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अडानी फाउंडेशन ने सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से गुडूर की ग्रामीण महिलाओं को बनाया सशक्त

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अडानी फाउंडेशन ने सेल्फ हेल्प ग्रुप्स से गुडूर की ग्रामीण महिलाओं को बनाया सशक्त
 
सीमेंट और निर्माण सामग्री में अग्रणी कंपनी एसीसी के सीएसआर पहल से महिलाएं सशक्त बन रही है। अडानी फाउंडेशन के साथ मिलकर एसीसी टिकरिया उत्तर प्रदेश में ग्रामीण उद्यमिता यानी Rural Entrepreneurship को बढ़ावा दे रही है। इस पहल के तहत ACC Cements और अडानी फाउंडेशन (Adani Foundation) ने टिकरिया में 12 सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (SHGs) का गठन किया है जो कि ग्रामीण क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक स्थिति को बदलने का प्रयास कर रहे हैं। गुडूर ग्राम पंचायत की आबादी लगभग 2,000 की है। पहले ये पंचायत सामाजिक-आर्थिक समस्याओं से जूझ रही थी।

एसीसी और अडानी फाउंडेशन ने स्थापित किया सेल्फ हेल्प ग्रुप्स, ग्रामीण महिलाओं की कमाई में बढ़ोतरी

यहां के अधिकांश लोग कृषि और मजदूरी पर निर्भर थे और अक्सर गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे थे। गांव में आवश्यक सेवाएं जैसे कि अस्पताल, बैंक और बाजार 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं, जो कि गांव के लोगों के लिए पहुंच से बाहर थी। इस स्थिति को देखते हुए, एसीसी ने अडानी फाउंडेशन के सहयोग से 12 सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की स्थापना की। इन समूहों के माध्यम से स्माल फाइनेंस और व्यवसाय प्रशिक्षण प्रदान किया गया, जिससे कई परिवारों का जीवन स्तर सुधर रहा है और उन्हें अपनी आजीविका को बेहतर बनाने में मदद मिल रही है।

अदाणी फाउंडेशन की पहल से गांव की सामाजिक-आर्थिक विकास हुई

गांव की 54 वर्षीय महिला सुंद्रा के जीवन में इस पहल ने बड़ा परिवर्तन लाया है। उन्होंने अपने SHG के माध्यम से 1.50 लाख का लोन लिया और इसका उपयोग कृषि उपकरणों में निवेश करने के लिए किया। यह कदम राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत किया गया, और आज वह हर महीने 15,000 की कमाई कर रही हैं। इस कमाई से उनके परिवार की जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव आया है और उनकी आर्थिक स्थिति में भी बदलाव आया है। एसीसी और अदाणी फाउंडेशन की इस पहल से सुंद्रा जैसे ग्रामीणों की सशक्तिकरण की कहानियां सामने आई हैं। यह पहल गांव में आर्थिक विकास को बढ़ावा दे रही है। जहां ग्रामीणों ने चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया है। इन प्रयासों से न केवल ग्रामीण समुदाय में सुधार आया है बल्कि आत्मनिर्भरता की भावना भी जागृत हुई है।