Rahuldeo Sharma
डूबती मुंबई, बेबस बीएमसी।
मुंबई के निचले इलाकों में पानी की लहरें इस तरह से उफान पर थी कि मानो समंदर की लहरें मुंबई की सड़कों को डुबो रही है लेकिन अफसोस मुंबई की सड़कों पर यह सैलाब समंदर के पानी का नहीं बल्कि आसमानी बारिश का है, मुंबई में चिलचिलाती धूप से लोगों को राहत तो मिली...
हड़ताल पर हैं अन्नदाता।
धरती का सीना फाड़, अपनी मेहनत से, अपने पसीने से, किसान मिट्टी को सींच कर लहलहाती फसल उगाता है। उसी मिट्टी से किसान सोना उगाता है लेकिन किसान को मिलता क्या है? किसान कहने को तो देश का अन्नदाता है पर आज के दौर में किसान जनता का पेट तो भरता है लेकिन खुद...
तेल का खेल।
देश में शायद ही कोई शख्स होगा जिसका सीधे सरोकार डीजल पेट्रोल से नहीं होगा, दिन की शुरवात से रात के बिस्तर पर जाने तक हम प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से पेट्रोलियम पदार्थों का इस्तेमाल करते है, जीवन का अभिंग अंग बन चुके डीजल पेट्रोल बीते 15 दिनों से ऐसी आग पकड़ी है जिसकी तपिश...
कर्नाटक की राजनीति – 55 घंटों के सीएम।
शायद ये पहली बार हुआ है कि राष्ट्रीय राजनीति में दक्षिण की कमान को लेकर ना सिर्फ आन बान और शान की लड़ाई हुई बल्कि इस चुनाव में सत्ता हथियाने के लिए शाम दाम दंड भेद सब अपनाया गया। आखिरकार कर्नाटक का नाटक खत्म हुआ लेकिन जो कर्नाटक की राजनीति में हुआ वो इतिहास...
कितना एक्जैक्ट है कर्णाटक चुनाव का एग्जिट पोल।
कर्णाटक का शोरगुल खत्म हो गया, ख़त्म हो गयी राजनितिक छींटाकशी, खत्म हुआ प्रचार, ख़त्म हो गया आरोप प्रत्यारोप, बस राजनेताओं की धड़कनें बढ़ी हुई है कि आखिरकार कर्णाटक की जनता किसे अपना सरताज बनाएगी और किसके सिर का ताज छिनेगा। महज कुछ घंटों के बाद धुंधली तस्वीर आईने की तरह साफ़ हो जाएगी। चुनाव...
जिंदा है जिन्ना का जिन्न।
भारत पाकिस्तान के बंटवारे का जिम्मेदार और पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर का नया मुद्दा सामने आया है, इस मुद्दे ने एक बार फिर से देश मे हिंदू मुस्लिम की राजनीति इतनी गर्म कर दी है कि राजनीतिक पार्टियों को बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया, और इस मुद्दे से हिंदू...
सलमान सिर्फ हीरो नहीं बल्कि एक सोशली रिस्पांसिबल सिटीजन भी है।
इस बात से बिलकुल इंकार नहीं किया जा सकता कि सलमान खान अपने करियर के शुरवाती दौर में सुपरस्टार तो बन गए लेकिन वो ये स्टारडम पचा नहीं पाए, सलमान का मतलब ही कॉन्ट्रोवर्सी हो गया था।काले हिरण का शिकार हो या फिर हिट एंड रन मामला, हीरोइनों के साथ मारपीट या फिर फ़िल्म...
फसल के लिए पसीना और हक़ के लिए बहाया खून
पैरों में छाले थे, हाथों में लाल झंडा था, टोपी भी लाल, लाल सलाम करते हुए किसान पग पग आगे बढ़ रहे थे, हौसले बुलंद थे और मांगें तमाम थी, सरकार पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा था कि सरकार क्या इनके सामने झुकेगी और क्या इनकी तमाम मांगें मान ली जाएँगी, क्योंकि इसके...