पीरपैंती: बिहार का नया ऊर्जा केंद्र
भागलपुर जिले के पीरपैंती में अडानी पावर लिमिटेड अपनी आठवीं बिजली परियोजना शुरू करने जा रहा है। 2400 मेगावाट की यह अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर परियोजना न केवल बिहार, बल्कि देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इस विशाल प्रोजेक्ट के लिए 374 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाएगा, जिसमें प्लांट एरिया, जलाशय, कोल स्टॉक यार्ड और टाउनशिप शामिल हैं। पर्यावरण मंत्रालय ने इसके निर्माण की हरी झंडी देने के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है।
जानिए क्या है अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक?
यह परियोजना सामान्य थर्मल पावर प्लांट से अलग है। अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक में भाप का तापमान और दबाव बहुत अधिक होता है, जिससे बिजली उत्पादन की दक्षता बढ़ जाती है। इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि कम कोयले का उपयोग होता है, जिससे लागत कम आती है और प्रदूषण भी अपेक्षाकृत कम होता है। इसके अलावा, प्लांट में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम और इलेक्ट्रोस्टेटिक प्रेसिपिटेटर जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल होगा, जो पर्यावरण को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।
आर्थिक विकास का इंजन बनेगी यह परियोजना
यह प्रोजेक्ट सिर्फ बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास के लिए एक बड़ा अवसर है। इसमें हजारों करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे निवेश-हितैषी माहौल बनेगा। निर्माण और संचालन के दौरान रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे स्थानीय लोगों को फायदा मिलेगा। साथ ही, परिवहन, होटल, निर्माण उपकरण और छोटे ठेकेदारों जैसे सहायक व्यवसायों को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी।
सरकार को भी होगा दोहरा लाभ
इस परियोजना से सिर्फ कंपनी और स्थानीय लोगों को ही नहीं, बल्कि सरकार को भी कई तरह से फायदा होगा। बिजली शुल्क, पर्यावरण विकास सेस, और कोयले व उपकरणों पर लगने वाले टैक्स से सरकारी खजाने में बढ़ोतरी होगी। यह राजस्व सरकार को विकास कार्यों के लिए और अधिक संसाधन उपलब्ध कराएगा। इस तरह, यह परियोजना कई मायनों में एक विजेता-विजेता (win-win) स्थिति है।