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March 28, 2025

अडानी के टैक्स से मालामाल हो रही है मोदी सरकार, अडानी ग्रुप ने चुकाये 58 हज़ार करोड़ का टैक्स

एशिया के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी के ग्रुप कंपनीज ने टैक्स देने को लेकर बड़ा इतिहास रचा है। अडानी ग्रुप की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में 58 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स जमा किया है। इसका मतलब है कि ग्रुप की ओर से हर घंटे 6.63 करोड़ रुपए का टैक्स चुकाया है। वैसे अडानी ग्रुप की कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022-23 में 46,610 करोड़ रुपये का टैक्स कर्ज चुकाया था।  इसका मतलब है कि उससे पहले वर्ष में अडानी ग्रुप की ओर से हर घंटे 5.32 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाया था। Adani Group Pays Rs 58,104 Crore Tax in FY24

अडानी की इन कंपनियों का है टैक्स में योगदान, भारत के खजाने में देते हैं अहम योगदान

ग्लोबल लीडर अदाणी ग्रुप ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपनी टैक्स ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट जारी की है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए, अदाणी ग्रुप का कुल ग्लोबल टैक्स और राजकोष के लिए अन्य योगदान 58,104.4 करोड़ रुपए रहा, जो पिछले वर्ष 46,610.2 करोड़ रुपए की तुलना में उल्लेखनीय रूप से अधिक है। यह योगदान सूचीबद्ध कंपनियों के माध्यम से किया गया है। इस रिपोर्ट में सात सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा प्रकाशित स्वतंत्र रिपोर्टों का विवरण दिया गया है, जिसमें अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन लिमिटेड, अदानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड, अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड, अदाणी पावर लिमिटेड, अदाणी टोटल गैस लिमिटेड और अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड शामिल हैं। इस आंकड़े में एनडीटीवी, एसीसी और सांघी इंडस्ट्रीज द्वारा भरे गए टैक्स भी शामिल हैं, जो इन सात कंपनियों के स्वामित्व में हैं।

सरकार को टैक्स देने के मामले में Gautam Adani ने ये कहा

अदाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अदाणी (Gautam Adani on Tax) ने कहा,”पारदर्शिता विश्वास की नींव है और विश्वास सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए आवश्यक है। भारत के सबसे बड़े करदाताओं में से एक के रूप में, हम मानते हैं कि हमारी जिम्मेदारी केवल अनुपालन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ईमानदारी और जवाबदेही के साथ काम करने के लिए भी है। हमारे राष्ट्र की वित्तीय व्यवस्था में हर एक रुपया योगदान हमारी पारदर्शिता और सुशासन के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक रूप से साझा करके, हम हितधारकों का अधिक विश्वास प्राप्त करना चाहते हैं और ज़िम्मेदार कॉर्पोरेट बिहेवियर के लिए नए मानक स्थापित करना चाहते हैं।”

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