वेदांता लिमिटेड का सीएसआर पहलों को इम्प्लीमेंट करने वाली फाउंडेशन अनिल अग्रवाल फाउंडेशन (AAF) ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में एजुकेशन, हेल्थ, वीमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट, पशु कल्याण और पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अनिल अग्रवाल फाउंडेशन ने इस साल कुल ₹437 करोड़ का सीएसआर निवेश किया और 1.73 करोड़ लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से बदलने में सफलता हासिल की। Anil Agrawal Foundation ने अपने 153 प्रोजेक्ट्स के जरिये 1,200 से अधिक गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, कौशल व आजीविका, पशु कल्याण और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों पर काम किया है।
प्रोजेक्ट नन्द घर है अनिल अग्रवाल फाउंडेशन का फ्लैगशिप प्रोग्राम
अपने फ्लैगशिप प्रोग्राम प्रोजेक्ट नन्द घर के माध्यम से Vedanta Limited ने बाल पोषण और प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की। पोषण 2.0 मिशन और International Millets Year को मानते हुए, फाउंडेशन ने वाराणसी के 1,400 आंगनवाड़ी केंद्रों में 72 लाख मल्टी-मिलेट न्यूट्री-बार वितरित किए। इससे 50,000 बच्चों को लाभ मिला और वाराणसी में गंभीर तीव्र कुपोषण (SAM) में 15% और मध्यम तीव्र कुपोषण (MAM) में 12% की कमी आई। Anil Agrawal Foundation ने 14 राज्यों में 6,044 नंद घर स्थापित किए, जहां 2,38,161 बच्चों और 1,78,620 महिलाओं को शिक्षा, पोषण, स्वास्थ्य देखभाल और कौशल प्रशिक्षण जैसी सेवाएं प्रदान की गईं। ये आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों और महिलाओं के विकास के लिए समावेशी वातावरण तैयार कर रहे हैं।
अनिल अग्रवाल फाउंडेशन पशु कल्याण के लिए भी करता है काम
पशु कल्याण के क्षेत्र में AAF के “द एनिमल केयर ऑर्गनाइजेशन” (टाको) ने 1.48 लाख से अधिक पशुओं की देखभाल की और 2023 में दिल्ली में आई बाढ़ के दौरान 5,000 पशुओं को आपातकालीन चिकित्सा सहायता दी। इसके अलावा, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान और रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में टाको की पशु कल्याण परियोजनाओं ने वन्यजीव संरक्षण में योगदान दिया।
प्रोजेक्ट जीवन तरंग से अक्षम बन रहे है सक्षम, खेल को भी मिल रहा है बढ़ावा
जीवन तरंग परियोजना के तहत स्पेशल लोगों को साइन लैंग्वेज, अंग्रेजी, पर्सनालिटी डेवलपमेंट और कंप्यूटर में प्रशिक्षण दिया जाता है। यह दिव्यांगजन लोगों के लिए की गई समावेशिता और कौशल विकास पहलों का प्रमाण है। प्रोजेक्ट जीवन तरंग वेदांता की सहायक कंपनी, हिंदुस्तान जिंक की एक पहल है, जो दिव्यांगजनों (पीडब्ल्यूडी), विशेष रूप से सुनने और दृष्टिबाधित छात्रों को सशक्त बनाने पर केंद्रित है। वेदांता के स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कार्यक्रम के एथलीट्स ने 13वीं ऑल इंडिया कराटे चैंपियनशिप में 11 राष्ट्रीय पदक जीते। आफ की विभिन्न खेल पहलों, जैसे वेदांता वुमन्स लीग और फुटबॉल, स्क्वैश, और तीरंदाजी की ज़मीनी स्तर की अकादमियों ने देश भर के युवाओं को सशक्त किया है।
बाल्को मेडिकल सेंटर से हो रहा है जरूरतमंदों का इलाज
स्वास्थ्य के क्षेत्र में नया रायपुर स्थित बाल्को मेडिकल सेंटर में जरूरतमंदों का इलाज संभव हो रहा है। ये एक कैंसर सेंटर है जिससे कैंसर का इलाज अब मध्य भारत में संभव हो पा रहा है। भारत में 32 स्वास्थ्य पहलों के माध्यम से 17 लाख से ज्यादा लोगों को लाभ हुआ, जिनमें मोबाइल हेल्थ वैन, जागरूकता अभियान और अस्पताल शामिल हैं। शिक्षा के क्षेत्र में, 31 पहलों ने 1.33 करोड़ बच्चों और लोगों तक पहुंच बनाई। इन पहलों में फैकोर साथी शिक्षा अमृत परियोजना और प्रोजेक्ट प्रेरणा ने अहम भूमिका निभाई।
इंफ़्रा के विकास में भी है AAF
इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में, आफ ने सामुदायिक विकास परियोजनाओं में निवेश किया, जिससे सोलर-पावर्ड स्ट्रीट लाइट्स, सार्वजनिक स्वच्छता सुविधाओं और सामुदायिक केंद्रों के नवीनीकरण से 5 लाख से ज्यादा लोगों की जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। ग्राम निर्माण जैसी पहलों के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों की जीवनशैली में सुधार किया गया। साफ पानी और स्वच्छता पर केंद्रित पहलों से 6.9 लाख लोगों को लाभ मिला। वेदांता लिमिटेड खनिज, ऊर्जा और तकनीक के क्षेत्र में दुनिया की अग्रणी कंपनियों में से एक है। यह अपने 19 सहायक सब्सिडरी के माध्यम से भारत के कई राज्यों में कार्यरत है। कंपनी ने अगले 5 वर्षों में अपने सीएसआर पहलों को और बेहतर करने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का संकल्प लिया है, ताकि एक सतत और समावेशी भविष्य का निर्माण किया जा सके।