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November 26, 2025

Sonpur Mela 2025: बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री एक ही जगह चारों धामों के दर्शन

The CSR Journal Magazine
सोनपुर मेला, जिसे हरिहर क्षेत्र मेला भी कहा जाता है, सोनपुर मेला कार्तिक पूर्णिमा से शुरू होकर लगभग एक महीने तक चलता है। यानी 9 नवंबर 2025 से शुरू होकर यह लगभग 9 दिसंबर 2025 तक चलेगा।इस साल फिर अपनी विशेष पहचान के साथ दर्शकों को आकर्षित कर रहा है। इस ऐतिहासिक और सांस्कृतिक मेले में पिछले सात दिनों में चार लाख से अधिक लोग शामिल हुए हैं। दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु पहले बाबा हरिहरनाथ के मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं और इसके बाद मेले की रौनक का आनंद उठाते हैं।
सारण जिले के सोनपुर मेला का नाम सुनते ही लोगों के मन में उत्साह और आनंद की भावना जागृत हो जाती है। सीतामढ़ी से आए प्रमोद सिंह बताते हैं कि यह मेला केवल मनोरंजन का स्थल नहीं, बल्कि धार्मिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। वे हर साल अपने परिवार के साथ मेले में आते हैं और बताते हैं कि यहां आने का अनुभव हमेशा रोमांचक और शिक्षाप्रद रहता है।

चारों धामों की झांकी ने बढ़ाई श्रद्धालुओं की उत्सुकता

इस बार मेले में खास आकर्षण रहा “चार धाम यात्रा” का दृश्य। मेले परिसर में बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री चारों धामों की प्रतिकृतियां स्थापित की गई हैं। हर धाम को अलग-अलग थीम, सजावट और धार्मिक माहौल के साथ प्रस्तुत किया गया है, जिससे श्रद्धालु वास्तव में उत्तराखंड के पवित्र पर्वतीय धामों की अनुभूति कर सकें। इसके चलते मेले में हर उम्र के लोग बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ शामिल हुए।
सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि मेले का सांस्कृतिक और सामाजिक महत्व भी आकर्षित कर रहा है। लोग पहले मंदिरों में दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और उसके बाद लोक सेवा आश्रम स्थित सूर्य मंदिर एवं शनि देव मंदिर में भी जाकर पूजा-अर्चना करते हैं।

महिलाओं और परिवारों के लिए मेले का खास आकर्षण

मेले में महिलाओं की उपस्थिति विशेष रूप से बढ़ी है। शृंगार और गिफ्ट सामग्री की दुकानों पर सुबह से ही भारी भीड़ नजर आती है। इस बार 50 से अधिक शृंगार सामग्री की दुकानें लगी हैं, जहां महिलाएं आगामी लगन और त्योहार के मद्देनज़र खरीदारी कर रही हैं। ग्रामीण इलाकों से आई महिलाएं भी इस मेले को अपने पारिवारिक कार्यक्रमों और जरूरतों के लिए उपयोगी मानती हैं।
साथ ही, मेले में कृषि और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियों के लिए अलग-अलग स्टॉल लगाए गए हैं। सारण के दरियापुर के किसान राम वचन सिंह ने कृषि विभाग के स्टॉल पर उन्नत खेती तकनीक की जानकारी ली और बताया कि सोनपुर मेला नई तकनीकों और योजनाओं की जानकारी हासिल करने का महत्वपूर्ण मंच है।

मनोरंजन और खरीदारी का अद्भुत संगम

सोनपुर मेला सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि मनोरंजन और खरीदारी के लिहाज से भी अनोखा है। मेले में थिएटर, झूले, जादू शो और अन्य आकर्षक मनोरंजन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। नखास रोड और चिड़िया बाजार में दर्शकों की भारी भीड़ लगातार बनी रहती है।

सुरक्षा और व्यवस्थाओं की चुनौती

इतनी भारी भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था में विशेष ध्यान देना पड़ा। हालांकि, इसके बावजूद हर चेहरे पर उत्साह और खुशी देखने को मिलती है। मेले में साफ-सफाई और बिजली की व्यवस्था अभी कुछ लचर नजर आ रही है, जिससे शाम और रात के समय मेले में आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सोनपुर मेला: परंपरा, संस्कृति और जानकारी का संगम

सोनपुर मेला केवल मनोरंजन का केंद्र नहीं, बल्कि हमारी सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक एकजुटता का प्रतीक है। चारों धामों की झांकियों, धार्मिक आयोजनों, खरीदारी और मनोरंजन कार्यक्रमों के माध्यम से यह मेला श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक अद्भुत अनुभव बनता है।
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