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November 24, 2025

सीकर में Air Pollution का कहर – 22 लोग अस्पताल में भर्ती, बच्चों की सेहत पर सबसे बड़ा असर

The CSR Journal Magazine
राजस्थान के Sikar City में पिछले कुछ दिनों से वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है। अचानक बढ़े Air Pollution Level ने शहर के लोगों को परेशान कर दिया है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर इसका गंभीर प्रभाव देखने को मिल रहा है। जहरीली हवा, धुएं और लगातार बढ़ती चोरी–छिपे फैक्ट्री गतिविधियों के चलते 22 लोगों को Hospital में भर्ती कराना पड़ा, जिनमें 15 बच्चे शामिल हैं। इस स्थिति ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर ला दिया है।

हवा में ज़हर – मरीजों में जलन, सांस की तकलीफ, चक्कर जैसी शिकायतें

सीकर में वायु प्रदूषण के अचानक बढ़ जाने के बाद शहर के कई इलाकों में लोगों ने गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की शिकायत की। अस्पताल प्रबंधन के अनुसार—शिकायतों में खासकर
सांस लेने में कठिनाई
आंखों में जलन
गले में जलन
सिरदर्द
चक्कर
जैसी परेशानियां सामने आईं।
Doctor टीम ने बताया कि अस्पताल में भर्ती बच्चों की स्थिति फिलहाल स्थिर है। उन्हें प्राथमिक उपचार देकर ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। अस्पताल प्रबंधन ने यह भी कहा है कि मरीजों को Immediate Medical Response मिलने से स्थिति नियंत्रित हो सकी।

प्रदूषण की वजह – Synthetic Cloth और Multi-Fiber जलाए जाने का खुलासा

घटना सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने Immediate Investigation के आदेश जारी किए।
ADM Ratan Lal ने बताया कि Pollution Control Board (PCB) की टीम मौके पर पहुंची
आसपास के इलाके से Air Samples लिए गएप्रदूषण के स्रोत की जांच की जा रही है
PCB की प्रारंभिक रिपोर्ट में सामने आया है कि प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके के पास मौजूद एक भट्टी में
Synthetic Clothes, Multi-Fiber Waste और Industrial Residue
को Illegal Burning किया जा रहा था।
इनके जलने से भारी मात्रा में जहरीला धुआं, कार्बन तत्व, रासायनिक कण हवा में फैल गए, जिससे स्थानीय निवासियों को अचानक सांस लेने में परेशानी शुरू हो गई।

Sikar में बढ़ता औद्योगिक दबाव – Pollution Norms का पालन नहीं

स्थानीय निवासियों ने बताया कि शहर में पिछले कुछ वर्षों में
कई फैक्ट्रियां
छोटी–बड़ी भट्टियां
Textile Processing Units
लगातार विकसित हुई हैं, लेकिन Industrial Pollution Control Norms का पालन गंभीरता से नहीं किया जाता।
लोगों का कहना है: कई इकाइयां रात में कपड़ा, कचरा और रासायनिक पदार्थ जलाती हैं, धुआं सीधे हवा में फैलता है, प्रशासन को कई बार शिकायतें दी गईं लेकिन Strong Legal Action न होने से समस्या लगातार बढ़ती जा रही है।
इसके अलावा शहर और आसपास में गाड़ियों की तेज़ी से बढ़ती संख्या, Construction Dust, Industrial Expansion ने भी Air Quality Index (AQI) को लगातार खराब किया है।

This is Not Just Sikar – भारत में Air Pollution National Emergency जैसा

सीकर की यह घटना सिर्फ एक जिला समस्या नहीं है। भारत के कई हिस्सों में Air Pollution “Life–Threatening Crisis” बन चुका है।
दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, पटना जैसे शहर हर वर्ष
Severe AQI Zone में पहुंच जाते हैं।
अब वक्त आ गया है कि—
National Level पर Strong Environmental Regulation लागू हो
Illegal burning पर सख्त कार्रवाई हो
Industries से Pollution control पूरी तरह लागू कराया जाए
Clean Energy और Green Mobility को प्रमोट किया जाए

पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि यदि

Government, Industries और Citizens मिलकर तुरंत ठोस कदम नहीं उठाते, तो आने वाले वर्षों में
स्वास्थ्य समस्याएं महामारी की तरह बढ़ सकती हैं।
सीकर की घटना देश को एक चेतावनी देती है कि “Air Pollution अब Development की कीमत नहीं बन सकता”, बल्कि अब Environmental Protection को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाना ही होगा।

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