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December 29, 2025

Bihar का असली जायका: लिट्टी-चोखा ही नहीं, ये 9 शाकाहारी डिशेज भी हैं लाजवाब

The CSR Journal Magazine
बिहार सिर्फ लिट्टी-चोखा के लिए ही नहीं, बल्कि अपने अनोखे और स्वादिष्ट शाकाहारी व्यंजनों के लिए भी मशहूर है। यहां की रसोई में सादगी और स्वाद का ऐसा मेल है कि एक बार चखने वाला बार-बार इसे खाने को तरसता है। अगर आप बिहार की सांस्कृतिक और स्वादिष्ट दुनिया में खोना चाहते हैं, तो ये 9 शाकाहारी डिशेज आपकी थाली में जरूर होनी चाहिए।

दाल पीठा: मोमोज का देसी ट्विस्ट

दाल पीठा चावल के आटे से बनती है और इसमें मसालेदार चने की दाल भरी जाती है। इसे भाप में पकाया जाता है, जिससे यह हल्की और पौष्टिक बनती है। चाय या हरी चटनी के साथ इसका स्वाद लाजवाब हो जाता है। मोमोज खाने वालों के लिए यह बिहार का खास तोहफा है, जो देसी स्वाद के साथ सेहत भी देता है।

ठेकुआ: मिठास में छुपी यादें

गुड़, आटा और सूखे मेवों से बना ठेकुआ सिर्फ मिठाई नहीं, बल्कि बिहार की पहचान है। यह लंबे समय तक खराब नहीं होता और गांव की मिट्टी और खुशबू की याद दिलाता है। त्योहारों और खास मौकों पर ठेकुआ बच्चों और बड़ों की पहली पसंद होता है।

घुघनी: नाश्ते की शान
काले चनों को मसालों के साथ भूनकर बनाई जाने वाली घुघनी बिहार के हर घर में नाश्ते का जरूरी हिस्सा है। इसे चूड़ा या चाय के साथ परोसा जाता है। इसका तीखा और चटपटा स्वाद खाने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता है।

कढ़ी-बड़ी: त्योहारों की शान

शादी-ब्याह या कोई त्योहार हो, कढ़ी-बड़ी का होना तय है। बेसन की नरम बड़ी को गाढ़ी दही वाली कढ़ी में डुबोकर खाने पर यह मुंह में घुल जाती है। गरमा-गरम चावल के साथ इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।

ओल की सब्जी: नॉन-वेज को मात

ओल, जिसे जिमीकंद या सूरन भी कहा जाता है, बिहार में खास मसालों और खटाई के साथ बनाई जाती है। इसका स्वाद इतना लाजवाब है कि नॉन-वेज खाने वाले भी इसे पसंद कर लेते हैं। ओल का बर्रा (अचार) भी यहां बेहद लोकप्रिय हैI

मालपुआ: होली का मिठा अहसास

होली पर मालपुआ का स्वाद सभी का दिल जीत लेता है। मैदा, दूध, केले और चीनी के घोल को घी में तला जाता है और फिर चाशनी में डुबोया जाता है। इसका मीठा और रसदार स्वाद त्योहार की खुशी को दोगुना कर देता है।

सत्तू का शरबत और पराठा: सेहत और स्वाद का संगम

सत्तू बिहार की खासियत है। गर्मियों में सत्तू का नमकीन शरबत शरीर को ठंडा रखता है, जबकि सर्दियों में सत्तू पराठा और बैंगन का भर्ता पेट और मन दोनों को भर देता है। यह स्वाद और सेहत दोनों का बेहतरीन संगम है।

परवल की मिठाई: अनोखी और रसीली

परवल के छिलके उतारकर इसे चाशनी में पकाया जाता है और खोवा व ड्राई फ्रूट्स से भरा जाता है। यह दिखने में जितनी सुंदर है, खाने में उतनी ही लाजवाब और रसीली होती है।

तरुआ या बजका: कुरकुरापन की मस्ती

आलू, बैंगन, लौकी या कद्दू के फूलों को बेसन के घोल में लपेटकर तला जाता है। इसे दाल-चावल के साथ खाने पर यह परफेक्ट साइड डिश साबित होती है। कुरकुरे स्वाद के प्रेमियों के लिए यह थाली का स्टार व्यंजन है।

बिहार की ये 9 शाकाहारी डिशेज दिखने में सरल, लेकिन स्वाद में बेहद लाजवाब हैं। अगली बार जब आप बिहार जाएं या यहां का खाना ट्राय करें, तो लिट्टी-चोखा के अलावा इन व्यंजनों को जरूर आज़माएं।
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