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अल्ट्राटेक सीमेंट पर लगा सीएसआर में गड़बड़ी का आरोप

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अल्ट्राटेक सीमेंट पर सीएसआर में गड़बड़ी का आरोप, चंद्रपुर के प्लांट पर धरना प्रदर्शन
 
अपने आप को देश का नंबर वन सीमेंट कंपनी घोषित करने वाली आदित्य बिरला ग्रुप की अल्ट्राटेक सीमेंट पर सीएसआर में गड़बड़ी का आरोप लगा है। Aditya Birla Group की UltraTech Cement Ltd. के CSR में गड़बड़ी के खिलाफ एक नहीं बल्कि 10 ग्राम पंचायतों ने मोर्चा खोल दिया है। महाराष्ट्र के चंद्रपुर में कोरपना तालुका के अवारपुर में अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी के खिलाफ दत्तक गांव के 10 ग्राम पंचायतों के सरपंच, उप-सरपंच और सदस्यों द्वारा UltraTech Cement Ltd. के CSR में गड़बड़ी के खिलाफ पिछले तीन दिनों से धरना आंदोलन किया जा रहा है और मांगें नहीं मानने पर गुरुवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करने की योजना है।

अल्ट्राटेक सीमेंट के सीएसआर में गड़बड़ी और भेदभाव का आरोप

विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कंपनी के गोद लिए गांव के सरपंच, उपसरपंच और सदस्य शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है, जिसके बाद उन्होंने भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। हम आपको बता दें कि सरपंचों और ग्राम पंचायत पदाधिकारियों का आरोप है कि अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी अपने सीएसआर फंड में गड़बड़ी कर रही है और स्थानीय ग्राम पंचायतों को जरूरी फंड उपलब्ध नहीं करा कर दूसरे इलाकों, जिलों और प्रदशों में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड्स दिया जा रहा है।

राजनेताओं के दबाव में हो रहा है अल्ट्राटेक सीमेंट के सीएसआर का इस्तेमाल

The CSR Journal से ख़ास बातचीत करते हुए बिबी गांव के उपसरपंच आशीष डेरकर ने बताया कि “Aditya Birla Group की UltraTech Cement Ltd. ग्राम पंचायत प्रशासन को भरोसे में ना लेते हुए गैरजरूरी और अपनी सुविधा और अपनी मनमानी के अनुसार CSR Fund की धनराशि खर्च कर रही है। जिसका विरोध ये सभी ग्राम पंचायत के लोग कर रहे है। इन मांगों के साथ अन्य मांगें जैसे स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार दिया जाए। कंपनी को मानिकगढ़ में लाइम स्टोन का परिवहन तुरंत बंद करना चाहिए और आईटीआई छात्रों को प्रशिक्षु के रूप में भर्ती करना चाहिए। शिवरा गांव में पांडन सड़क की मरम्मत कंपनी के माध्यम से करायी जाये” ये भी मांगें है।

अल्ट्राटेक सीमेंट प्लांट की वजह से स्थानीय गावों में ग्रामीण हो रहे हैं बीमार

बिबी गांव के उपसरपंच आशीष डेरकर ने The CSR Journal को आगे बताया कि “एजुकेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ जैसे सेक्टर में इन गावों में बहुत कुछ किया जाना चाहिए लेकिन सीएसआर का पैसे राजकीय नेताओं की पैरवी पर दूसरे जिलों और दूसरे राज्यों में डायवर्ट किया जा रहा है। जबकि सीमेंट फैक्ट्री के बढ़ते प्रदूषण के कारण डाटाक गांव में रहने वाले कई नागरिक कैंसर, अपेंडिक्स, हर्निया, त्वचा रोग जैसी बीमारियों से पीड़ित हैं और कई लोग अपनी जान भी गंवा चुके हैं। इसलिए बढ़ते प्रदूषण को रोकना चाहिए। कंपनी की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, लेकिन कंपनी क्षेत्र के नागरिकों की जान से खिलवाड़ कर रही है। स्थानीय सरपंचों ने यूनिट के सीएसआर हेड सतीश मिश्रा से भी बातचीत की लेकिन कोई ठोस निष्कर्ष नहीं निकला अब प्रदर्शनकारी यूनिट हेड पी श्रीराम से बात करने पर अड़े है।

UltraTech Cement Ltd. Aditya Birla Group की कंपनी है

गौरतलब है कि UltraTech Cement Ltd. Aditya Birla Group की कंपनी है और Kumar Mangalam Birla (कुमार मंगलम बिरला) कंपनी के Chairman है और  Rajashree Birla (राजश्री बिरला) CSR कमिटी की Chairperson है और साल 2021-22 में अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड ने 5149 करोड़ का औसतन नेट प्रॉफिट कमाया और 2 फीसदी हिस्सा यानी 103 करोड़ कानूनन सीएसआर खर्च करना चाहिए। वही बात करें साल 2022-23 में अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड ने 6,729.45 करोड़ का औसतन नेट प्रॉफिट कमाया और 2 फीसदी हिस्सा यानी 134.59 करोड़ कानूनन सीएसआर खर्च करना चाहिए। साथ ही सीएसआर कानून में ये भी स्पष्ट बताया गया है कि Corporate Social Responsibility Funds खर्च करते हुए स्थानीय इलाकों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए बावजूद इसके सीएसआर फंड के नाम पर कंपनी कई संस्थाओं और अधिकारियों को दूसरे जिलों में फंड का हिस्सा बांट रही है। जिसके खिलाफ ये प्रदर्शन जारी है।