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November 18, 2025

जिंदगी-मौत की जंग जीतकर सिर्फ 283 ग्राम का ये नन्हा बच्चा बना Guinness World Record Holder

The CSR Journal Magazine
दुनिया में हर दिन लाखों बच्चों का जन्म होता है, लेकिन कुछ पल ऐसे बन जाते हैं जिन्हें पूरी मानवता हमेशा याद रखती है। अमेरिका के आइओवा सिटी में जन्मे नन्हे नैश की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, एक ऐसी कहानी जिसने ‘असंभव’ को ‘संभव’ बनाकर गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में इतिहास रच दिया। सिर्फ 283 ग्राम वजन के साथ, सामान्य कपकेक से भी हल्का यह बच्चा 21 हफ्ते की गर्भावस्था में दुनिया में आया और जीवित रहने वाले दुनिया के सबसे प्रीमैच्योर बच्चे का खिताब अपने नाम कर गया।

21 हफ्ते में जन्म जहां उम्मीद भी लगभग खत्म हो चुकी थी

5 जुलाई 2024 को जब मोल्ली और रैंडल ने अपने नन्हे बेटे को देखा, डॉक्टरों के चेहरे पर हैरानी साफ झलक रही थी। 40 हफ्तों की सामान्य गर्भावधि के मुकाबले नैश ने सिर्फ 21 हफ्तों में दुनिया में कदम रखा था। डॉक्टरों ने माता-पिता को स्पष्ट चेतावनी दी “जीवित रहने की संभावना लगभग न के बराबर है।”
पहले ही एक गर्भपात का दर्द झेल चुके इस दंपति के लिए यह पल बेहद कठिन था। लेकिन मोल्ली ने उम्मीद का दामन नहीं छोड़ा। लेबर रोककर मेडिकल टीम ने 21वें हफ्ते में सुरक्षित डिलीवरी कराने का कठिन निर्णय लिया और यहीं से शुरू हुआ नैश का चमत्कारिक सफर।

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम NICU में 6 महीने की जंग

सिर्फ 283 ग्राम वजन और बेहद छोटे शरीर के साथ जन्मे इस बच्चे को देखकर डॉक्टर भी अचंभित रह गए। दुनिया में इतने कम समय में जन्म लेने वाले बच्चों का जीवित रह पाना लगभग नामुमकिन माना जाता है, लेकिन नैश ने सभी धारणाओं को बदल दिया। गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उसे “सबसे प्रीमैच्योर बेबी टू सर्वाइव” के रूप में मान्यता दी।
डिलीवरी के बाद नैश को तुरंत NICU में रखा गया। अगला आधा साल पूरी तरह मशीनों, मॉनिटर्स और डॉक्टरों की सतत देखरेख में बीता। हर सांस उसके लिए चुनौती थी, लेकिन हर दिन वह छोटे-छोटे कदमों से जिंदगी की ओर आगे बढ़ता गया। मोल्ली और रैंडल रोज घंटों उसके पास बैठते, उसकी छोटी उंगलियों को थामकर हौसला देते। मेडिकल टीम ने भी पूरे समर्पण के साथ इलाज किया और आखिरकार यह प्रयास रंग लाया।

जनवरी 2025 जब ‘घर’ की दहलीज पर पहुंचा

6 महीने की जंग जीतने के बाद नैश जनवरी 2025 में पहली बार अपने घर पहुंचा। इसके बावजूद उसका इलाज अभी भी जारी है,उसे ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत होती हैI फीडिंग ट्यूब से पोषण दिया जाता हैI दिल में मौजूद छोटा सा दोष वक्त के साथ ठीक होने की उम्मीद हैI वह अभी चलता या रेंगता नहीं, लेकिन करवट लेता है, खुद को उठाकर खड़ा करने की कोशिश करता है और हर मुस्कान के साथ दुनिया को उम्मीद का संदेश देता है।
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