम दबाव और प्रदूषण, भी चर्चा में हैं। मुंबई में जल आपूर्ति संकट कई कारकों के कारण उभार पर है।

जल भंडारों की स्थिति और पेट्रोलिंग शेड्यूल

BMC Election Poll- मुंबई को जल आपूर्ति करने वाले प्रमुख जलाशयों (भाटा, अपर वैतर्णा इत्यादि) में इस समय संयुक्त रूप से केवल 22.66 प्रतिशत पानी बचा है। BMC के अनुसार, मौजूदा स्टॉक से शहर को 31 जुलाई 2025 तक लगातार पानी मुहैया कराया जा सकता है, बशर्ते मानसून तक कोई अप्रत्याशित गिरावट न हो। लेकिन यदि वर्षा पूर्वानुमेयता अनुकूल नहीं रही, तो BMC को कटौतियों पर विचार करना पड़ सकता है ।

वितरण प्रणाली की अक्षमताऐं और असमानता

मुंबई में औसतन एक वार्ड को प्रतिदिन सिर्फ 5.37 घंटे पानी मिलता है, जबकि स्लम इलाक़ों में यह और भी कम रह जाता है (लगभग 45 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन), जबकि गैर-स्लम क्षेत्रों में यह 135 LPCD तक हो सकता है। पाइपलाइन नेटवर्क में 30–40 प्रतिशत तक पानी लीकेज और अवैध कनेक्शनों के कारण खो जाता है, जिससे वास्तविक आपूर्ति और भी घट जाती है।

निजी टैंकरों पर निर्भरता और हड़तालें

एप्रिल 2025 में मुंबई वाटर टैंकर एसोसिएशन ने BMC द्वारा जारी नए कड़े नियमों (नलकूपों के लिए NOC, डिजिटल मीटर इत्यादि) के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल की, जिससे लगभग 1,800 टैंकरवाहनों का संचालन ठप हो गया और आपूर्ति प्रभावित हुई। संकट बढ़ने पर BMC ने Disaster Management Act के तहत निजी टैंकरों को अपने नियंत्रण में लेकर सप्लाई सुनिश्चित की ।

इन्फ्रास्ट्रक्चर में कायापलट के प्रयास

पानी की लगातार बढ़ती मांग को देखते हुए, गारगई बांध (पालघर) का निर्माण प्रस्तावित है, जिससे प्रतिदिन अतिरिक्त 440 MLD पानी मिलेगा। हालांकि पर्यावरणविदों ने इस परियोजना के पर्यावरणीय प्रभाव पर चिंता जताई है। समुंद्री जल शोधन संयंत्र (मनोरी) की बार-बार टेंडरिंग कर के इसे जल्द चालू करने की कोशिशें चल रही हैं, मगर अब तक ठोस प्रगति नहीं दिखी।

जलभराव और मानसून की तैयारियां

Nariman Point में एक घंटे में 252 मिमी से अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई, जबकि Byculla में 213 मिमी तक पानी गिरा, जिससे नालियां और ड्रेनेज सिस्टम ओवरफ्लो हो गए। BMC द्वारा नालियों की डी–डिसिल्टिंग (रद्दा साफ़ी) और डिउटरिंग पंप इंस्टॉलेशन का काम अधूरा रहा, जिससे कई स्थानों पर पानी रुका रहा। ब्रिटिश काल में बनी ड्रेनेज लाइनों का ढांचे अब भारी बारिश बर्दाश्त नहीं कर पाते। BRIMSTOWAD परियोजना लेट होने के कारण कई फसले अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हो सके हैं। भारी बारिश के साथ ही ऊंचा ज्वार आने से पानी शहर की नालियों से बाहर नहीं निकल पाता। सोमवार की बारिश में 10:30 बजे हाई टाइड ने ड्रेनेज बाधित किया। नालियों में जमा कचरा और अतिक्रमण से पानी का निकलना बंद हो जाता है, जिससे जलभराव गहराता है। जलभराव के प्रमुख प्रभावित क्षेत्र किंग्स सर्कल व हिंदमाता पुराने फ्लड स्पॉट हैं जहां हर मानसून में ट्रैफिक जाम होता है।  दादर टीटी फ्लायओवर, नरीमन प्वाइंट, बायकुल्ला, मस्जिद रोड आदि इलाके 100–200 मिमी बारिश के बाद जलभराव से जूझे। सायन, वर्ली, अचर्या अत्रे चौक इलाके में हालिया बारिश में गहरे जलभराव से परिवहन बाधित हुआ। हाल ही में हुई भारी बारिश के बाद, BMC ने 80 नए जलभराव स्थलों की पहचान की है, जिनमें मेट्रो सिनेमा, क्रॉफर्ड मार्केट, चर्चगेट स्टेशन आदि शामिल हैं।
इन मुद्दों के अलावा, बिजली आपूर्ति में व्यवधान, सड़क खुदाई की नीतियां, और मानसून से पहले की तैयारियां भी चुनावी चर्चा में रह सकती हैं।

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