देश के कई जैसे जिले है आज भी हैं जहां बच्चे और गर्भवती माताएं कुपोषण की मार झेल रही है। ऐसे में कुपोषण के खात्मे के लिए अदाणी फाउंडेशन आगे आया है। फॉर्च्यून सुपोषण परियोजना अदाणी विल्मर की एक प्रमुख पहल है, जिसे अदाणी फाउंडेशन द्वारा भारत के 11 राज्यों में 17 स्थानों पर कार्यान्वित किया जाता है। इस परियोजना के जरिये 5 साल से कम उम्र के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में कुपोषण और एनीमिया को कम करने के लिए सरकार के पोषण अभियान में योगदान देता है। Adani Foundation की ये परियोजना समुदाय स्तर की स्वयंसेवक के माध्यम से समुदाय में पहुंचाई जाती है, जिन्हें सुपोषण संगिनी के रूप में जाना जाता है। इन संगिनियों को कुपोषित बच्चों की पहचान करने और उन्हें रेफर करने, घर-आधारित परामर्श प्रदान करने, खाना पकाने का प्रदर्शन करने, फोकस समूह चर्चा और पोषण शिविर आयोजित करने, ग्राम-स्तरीय कार्यक्रम आयोजित करने, किचन गार्डन विकसित करने और कुपोषण से संबंधित मुद्दों के बारे में सामुदायिक जागरूकता पैदा करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh News) के विदिशा जिले में 11 सितंबर को इस परियोजना का शुभारंभ किया गया जहां समाज और सरकार के जिम्मेदार लोगों ने कुपोषण और एनीमिया जैसे संवेदनशील मुद्दों पर काम करने के महत्व को व्यक्त किया। उन्होंने इस महान कार्य को शुरू करने के लिए हर संभव समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई। विदिशा जिले में, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण NFHS-5 के अनुसार, पांच साल से कम उम्र के बच्चों में स्टंटिंग (बौनापन) दर 41.1%, अंडरवेट (कम वजन) 40.4% बच्चे के हैं, और वास्टिंग (दुबलापन) 21.4% है। प्रोजेक्ट फॉर्च्यून सुपोषण का उद्देश्य प्रधानमंत्री के सुपोषित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पोषण अभियान का समर्थन करना और कुपोषण और एनीमिया मुक्त समाज के लिए ICDS के काम में योगदान देना है।
कुपोषण पर Adani Foundation देश के 11 राज्यों में कर रही है काम
प्रत्येक सुपोषण संगिनी तीन आंगनवाड़ी केंद्रों के साथ सहयोग करेगी और निगरानी और माप, परिवार परामर्श, समूह चर्चा, किचन गार्डन और वॉश बास्केट विकसित करने और IYCF और WASH घटकों को मजबूत करने के लिए काम करेगी। यह काम ICDS विभाग के समन्वय में किया जाएगा। प्रत्येक संगिनी को वेट मशीन, इन्फैंटोमीटर, स्टेडियोमीटर और एक आधुनिक टैबलेट से लैस किया जाएगा। कार्यक्रम में सुपोषण टीम, जिला पंचायत पदाधिकारी, ICDS और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सुपोषण संगिनी सहित 170 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। पोषण माह अंतर्गत अदाणी वीलमार द्वारा आऐ हुवे सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओ, आशा बहनों को एवम सुपोषण संगिनी को हाइजीन किट वितरित किये गए। प्रोजेक्ट फार्च्यून सुपोषण, विदिशा की सुपोषण अधिकारी गुन मालविया ने संपूर्ण कार्यक्रम का बेहद बेहतरीन तरीके से सञ्चालन कर सफल कार्यक्रम सुनिश्चित किया।