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December 6, 2025

Afghanistan में Abortion Banned, मजबूरी में मां ने पत्थर से दबाया बेटी का पेट, कई ने लीं गर्भपात दवाएं

The CSR Journal Magazine
अफ़गानिस्तान में अबॉर्शन पूरी तरह से प्रतिबंधित है और इसे केवल तब अनुमति है जब मां की जान खतरे में हो। कानून का उल्लंघन करने पर महिलाएं और डॉक्टर दोनों जेल की सजा भुगत सकते हैं। इसके कारण महिलाएं सुरक्षित मेडिकल अबॉर्शन तक नहीं करवा पातीं। समाज में बेटियों को बोझ माना जाता है, जिससे महिलाओं को गुप्त और खतरनाक तरीके अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। तालिबान के बाद स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं पर पाबंदी बढ़ गई है। गरीब परिवारों में डर, शर्म और मजबूरी के चलते कभी-कभी मां ही अबॉर्शन करने को मजबूर होती है।तालिबान शासन के बाद से स्थिति और भी जटिल हो गई है, जिससे कई महिलाएं अपनी जान जोखिम में डालकर गुप्त गर्भपात करने को मजबूर हैं।

गुप्त और खतरनाक तरीके अपनाने को मजबूर महिलाएं

एएफपी के मुताबिक काबुल की 35 वर्षीय बहारा (बदला हुआ नाम) अपनी पांचवीं गर्भावस्था के दौरान मुश्किल में फंस गईं। उनके बेरोज़गार पति ने साफ कर दिया कि वे कोई लड़की नहीं चाहते। जब बहारा ने अस्पताल में मदद मांगी, तो डॉक्टरों ने उन्हें चेतावनी दी कि अगर वे गर्भपात करें तो जेल जाना पड़ेगा। मजबूरी में बहारा ने बाजार से केवल दो डॉलर का हर्बल ड्रिंक लिया, जिसे भ्रूण संकुचन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ड्रिंक लेने के बाद उनका खून बुरी तरह बहा और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर भ्रूण के अवशेष निकाले। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हर्बल उपचार जानलेवा हो सकते हैं और गंभीर रक्तस्राव का कारण बन सकते हैं।

अन्य महिलाओं की दर्दनाक कहानियां

एएफपी के मुताबिक बहारा की तरह ही कई महिलाएं ऐसे खतरनाक उपायों पर निर्भर हैं। नेसा नामक एक महिला ने मलेरिया की दवा का उपयोग किया, जिसे भ्रूण के लिए विषैली माना जाता है। इसके बाद वह बेहोश होकर अस्पताल पहुंची। डॉक्टरों ने भ्रूण निकाल दिया, लेकिन अनुभव उसे आज भी डराता है। 22 वर्षीय मरियम की कहानी और भी भयावह है। समाजिक दबाव और आर्थिक मजबूरी के चलते उसकी मां ने गर्भस्थ शिशु को मारने के लिए पेट पर भारी पत्थर रखा। मरियम के शरीर पर गहरा असर पड़ा और वह आज लगातार पेट दर्द और अवसाद से जूझ रही हैं।

कानून की सख्ती और स्वास्थ्य संकट

अफ़गानिस्तान में कानूनी रूप से गर्भपात केवल तब अनुमति है जब मां की जान खतरे में हो। लेकिन व्यवहार में यह बेहद दुर्लभ है। 2021 के बाद अस्पतालों में “गर्भपात” की बजाय “गिर्त गर्भ” (miscarriage) के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है, जिनमें अक्सर गुप्त गर्भपात छिपा होता है।

परिवार नियोजन सेवाओं की कमी और सामाजिक प्रतिबंध

महिलाओं की शिक्षा पर पाबंदी, अस्पतालों में बढ़ती जांच और परिवार नियोजन सेवाओं में कटौती ने माहौल और खतरनाक बना दिया है। परिणामस्वरूप महिलाएं अनजान, अवैध और जानलेवा तरीकों पर निर्भर हो रही हैं। अफ़गानिस्तान पहले ही दुनिया के सबसे अधिक मातृ मृत्यु दर वाले देशों में शामिल है, और स्थिति सुधरने की बजाय और बिगड़ती दिख रही है।
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