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नए साल के पहले दिन जानें 2024 के वो मुद्दे जो बनेंगे सुनहरे भारत का भविष्य

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नए साल के पहले दिन जानें 2024 के वो मुद्दे जो बनेंगे सुनहरे भारत का भविष्य
 
2023 को अलविदा कहने के बाद 2024 बाहें फैलाकर हम सबके स्वागत के लिए खड़ा है। साल 2024 भारत के सुनहरे भविष्य का नया अध्याय लिखेगा। साथ ही भारत के लिए अवसर के साथ चुनौतियां भी लेकर आएगा। राम मंदिर के उद्घाटन के साथ की प्राण प्रतिष्ठा, 2024 लोकसभा चुनाव, टी-20 विश्वकप समेत तमाम ऐसी चीजें, घटनाएं और प्रोजेक्ट्स इनॉगरेटर होने वाली हैं जो इस साल इतिहास के पन्ने में दर्ज हो जाएंगी। New Year 2024 की शुरुआत हो चुकी है और भारत समेत दुनियाभर में बड़ी-बड़ी घटनाओं का इंतज़ार कर रहा है। आने वाले महीनों में आर्थिक उथल-पुथल, राजनीतिक हलचल, वैज्ञानिक प्रगति और सामाजिक परिवर्तन की लहर दौड़ सकती है। आइए नजर डालते हैं उन बड़ी घटनाओं पर, जिनपर नए साल में सबकी निगाहें टिकी रहेंगी। What Will Happen in 2024 in India

भारत में होगा लोकसभा चुनाव 2024, क्या होगी नरेंद्र मोदी की वापसी या INDIA की होगी दावेदारी

भारत के लिए 2024 का सबसे महत्वपूर्ण इवेंट होगा 18वीं लोकसभा के लिए होने वाले आम चुनाव। बीजेपी सरकार सत्ता में बने रहने की कोशिश करेगी, वहीं विपक्षी दल एकजुट होकर उसे चुनौती देने की तैयारी में हैं। चुनाव नतीजे न सिर्फ भारत की घरेलू नीतियों को बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की भूमिका को प्रभावित करेंगे। भारत में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election In India 2024) के लिए अप्रैल और मई 2024 तक लोकसभा चुनाव होने की उम्मीद है। (Lok Sabha Elections 2024) लोकसभा का कार्यकाल 16 जून 2024 को समाप्त होने वाला है। पिछला लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई 2019 में हुए थे। चुनाव के बाद, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने केंद्र सरकार बनाई, जिसमें नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने रहे (PM Narendra Modi) चुनाव लड़ने वाले 6 राष्ट्रीय दल हैं जिनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP), कांग्रेस (Congress), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI(M), बहुजन समाज पार्टी (BSP), नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और आम आदमी पार्टी (AAP) इन पार्टियों में बीजेपी और कांग्रेस चुनाव के मुख्य दावेदार हैं (Lok Sabha Elections 2024 National Parties).

अयोध्या में अब तक राष्ट्रीय मुद्दा रहने वाला राम मंदिर का निर्माण होगा पूरा

कई सालों से देश की राजनीति राम मंदिर के इर्दगिर्द घूमती थी। लेकिन अब ये राष्ट्रीय मुद्दा ना होकर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir In India) ना सिर्फ बनकर तैयार है बल्कि उसका उद्घाटन भी होने जा रहा है। साल 2024 के जनवरी तक भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। आगामी 22 जनवरी को देशभर की नजर अयोध्या पर होंगी। इसी दिन राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों से प्रतिमा की स्थापना की जानी है। फिलहाल मंदिर के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है और लाखों श्रद्धालु इसके उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। राम मंदिर का उद्घाटन न केवल भारत, बल्कि दुनियाभर के हिंदू समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक घटना होगी।  राम मंदिर सिर्फ धार्मिक और राजनीतिक रूप से ही बड़ा नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए भी बहुत ज़रूरी है। यूपी भारत के गरीब राज्यों में से एक माना जाता है, लेकिन वहां 2017 से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राजनीतिक स्थिरता लौटी है, जिससे आर्थिक विकास के भी संकेत मिले हैं। लेकिन राम मंदिर के उद्घाटन के बाद ये विकास दोगुना होने वाला है।

Census 2011 के बाद फिर से जनगणना का इंतजार, गगनयान की होगी उड़ान

साल 2011 में आखिरी Census हुआ था और उसके बाद सालों से टली हुई जनगणना 2024 में होनी ही चाहिए। ये न सिर्फ चुनाव क्षेत्रों के सीमांकन के लिए जरूरी है, बल्कि संसद में पास हो चुके 33 फीसदी महिला आरक्षण बिल को लागू करने के लिए भी जरूरी है। अगर इस साल जनगणना शुरू हुई, तो नतीजे 2025 तक ही मिलेंगे, जिससे 2029 तक लोकसभा सीटें बढ़ाने का काम थोड़ा मुश्किल हो जाएगा। 2024 में अच्छी बारिश की उम्मीद के साथ-साथ, ‘गगनयान’ प्रोजेक्ट भी पूरे साल सुर्खियों में रहेगा। इस साल कई टेस्ट लॉन्च होंगे, और अगर सबकुछ ठीक रहा, तो ये भारत के पहले मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन की तैयारियों को गति देंगे। कुल मिलाकर, 2024 एक ऐसा साल हो सकता है जिसमें भारत कई क्षेत्रों में ऊंचाइयां छू सकता है, बस ज़रूरत है चीजों के सही दिशा में चलने की। What will happen in India in 2024

जम्मू कश्मीर में होंगे विधानसभा चुनाव? उसके बाद जम्मू-कश्मीर को मिलेगा राज्य का दर्जा

जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव होंगे, लेकिन सबसे बड़ी बात शायद सितंबर से पहले राज्य का दर्जा बहाल होना है। (Jammu Kashmir Latest News on Election) अनुच्छेद 370 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसले को सही ठहराते हुए वहां राज्य बहाली का रास्ता जल्द से जल्द स्पष्ट करने को कहा था। राज्य में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसके बाद बीजेपी और पीडीपी की गठबंधन सरकार वर्ष 2015 में सत्तासीन हुई थी। भाजपा की ओर से समर्थन वापस लेने के बाद 19 जून 2018 को महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था और उसके बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हुआ। बाद में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। इसके बाद पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित किया गया। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के मुताबिक 31 अक्टूबर 2019 को अस्तित्व में आए केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल शासन की बागडोर संभाले हुए हैं। इस समय उपराज्यपाल के रूप वहां मनोज सिन्हा कमान संभाले हुए हैं। अब चुनाव होने के बाद जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा मिलेगा।

विश्व अर्थव्यवस्था की अनिश्चितता लेकिन भारत की स्थिरता

वैश्विक अर्थव्यवस्था अभी भी कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव से उबर रही है। 2024 में आर्थिक मंदी, मुद्रास्फीति और रोजगार के मुद्दे महत्वपूर्ण रहेंगे। बड़े देशों के आर्थिक फैसले दुनियाभर पर असर डालेंगे। लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार उछाल जारी रहने वाली है। 2023-24 में भारत की अर्थव्यवस्था 7% तक बढ़ने की उम्मीद है, और 2024-25 भी उतना ही शानदार रह सकता है, अगर अमेरिका और यूरोप भारी मंदी में न फंसें। भारत के अंदरूनी हालात अच्छे हैं, खासकर चुनावी सालों में राज्यों का खर्च बढ़ने से। 2024 में लोकसभा चुनाव के अलावा, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में भी विधानसभा चुनाव होने हैं।

2024 में विश्व पर पड़ेगा युद्धों का असर, भारत होगा बेअसर

हमारे आर्थिक और राजनीतिक हालात पर ज्यादातर असर अंदरूनी ही होगा, लेकिन बाहरी घटनाएं भी उन पर प्रभाव डालती हैं। एक राहत की बात यह है कि रूस-यूक्रेन युद्ध शायद खत्म होने की तरफ बढ़ रहा है, क्योंकि यूक्रेन को मदद देने वाले देश अब थकने लगे हैं। दूसरी तरफ, इजरायल-हमास के बीच हो रहा युद्ध दुनिया भर के लिए आर्थिक और राजनीतिक तौर पर नुकसानदायक हो सकता है। अगर दोनों ही युद्धों का अंत समझौते पर हो, तो 2024 का साल 2023 से काफी बेहतर होगा। लेकिन भारत पर इसका सीधा असर ना ही हुआ है और साल 2024 में होगा।

पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों और अमेरिका और ब्रिटेन में चुनाव

कुछ विदेशी घटनाएं हमें चिंतित करती हैं, जिनमें हमारे पड़ोसी देशों बांग्लादेश और पाकिस्तान के चुनाव भी शामिल हैं। बांग्लादेश में 7 जनवरी और पाकिस्तान में 8 फरवरी को चुनाव होने वाले हैं। पाकिस्तान में चाहे कोई भी जीते, हमारे लिए बहुत कुछ नहीं बदलेगा। लेकिन अगर बांग्लादेश में शेख हसीना की हार होती है, तो हमारे लिए चीजें थोड़ी मुश्किल हो सकती हैं, क्योंकि नई सरकार चीन के ज्यादा करीब हो सकती है। इसके साथ ही अमेरिका और ब्रिटेन में इस साल के अंत में चुनाव होने वाले हैं, जिनका भारत की वैश्विक स्थिति पर भी असर पड़ेगा। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प का जीतना किसी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार से बेहतर हो सकता है, लेकिन हम तो हर तरह के राष्ट्रपतियों के साथ रहना सीख चुके हैं। ब्रिटेन में अगर लेबर पार्टी जीतती है, तो फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की संभावना खतरे में पड़ सकती है या उसमें देरी हो सकती है, लेकिन सच कहें तो यह एग्रीमेंट हमारे लिए कोई बहुत बड़ा बदलाव नहीं लाएगा।

2024 में भारत समेत दुनिया पर छायेगा क्रिकेट का जुनून मचेगी T20 World Cup की धूम, होगा ओलंपिक खेलों का आगाज

2024 में खेल जगत में सबसे ज्यादा धूम मचेगी क्रिकेट की T20 विश्व कप। ये जून में अमेरिका और वेस्ट इंडीज में होगा। उम्मीद है इस बार हमारी भारत की टीम 2023 के वनडे विश्व कप जैसा निराश नहीं करेगी। इससे पहले, मार्च-मई में भारत में महिला आईपीएल और पुरुष आईपीएल का भी रोमांच देखने को मिलेगा। इसके साथ ही पेरिस 2024 ओलंपिक खेल दुनिया भर के एथलीटों और खेल प्रेमियों के लिए एक बड़ा आयोजन होगा। भारत के लिए इन खेलों में पदक जीतने की उम्मीदें काफी बढ़ी हुई हैं। नीरज चोपड़ा, मीराबाई चानू जैसे दिग्गजों से शानदार प्रदर्शन की आशा की जा रही है।

जलवायु परिवर्तन का संकट लेकिन वैज्ञानिक और तकनीकी में होगी भारत की प्रगति

जलवायु परिवर्तन का संकट दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। 2024 में इस मुद्दे पर और ध्यान आकर्षित करने के लिए ग्लोबल वार्मिंग के अनुभव, नई रिपोर्ट्स और शायद कुछ बड़े प्राकृतिक आपदाएं भी हो सकती हैं। लेकिन Technology Development in India में 2024 में वैज्ञानिक और तकनीकी विकास के और छलांग लगाने की संभावना है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence), अंतरिक्ष के शोध, Medical Science चिकित्सा विज्ञान और ऊर्जा के क्षेत्र में नई खोजें और नवाचार सामने आ सकते हैं। सामाजिक परिवर्तन का आंदोलन भी संभव है। साल 2024 में भी सामाजिक परिवर्तन के लिए आंदोलन जारी रहेंगे। महिला अधिकार, जलवायु न्याय, नस्लीय भेदभाव के खिलाफ लड़ाई और एलजीबीटीक्यू (LGBTQ) समुदाय के अधिकारों जैसे मुद्दे प्रमुख रहेंगे।

2024 में Infrastructure Development में भारत की ऊंची होगी उड़ान

भारत वित्त वर्ष 2023-24 से 2029-30 के बीच बुनियादी ढांचे पर लगभग 143 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगा। रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने यह अनुमान जताते हुए कहा कि यह रकम पिछले सात वित्त वर्षों (2017-23) में खर्च किए गए 67 लाख करोड़ रुपये की तुलना में दोगुना से भी अधिक है। समीक्षाधीन अवधि में कुल 36.6 लाख करोड़ रुपये का निवेश हरित परियोजनाओं में होगा जो 2017-2023 के मुकाबले पांच गुना है। भारत का बुनियादी ढांचा खर्च 2017 से 2023 की तुलना में 2024-30 के बीच दोगुना होकर 143 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। दिल्ली से सटे हुए पश्चिमी यूपी में नोएडा अब स्टार्ट-अप हब बन चुका है, ठीक वैसे ही जैसे हरियाणा गुरुग्राम की वजह से तरक्की कर गया। राम मंदिर से पूरब के यूपी को भी फायदा होगा, जहां अभी कम विकास हुआ है। धार्मिक पर्यटन और बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर से ये इलाका भी आगे बढ़ेगा। अगर काशी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों को भी उसी तरह विकसित किया जाए, तो यूपी तेजी से तरक्की करेगा। यूपी के साथ, पूरे भारत का विकास होगा। 2024 की आशा यही है कि यूपी उड़ान भरने को तैयार है।

इंटरनेशनल शहर में होगा देश का पहला सबसे लंबा समुंद्री पुल

मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (Mumbai Trans Harbour Link) भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल है। (India’s Longest Sea Bridge) यह मुंबई को इसके सैटेलाइट शहर नवी मुंबई से जोड़ता है। यह 21.8 किलोमीटर लंबा और 6 लेन का एक्सप्रेस वे ग्रेड रोड ब्रिज है। इसका 16.5 किलोमीटर हिस्सा समुद्र पर और 5.5 किलोमीटर हिस्सा धरती पर है। 18,000 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पुल का उद्घाटन 12 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे और मुंबई-गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ता है। इससे मुंबई और नवी मुंबई के बीच की यात्रा के समय में करीब 60 मिनट की कमी आने की उम्मीद है। इस पुल के बनने के बाद, मुंबई से गोवा तक दो घंटे पहले पहुंचा जा सकेगा। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक की शुरुआत 1963 में हुई थी। तब इसे उरण ब्रिज के नाम से प्रस्तावित किया गया था। हालांकि, इसे गति पकड़ने में कई साल लगे। पहला ठोस प्रयास 2006 में किया गया था। अब जाकर ये संभव हो पायेगा।
ये साल 2024 की कुछ बड़ी घटनाएं और प्रोजेक्ट हैं, जिन्हें New Year 2024 में दुनियाभर में देखा जायेगा। यह साल किस तरह से मोड़ लेता है, यह देखना होगा, लेकिन इतना तय है कि 2024 के घटनात्मक में भारत इतिहास रचेगा।