शहीद आर्मी जवान अंकित कुमार का पार्थिव शरीर गुरुवार को दानापुर सैन्य कैंप पहुंचा। जहां से अंतिम संस्कार के लिए सड़क मार्ग से नवगछिया प्रक्षेत्र में पैतृक आवास लाया गया। अंकित के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करने नवगछिया में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
आपको बता दें की रंगरा प्रखंड के चापर गांव निवासी सेना के जवान बलिदानी अंकित यादव का पार्थिव शरीर हवाई मार्ग से जम्मू-कश्मीर से पटना लाया गया। यहां गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम सलामी दी गई। पटना एयरपोर्ट पर ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे सहित कई नेताओं और वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
15 अगस्त को पार्थिव शरीर नवगछिया पहुंचा। वहां से सेना के वाहन द्वारा चापर गांव लाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गांव में बलिदानी के घर पर परिजनों और ग्रामीणों की भीड़ लगी रही।
पत्नी से कहा था छठ में बेटों का मुंडन करवाऊंगा
नवगछिया के रंगरा प्रखंड के चापर गांव के वीर सपूत, शहीद अंकित यादव की शहादत ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है। वीरगति प्राप्त करने से महज 5 घंटे पूर्व उन्होंने पत्नी रूबी देवी से फोन पर बात करते हुए कहा था – “इस बार आऊंगा तो छठ पूजा में दोनों बेटों का मुंडन करवाऊंगा।”
वहीं इस घटना के बाद पत्नी रूबी देवी बार-बार बेहोश हो रही थी। होश में आने पर उनका यही सवाल गूंजता है – “अब किसके भरोसे बच्चों का मुंडन करवाऊंगा, कौन देखेगा यह मुंडन?” यह कहते ही उनका गला रुंध जाता है और आसपास खड़े लोगों की आंखें भी नम हो जाती।
गांव में मातम का माहौल है। हर कोई इस बात से टूट सा गया है कि जवान अंकित अब कभी छठ पूजा के लिए घर नहीं लौटेंगे।
गांव में भरा बाढ़ का पानी
शहीद के गांव में बाढ़ का पानी भरा है। यहां तक कि घर में भी पानी घुसा हुआ है। इस वजह से गांव के बाहर टेंट लगाया गया। जहां पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। अंकित सेना में हवलदार के पद पर तैनात थे और बारामुला जिले के उरी सेक्टर में टिका पोस्ट में उनकी पोस्टिंग थी।
बाढ़ के बीच होगा अंतिम संस्कार
गांव में बाढ़ का पानी भरा हुआ है। लेकिन सम्मान के साथ पार्थिव शरीर का स्वागत किया गया। घर में केवल वृद्ध माता-पिता होने के कारण उन्हें बेटे की शहादत की खबर नहीं दी गई है। ताकि सदमे में उनकी तबीयत ना बिगड़े।’
ग्रामीणों के अनुसार, अंकित न केवल एक बहादुर सैनिक थे बल्कि एक सरल और मिलनसार व्यक्ति भी थे। उनकी शहादत पर न सिर्फ गांव बल्कि पूरे नवगछिया और भागलपुर जिले को गौरव है।
वर्तमान में पूरा क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है। एक तरफ लोग अपने वीर सपूत की अंतिम विदाई की तैयारी में है, दूसरी ओर बाढ़ से निपटने में जुटे हैं।
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